Sonipat News: 12वीं के पहले पेपर में ही खूब चली नकल, युवाओं ने दीवारों पर चढ़कर फेंकी पर्चियां

नरेन्‍द्र सहारण, सोनीपत : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की वार्षिक परीक्षाएं वीरवार से शुरू हो गईं। इस साल की परीक्षा का आगाज 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों की अंग्रेजी विषय की परीक्षा से हुआ। सोनीपत शहर के परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा शांतिपूर्ण ढंग से आयोजित की गई, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में और कुछ स्थानों पर नकल कराने के प्रयासों की जानकारी सामने आई। युवा परीक्षा केंद्र की खिड़कियों के सहारे पेपर डालने के लिए दीवारों पर चढ़ते हुए नजर आए, हालाँकि पुलिस ने तुरंत ही उन्हें वहां से खदेड़ दिया।

इस वर्ष बोर्ड परीक्षाओं के लिए जिले में 76 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। नकल रोकने के लिए प्रशासन और पुलिस द्वारा कड़े इंतजाम किए गए थे, लेकिन जैसे ही परीक्षा शुरू हुई बाहरी हस्तक्षेप शुरू हो गया। सभी परीक्षा केंद्रों के बाहर पुलिस बल तैनात रहने के बावजूद युवा परीक्षा केंद्र की खिड़कियों तक पहुंच गए। परीक्षा केंद्रों पर धारा 144 लागू रही, जिससे अवांछित गतिविधियों को रोका जा सके। इसके अलावा परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी लगाए गए हैं ताकि नकल पर रोक लगाई जा सके लेकिन ग्रामीण केंद्रोंं पर बाहरी हस्तक्षेप दिखाई दिया। परीक्षा दोपहर 12:30 बजे शुरू हुई, जबकि परीक्षार्थियों को 30 मिनट पहले परीक्षा केंद्र पर पहुंचने के निर्देश दिए गए थे। परीक्षा समाप्त होने के बाद विद्यार्थियों के मिले-जुले प्रतिक्रिया देखने को मिली। कुछ छात्रों ने पेपर को आसान बताया, जबकि कुछ को प्रश्नपत्र कठिन लगा।

सीसीटीवी की निगरानी और क्यूआर कोड से एंट्री

बोर्ड परीक्षाओं को नकल मुक्त बनाने के लिए सभी परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में परीक्षा करवाई गई। विद्यार्थियों के प्रवेश पत्र पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन करने के बाद ही परीक्षा केंद्र में एंट्री दी गई। पर्यवेक्षकों ने क्यूआर कोड स्कैनिंग के बाद ही परीक्षार्थियों को अंदर जाने दिया, जिससे फर्जी परीक्षार्थियों की संभावना को समाप्त किया जा सके।

शिक्षा विभाग के प्रयास विफल, धड़ल्ले से चली नकल

गन्नौर: शिक्षा विभाग का नकल रहित परीक्षा करवाने का दावा पहले ही दिन फेल हो गया है। नकलचियों के आगे शिक्षा विभाग का प्रशासन बेबस नजर आ रहा है। विभिन्न परीक्षा केंद्रों में धारा 144 तोड़कर युवक नकल फेंकते रहे। पहले दिन अंग्रेजी की परीक्षा के दौरान ग्रामीण क्षेत्र के परीक्षा केंद्रों पर जमकर नकल चली। ऐसा ही मामला संवेदनशील परीक्षा केंद्र राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कैलाना में देखने को मिला। यहां स्कूल की दीवार फांदकर युवक खिड़की से नकल करवाते नजर आए। इसके अलावा अति संवेदनशील परीक्षा केंद्र राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पुगथला में खिड़की से पर्ची फेंकते युवक नजर आए। परीक्षा केंद्रों से पुलिस नदारद रही। राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पुगथला में डायल 112 की टीम नकल रोकने का प्रयास करती दिखाई दी जबकि वहां थाना से कोई भी पुलिस कर्मी तैनात नहीं था।

