योगी सरकार पीएम मित्र मेगा टेक्सटाइल एवं अपैरल पार्क का कर रही विकास, एक लाख युवाओं को मिलेगा रोजगार

लखनऊ, BNM News: लखनऊ के मलिहाबाद तहसील स्थित अटारी गांव में योगी सरकार पीएम मित्र मेगा टेक्सटाइल एवं अपैरल पार्क का विकास कर रही है। लगभग 1100 एकड़ के क्षेत्रफल में विकसित की जा रही इस परियोजना को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए सरकार की ओर से अटारी गांव को फोर लेन रोड से जोड़ने की तैयारी है। इसके लिए कई विकल्पों पर विचार किया जा रहा है, जिसमें कम लागत में उच्च गुणवत्तापूर्ण कार्य संपन्न किया जा सके। उल्लेखनीय है कि मेगा टेक्सटाइल और अपैरल पार्क के विकास से 1 लाख युवाओं को रोजगार के साधन उपलब्ध होने की संभावना है। योगी सरकार को इस पार्क में दस हजार करोड़ से अधिक के निवेश की उम्मीद है। इस पार्क को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए आत्याधुनिक सुविधाओं से भी लैस किए जाने की योजना है।

फोर लेन परियोजना के लिए कई विकल्पों पर विचार

योगी सरकार टेक्सटाइल और अपैरल पार्क के जरिए एक ही छत के नीचे व्यापारियों को कपड़ा उद्योग से संबंधित सभी आवश्यकताओं को पूरा करेगी, जिससे उद्योग की लागत कम हो सके। वहीं निर्माताओं को निर्यात के लिए मानकों के अनुसार बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा। सीएम योगी के निर्देश पर अटारी फार्म स्थल तक 4 लेन चौड़े मार्ग की अधिकतम उपयोगिता एवं प्रस्तावित परियोजना की कम लागत के विभिन्न विकल्पों पर विचार किया गया। अपर मुख्य सचिव हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग विभाग द्वारा 13 अक्टूबर को प्राप्त दिशा-निर्देशों के क्रम में आउटर रिंग रोड (रैथा अंडरपास) से पीएम मित्र पार्क तक कुल लंबाई 14.280 किमी (ग्रीन फील्ड में फोर लेन मार्ग निर्माण) तथा रैथा अंडरपास से आईआईएम तक कुल लंबाई 8.800 किमी (पूर्व निर्मित 3.00/3.70 मीटर चौड़ाई के मार्ग को दो लेन चौड़ा करने के लिए) तक कुल 454.34 करोड़ रुपए का आगणन कर मुख्य अभियंता (मध्य क्षेत्र) द्वारा 2 नवंबर को लोक निर्माण विभाग, लखनऊ को प्रेषित किया गया, जिसका मुख्यालय स्तर पर परीक्षण किया जा रहा है।

सड़क निर्माण के लिए कुल 6 विकल्प पर विचार

सड़क निर्माण के लिए कुल 6 विकल्प हैं, उनमें विकल्प-2 के तहत आउटर रिंग रोड (रैथा अंडरपास) से निकलकर ग्रीन फील्ड होते हुए अटारी फार्म तक जाता है, जिसकी कुल लंबाई 14 किमी है एवं लागत 415.00 करोड़ आंकलित है। विकल्प 2 की तरह विकल्प-6 के तहत कुल लागत 454 करोड़ रुपए है। एक अन्य विकल्प-5 के तहत दुबग्गा आईआईएम रिंग रोड से पूर्वं निर्मित दुबग्गा माल रोड, ग्रीन फील्ड होते हुए अटारी फार्म तक जाता है, इसकी कुल लंबाई 24 किमी है एवं इसे 4 लेन किए जाने के लिए कुल लागत 1415.25 करोड़ आंकलित है।

बेहद खास है इस क्षेत्र की कनेक्टिविटी

टेक्सटाइल और अपैरल पार्क की कनेक्टिविटी को ध्यान में रखकर राजधानी के अटारी गांव को चुना गया है। यहां से 20 किमी की दूरी पर एनएच-20 और एसएच-20 है, जो फोर लेन है और क्रमश: लखनऊ को सीतापुर और हरदोई से जोड़ता है। वहीं 20 किमी की दूरी पर 6 लेन ऑउटर रिंग रोड है। इसके साथ ही रेलवे कनेक्टिविटी भी बेहतर है। यहां से मलिहाबाद रेलवे स्टेशन 16 किमी तो लखनऊ रेलवे स्टेशन 40 किमी की दूरी पर है। पार्क से 45 किमी की दूरी पर लखनऊ इंटरनेशनल एयरपोर्ट तो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर 95 किमी की दूरी पर कानुपर नोड और 500 किमी पर दादरी टर्मिनल है। इतना ही नहीं इनलैंड कंटेनर डिपो 111 किमी की दूरी पर कानुपर में है।

पीपीपी मोड पर तैयार होगा पार्क

पार्क को पीपीपी मोड पर अत्याधुनिक सुविधाओं को ध्यान में रखकर तैयार किए जाने का प्रस्ताव है। इसके तहत 500 करोड़ रुपये से कोर इंफ्रास्ट्रक्टचर का निर्माण किया जाएगा, जबकि 300 करोड़ रुपए का प्राविधान मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स के लिए किया गया है, जो पहले आओ पहले पाओ के आधार पर होगा। पार्क के निर्माण में अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए इसे तीन भागों में बांटा गया है। पहला कॉमन इंफ्रास्ट्रक्चर, दूसरा सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर और तीसरा प्रीमियम स्पेस है। इसमें कॉमन इंफ्रास्ट्रक्चर में रोड नेटवर्क, चौबीस घंटे और सातों दिन पॉवर सप्लाई, वॉटर सप्लाई, वेयरहाउस, जीरो लिक्विड डिस्चार्ज इफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट, ट्रेनिंग एंड स्किल डेवलपमेंट फैसिलिटी, प्रशासनिक बिल्डिंग प्रोडेक्ट डिस्प्ले फैसिलिटी और एग्जीबिशन सेंटर के साथ टेस्टिंग लैबोरेटरी आदि शामिल है। वहीं सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर में वर्कर्स हास्टल, हाउसिंग जोन, मेडिकल फैसिलिटी, कामर्शियल एंड रिक्रिएटिंग फैसिलिटी, ओपन स्पेस और पार्क, सिक्योरिटी आदि शामिल है। इसी तरह प्रीमियम स्पेस में इंडस्ट्रियल प्लॉट और प्लग एंड इंडस्ट्रियल शेड शामिल हैं।

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