दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने पद से इस्तीफा दिया, AAP से गठबंधन पर नाराज

नई दिल्ली, बीएनएम न्यूजः  लोकसभा चुनाव के बीच दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। सूत्रों के मुताबिक, लवली दिल्ली में टिकट बंटवारे से नाराज बताए जा रहे हैं। कांग्रेस ने 31 अगस्त 2023 को अरविंदर सिंह लवली को दिल्ली कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया था। लवली शीला दीक्षित की सरकार में परिवहन मंत्री रह चुके हैं।

अरविंदर सिंह लवली पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को चिट्‌ठी लिखी है। उन्होंने कहा- दिल्ली कांग्रेस इकाई उस पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी, जो कांग्रेस पार्टी के खिलाफ झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के एकमात्र आधार पर बनी थी। इसके बावजूद, पार्टी ने दिल्ली में AAP के साथ गठबंधन करने का फैसला किया।

उन्‍होंने इस्तीफे के पीछे का कारण आम आदमी पार्टी से हुए गठबंधन को बताया है। लवली का कहना है आम आदमी पार्टी कांग्रेस पर आरोप लगाकर बनी थी, फिर उससे गठबंधन कैसे हो सकता है? अरविंदर सिंह लवली इस्‍तीफा देते हुए लिखा कि दिल्ली कांग्रेस इकाई उस पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी, जो कांग्रेस पार्टी के खिलाफ झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के एकमात्र आधार पर बनी थी। इसके बावजूद, पार्टी ने दिल्ली में आप के साथ गठबंधन करने का फैसला किया।

दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों पर छठवें चरण में 25 मई को वोट डाले जाएंगे। यहां कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच गठबंधन हुआ है। AAP 4 और कांग्रेस 3 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।कांग्रेस ने उत्तर पूर्व दिल्ली से कन्हैया कुमार, चांदनी चौक से जयप्रकाश अग्रवाल और नॉर्थ-वेस्ट से दलित नेता और पूर्व सांसद उदित राज को उम्मीदवार बनाया है।

दिल्ली कांग्रेस इकाई AAP से गठबंधन के खिलाफ…

इसके अलावा, उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी द्वारा कांग्रेस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के बावजूद, पार्टी ने उनके साथ गठबंधन (इंडिया ब्लॉक) किया। उन्‍होंने लिखा कि दिल्ली कांग्रेस इकाई उस पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी, जो कांग्रेस पार्टी के खिलाफ झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के एकमात्र आधार पर बनी थी और जिसके आधे कैबिनेट मंत्री वर्तमान में भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में हैं। इसके बावजूद, पार्टी ने दिल्ली में आप के साथ गठबंधन करने का फैसला किया। उन्‍होंने कहा कि हमने पार्टी के अंतिम निर्णय का सम्मान किया… न केवल मैंने सार्वजनिक रूप से निर्णय का समर्थन किया, बल्कि मैंने यह भी सुनिश्चित किया कि पूरी राज्य इकाई हाईकमान के अंतिम आदेश के अनुरूप हो। एआईसीसी महासचिव (संगठन) के निर्देश पर, मैं इस मामले में स्थिति के खिलाफ होने के बावजूद गिरफ्तारी की रात सुभाष चोपड़ा और संदीप दीक्षित के साथ केजरीवाल के आवास गया।

…इसलिए नहीं हुआ था कांग्रेस-AAP गठबंधन

पूर्व डीपीसीसी अध्यक्ष ने यह भी बताया कि गठबंधन के अनुसार, दिल्ली कांग्रेस को वर्तमान आम चुनाव लड़ने के लिए तीन संसदीय सीटें आवंटित की गई हैं। उन्होंने दिल्ली के सीएम की झूठी प्रशंसा करने और शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और बिजली क्षेत्र में आम आदमी पार्टी द्वारा किए गए कार्यों का समर्थन करने के लिए उत्तर-पूर्वी दिल्ली के उम्मीदवार (कन्हैया कुमार) द्वारा की गई टिप्पणियों पर भी प्रकाश डाला। उन्‍होंने कहा, “इस तरह के गलत विचार और तथ्यात्मक रूप से गलत बयान स्थानीय पार्टी इकाई को पसंद नहीं आए, क्योंकि स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं को यह अंतर्निहित समझ थी कि गठबंधन दिल्ली के विकास के आप के झूठे प्रचार की सराहना के लिए नहीं किया गया था और वास्तव में ऐसा था। उन्होंने कहा कि एक समझौता (राष्ट्रीय गठबंधन के हिस्से के रूप में) पार्टी की जीत की संभावनाओं को बेहतर बनाने के लिए था। लवली ने कहा कि चूंकि वह पार्टी कार्यकर्ताओं के हितों की रक्षा नहीं कर सकते, इसलिए उन्हें उक्त पद पर बने रहने का कोई कारण नजर नहीं आता।

2017 में कांग्रेस छोड़ भाजपा में चले गए थे

अरविंदर सिंह लवली 15 साल तक रही शीला दीक्षित सरकार में शिक्षा से लेकर पर्यटन मंत्रालय की जिम्मेदारी निभा चुके हैं। 2017 में नगर निगम चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गए थे। हालांकि, महज एक साल के भीतर ही उन्होंने पार्टी में घर वापसी कर ली थी। कांग्रेस में वापसी करते हुए लवली ने कहा कि था- मैं वैचारिक रूप से वहां मिसफिट था।

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