किसानों की फसलों की सुरक्षा को लेकर एक नया कदम उठाने जा रही योगी सरकार
लखनऊ, बीएनएम न्यूजः फूड बास्केट ऑफ इंडिया के तौर पर देश-दुनिया में उत्तर प्रदेश की पहचान को प्रशस्त कर रही योगी सरकार ने अब प्रदेश के किसानों की फसलों की सुरक्षा को लेकर एक नया कदम उठाने जा रही है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत अब प्रदेश में प्रौद्योगिकी पर आधारित उपज अनुमान प्रणाली (यस-टेक) को लागू करने की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है।
इस प्रक्रिया के साथ ही पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना (आरडब्ल्यूबीसीआईएस) के अंतर्गत फसलों की मॉनिटरिंग व रखरखाव की प्रक्रिया को दुरुस्त करने की दिशा में भी योगी सरकार ने कदम बढ़ा दिए हैं।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश की फसलों को मौसमी आपदाओं से बचाने, किसानों को फसलों का बीमा उपलब्ध कराने तथा ग्राम पंचायत स्तर पर फसलों के निरीक्षण की प्रक्रिया को और सुदृढ़ बनाने के लिए योगी सरकार द्वारा एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई थी। अब इसी कार्ययोजना को क्रियान्वित करते हुए कृषि विभाग ने प्रदेश में यस टेक को लागू करने के लिए टेक्नोलॉजी इंप्लिमेंटेशन पार्टनर (टीआईपी) की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
75 जिलों में प्रक्रिया को लागू करने की तैयारी
कृषि विभाग ने प्रदेश के 75 जिलों में रबी व खरीफ सीजन की फसलों से संबंधित आंकड़ों के संकलन को लेकर इस प्रक्रिया की शुरुआत की है। यस-टेक प्रक्रिया के जरिए आरडब्ल्यूबीसीआईएस को लागू करने में मुख्यतः गेहूं व धान की फसलों पर फिलहाल फोकस किया जा रहा। इस दौरान वर्ष 2023-24, 2024-25 व वर्ष 2025-26 के आंकड़ों का संकलन किया जाएगा। इन आंकड़ों को यस टेक मैनुअल-2023 के आधार पर संकलित किया जाएगा।
मॉड्यूल के विकास के बाद अन्य बीमित फसलों को भी इससे जोड़ा जा सकता है। प्रक्रिया के अंतर्गत कुल 5 सीजन के एसेसमेंट पीरियड के हिसाब से रिपोर्ट को तैयार किया जाएगा जिसमें मिड सीजन रिपोर्ट (एमएसआर) व एंड सीजन रिपोर्ट (ईएसआर) का भी संकलन किया जाएगा। इन सभी प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए टीआईपी द्वारा मशीन लर्निंग व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉड्यूल को कार्य में लाया जाएगा।
ग्राम पंचायत स्तर पर फसलों की बीमा प्रक्रिया को मिलेगा बल
प्रधानमंत्री फसल बीमा का लाभ सभी किसानों को मिले इस उद्देश्य से सीएम योगी की मंशा अनुरूप क्रियान्वित की गई योजना के अनुसार सभी जिलों में फसलों को ग्राम पंचायत स्तर पर बीमित करने और किसानों को बीमा कवर उपलब्ध कराने पर जोर दिया जा रहा है। वहीं, पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के जरिए भी किसानों को लाभान्वित किए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
इस प्रक्रिया में बीमित खरीफ फसल के तौर पर केला, मिर्च व पान तथा रबी फसल के तौर पर टमाटर, शिमला मिर्च, हरी मटर व आम को वरीयता दी गई है। केले के लिए 30 जून, मिर्च के लिए 31 जुलाई, पान के लिए 30 जून, टमाटर के लिए 30 नवम्बर, शिमला मिर्च के लिए 30 नवम्बर, हरी मटर के लिए 30 नवम्बर तथा आम के लिए फसलवार बीमा कराने की अंतिम तिथि 15 दिसम्बर निर्धारित की गई है।
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