कुरुक्षेत्र में मालगाड़ी के आगे कूदी महिला: एक्सीडेंट में टांग कटी; अस्पताल में जान गई

इलाज के लिए भर्ती नीलम। (फाइल फाेटो)

नरेन्‍द्र सहारण,  कुरुक्षेत्र : Kurukhetra News:  18 मार्च की सुबह हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के सोलू माजरा में सूरज की किरणें खेतों पर चमक रही थीं। सुरेंद्र और उसकी पत्नी नीलम अपने खेत में काम कर रहे थे। यह एक सामान्य दिन था, जैसे वे अक्सर बिताते थे। किसान परिवारों के लिए हर दिन मेहनत करना बहुत जरूरी होता है, ताकि वे अपनी जरूरतों को पूरा कर सकें। लेकिन उस दिन की सामान्यता जल्द ही एक दर्दनाक पल में बदल गई।

मानसिक स्वास्थ्य की चुनौतियां

नीलम (42) के जीवन की कहानी में उसकी मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी चुनौतियां थी। उसके पति सुरेंद्र ने बताया कि नीलम पिछले कुछ समय से मानसिक रुप से परेशान चल रही थी। उसकी हालत की गंभीरता को देखते हुए वह मोहाली से इलाज करवा रही थी। मानसिक स्वास्थ्य एक ऐसा मुद्दा है जो अक्सर परिवारों में छिपा रहता है। नीलम की परेशानी को समझने और उसका समर्थन करने के बजाय समाज में इसे नजरअंदाज कर दिया जाता है। इससे नीलम की हालत और बिगड़ गई।

घटना का सामना

जैसे ही सुबह का समय बीता, नीलम और सुरेंद्र अपने खेत में काम करते रहे। अचानक एक मालगाड़ी का शोर सुनाई दिया। नीलम के मानसिक स्थिति को बुरी तरह प्रभावित किया। सुरेंद्र के अनुसार, नीलम ने अचानक ट्रेन की ओर दौड़ना शुरू कर दिया। यह कुछ ही क्षणों की बात थी ट्रेन की आवाज और नीलम का दौड़ना एक असाधारण स्थिति को जन्म दे दिया।

दर्दनाक दुर्घटना

ट्रेन की गति तेज थी और नीलम की ओर बढ़ते हुए उसने खुद को बचाने का कोई प्रयास नहीं किया। नतीजतन, ट्रेन की चपेट में आने से उसकी एक टांग कट गई। यह दृश्य सुरेंद्र के लिए एक अनायास बड़ा आघात था। वह अपनी पत्नी को देखकर बेताब हो गया और उसके पास दौड़ा। नीलम बुरी तरह जख्मी थी और ऐसा लग रहा था कि वह अपनी स्थिति को समझ नहीं पा रही थी।

तात्कालिक उपचार

परिजनों की मदद से सुरेंद्र ने नीलम को तुरंत कुरुक्षेत्र के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल पहुंचने के बाद डॉक्टरों ने नीलम की गंभीर स्थिति को देखते हुए त्वरित उपचार शुरू किया। लेकिन उस वक्त तक काफी देर हो चुकी थी। नीलम का शरीर गंभीर चोटों का सामना नहीं कर सका और इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।

पुलिस की रिपोर्ट

इस दर्दनाक घटना की जानकारी मिलने पर जीआरपी थाना कुरुक्षेत्र के अंतर्गत कैथल पुलिस चौकी की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। इस मामले में सुरेंद्र का बयान लिया गया, जिसके अनुसार इत्तफाकिया रिपोर्ट दर्ज की गई। लेकिन क्या सच में यह केवल एक दुर्घटना थी या इसके पीछे एक गहरी मानसिक स्वास्थ्य संकट की कहानी थी?

समाज और मानसिक स्वास्थ्य

इस घटना ने यह स्पष्ट किया कि मानसिक स्वास्थ्य की समस्या को समझना और स्वीकार करना कितना महत्वपूर्ण है। नीलम की स्थिति ने हमें यह सोचने पर मजबूर किया कि कितने लोगों को इसी तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। समाज में मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं के बारे में जागरूकता की कमी है, और इसे सबसे पहले समझने की आवश्यकता है।

समर्थन और स्वीकार्यता

परिवारों के लिए यह बेहद जरूरी है कि वे अपने प्रियजनों के मानसिक स्वास्थ्य का समर्थन करें। सुरेंद्र ने अपनी पत्नी के लिए हमेशा संघर्ष किया, लेकिन वे स्वयं भी मानसिक रूप से प्रभावित हो गए थे। समाज में मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जो भ्रांतियां और पूर्वाग्रह हैं, वे परिवारों को तोड़ सकते हैं। हमें समझना होगा कि मानसिक स्वास्थ्य विभिन्न सामाजिक, आर्थिक, और भावनात्मक स्थितियों से प्रभावित होता है।

एक सीख

नीलम की कहानी हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना कितना जरूरी है। हमें केवल शारीरिक स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं देना चाहिए, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य का भी उतना ही महत्व होना चाहिए। इससे न केवल परिवारों को बल्कि समाज को भी सुधारने में मदद मिलेगी।

नीलम की दुखद कहानी यह बताती है कि हमें मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं को खुलकर चर्चा करने की आवश्यकता है। अगर किसी व्यक्ति को किसी मानसिक स्वास्थ्य समस्या का सामना करना पड़ता है, तो उसके लिए उसे परिवार और समाज से समर्थन की आवश्यकता होती है। यह घटना हमें यह भी सिखाती है कि समय पर मदद मांगने से कई जीवन बचाए जा सकते हैं।

टूटने की जगह निर्माण की ओर

यह घटना हमें यह सिखाने का प्रयास कर रही है कि हमें हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। समाज को नीलम जैसे किसी भी व्यक्ति के लिए सहारा बनने का प्रयास करना चाहिए। हर कोई किसी न किसी परेशानी से गुजर रहा होता है, और हमें एक-दूसरे का समर्थन करना चाहिए।

समाज में खुली चर्चा का माहौल बनाने से न केवल मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को सुलझाने में मदद मिलेगी बल्कि यह लोगों को एक-दूसरे के लिए सहारा बनने में भी सक्षम बनाएगा। यही एकमात्र तरीका है जिससे हम नीलम जैसे लोगों की मदद कर सकते हैं और उन्हें जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दे सकते हैं।

कड़ा संकेत

 

नीलम की कहानी न केवल एक दुखद घटना थी, बल्कि यह मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे पर एक कड़ा संकेत भी है। अगर हम मानसिक स्वास्थ्य की चुनौतियों को नजरअंदाज करते रहेंगे, तो और भी कई जीवन खोएंगे। हमें एकजुट होकर इस मुद्दे की ओर ध्यान देना चाहिए। मानसिक स्वास्थ्य, शारीरिक स्वास्थ्य की तरह ही महत्वपूर्ण है, और इसे हमें अपने जीवन में प्राथमिकता देनी होगी।

गौर करने की बात यह है कि हम सभी को एक-दूसरे के प्रति सहानुभूति रखनी चाहिए और किसी भी व्यक्ति को जो मानसिक स्वास्थ्य संकट में है, मदद देने के लिए तत्पर रहना चाहिए। नीलम की कहानी एक अलार्म है, जो हमें याद दिलाता है कि आगे बढ़ने के लिए हमें स्वागत करने वाली और सहायक शिक्षा की आवश्यकता है।

 

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