नकल पहुंचाने को दीवारों पर चढ़े युवक, पुलिस ने रोके

गोहाना: हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की 12 वीं की परीक्षाएं प्रारंभ हो गईं। उपमंडल में 22 केंद्रों पर परीक्षा हुई। कुछ परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा शुरू होते ही नकल करवाने के लिए बाहरी युवक चारदीवारियों पर चढ़ना शुरू हो गए। पुलिस कर्मियों की सख्ती के चलते युवक केंद्रों के अंदर प्रवेश नहीं कर पाए। शहर में पुराना बस स्टैंड के निकट राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में बनाए गए परीक्षा केंद्र में परीक्षा शुरू होने के कुछ देर बाद ही बाहरी युवक नकल करवाने के लिए चारदीवारी पर चढऩे की कोशिश करने लगे। अंदर पुलिस कर्मी गश्त करते नजर आए, जिससे युवक दीवार पर चढ़ कर वापस लौटते नजर आए। युवकों ने बार-बार केंद्र तक पहुंचने की कोशिश की लेकिन पुलिस की सख्ती के चलते वे कामयाब नहीं हो पाए। पुलिस और बाहरी युवकों के बीच लंबे समय तक आंख-मिचौली का खेल चलता रहा। दूसरी तरफ शिक्षा विभाग, बोर्ड और प्रशासन द्वारा गठित टीमों ने लगातार परीक्षा केंद्रों पर पहुंचकर माहौल का जायजा लिया। गोहाना खंड के बीईओ अनिल श्योराण ने कहा कि क्षेत्र में परीक्षा शांतिपूर्वक संपन्न हुई।

बोर्ड परीक्षाओं को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए शिक्षा विभाग ने उड़नदस्ता टीमों को सक्रिय किया, जो लगातार परीक्षा केंद्रों का दौरा कर रही हैं। पहले दिन जिले में कोई यूएमसी नहीं हुआ। नकलमुक्त परीक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन पूरी तरह सतर्क है।
– कृष्ण रोहिल्ला्, बोर्ड अधीक्षक।

 

हालांकि ये सब प्रयास नकल को रोकने के लिए शायद पर्याप्त नहीं थे। पुलिस की सक्रियता और प्रशासन के दावों के बावजूद नकल की घटनाएं प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती हैं। यह बेहद आवश्यक है कि शिक्षा विभाग न केवल परीक्षा के दौरान नकल की घटनाओं पर काबू पाने के लिए तकनीकी तरीकों का उपयोग करे, बल्कि भविष्य में इस बात को सुनिश्चित करने के लिए ठोस उपाय भी करें ताकि परीक्षा का माहौल पारदर्शी और निष्पक्ष बना रहे।

जेपीसी की प्रतिक्रिया, प्रशासन के कदमों का अवलोकन और विद्यार्थियों की प्रतिक्रिया यह दर्शाती है कि नकल एक गंभीर समस्या है, जिसका समाधान सिर्फ कड़ी निगरानी से नहीं किया जा सकता। इसके लिए शिक्षा प्रणाली में व्यापक सुधार के साथ-साथ विद्यार्थियों के मनोविज्ञान पर भी कार्य करने की आवश्यकता है। अगर हम अपनी शिक्षा प्रणाली को सशक्त बनाना चाहते हैं, तो यह आवश्यक होगा कि हम नकल को केवल एक समस्या के रूप में न देखें, बल्कि इसे एक सामाजिक चुनौती के रूप में समझें और इसके समाधान के लिए स्थायी उपाय करें।

नकल की समस्या

 

इस वर्ष की परीक्षाएं न केवल शिक्षा विभाग की चुनौतियों को उजागर करती हैं, बल्कि यह भी दर्शाती हैं कि नकल की समस्या केवल एक स्थानीय मुद्दा नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक सामाजिक और संरचनात्मक चुनौती है जिसमें सभी पक्षों को सक्रिय रूप से भूमिका निभानी होगी।

 

 

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