कैथल में प्रशासन ने सील की 4 दुकानें, बैंक से लिया एक करोड़ का लोन, नहीं अदा की किस्तें

नरेन्‍द्र सहारण, कैथल: Kaithal News: हरियाणा के कैथल जिले में एक जमीन के मालिक ने एक करोड़ रुपये से अधिक का लोन लेकर अपनी दुकानों का निर्माण किया, लेकिन वह लगातार बैंक की किस्तें चुकाने में विफल रहा। इस नाकामी के कारण स्थानीय प्रशासन ने पुराना बाइपास पर स्थित चार दुकानों को सील करने की कार्रवाई की है। यह घटना न केवल बैंक के नियमों की अनदेखी करने को दर्शाती है, बल्कि यह भी स्पष्ट करती है कि प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में संकोच नहीं करता।

लोन की प्रक्रिया और समस्या

आईसीआईसीआई बैंक से लोन लेने के बाद परमजीत कौर नामक महिला ने अपनी दुकानों के लिए एक बड़ा निवेश किया। लोन की राशि एक करोड़ रुपये से अधिक थी, जिसका उपयोग उसने अपने व्यवसाय को स्थापित करने के लिए किया। हालांकि, ऐसा प्रतीत होता है कि लोन आधिकारिक रूप से प्राप्त करने के बाद वह बैंक के नियमों और शर्तों के प्रति गंभीरता से ध्यान नहीं दे पाई।

बैंक अधिकारियों ने बार-बार लिखित में चेतावनी दी कि उन्हें कौन सी किस्तें चुकानी हैं, लेकिन दुकानदार के उन चेतावनियों का कोई असर नहीं हुआ। इससे यह स्पष्ट हुआ कि या तो वह आर्थिक स्थिति को लेकर गंभीर नहीं थी या फिर वह जान-बूझकर इन सबसे मुंह मोड़ रही थी।

प्रशासन की कार्रवाई

बैंक की लगातार शिकायतों के बाद, प्रशासन ने घटनास्थल पर निरीक्षण करने का फैसला लिया। जांच के दौरान उन्होंने पाया कि कुल सात दुकानें 298 गज जमीन पर बनी हुई हैं। इनमें से तीन दुकानों की रजिस्ट्री सही पाई गई, लेकिन चार दुकानों पर लोन चुकता नहीं होने के चलते उन्हें सील कर दिया गया।

जिला प्रशासन की टीम ने सुनिश्चित किया कि जमीन मालिक को उचित नोटिस दिया जाए, ताकि उसे अपनी स्थिति को सुधारने का मौका मिल सके। इसके अतिरिक्त, उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि बिना उचित कागजी कार्रवाई के दुकानों को खोला नहीं जाएगा।

बैंक अधिकारी की शिकायत

कैथल के तहसीलदार रविंद्र कुमार ने बताया कि इस मामले में आईसीआईसीआई बैंक के अधिकारियों ने जिला प्रशासन को एक औपचारिक शिकायत दी थी। बैंक अधिकारियों का आरोप था कि दुकान की मालिक परमजीत कौर ने लोन के लिए जो अनुबंध किया था, उसे गंभीरता से नहीं लिया।

प्रशासन को प्राप्त इस शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की गई और एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया ताकि मामले को गहराई से जांचा जा सके। यह आंकना आवश्यक था कि क्या वास्तव में बैंक ने अपने कार्य में कोई चूक की थी, या फिर दुकान मालिक की लापरवाही के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई थी।

प्रशासनिक प्रक्रिया

जांच के दौरान प्रशासन की टीम ने चार दुकानों को सील कर दिया। यह कार्रवाई उस स्थिति में की गई जब बैंक द्वारा दी गई सभी सूचनाएं सही पाई गईं। बाद में, अधिकारियों ने इस संबंध में स्थानीय मीडिया को जानकारी दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी प्रक्रियाओं का पालन किया गया है और किसी भी प्रकार की अनियमितता से बचने के लिए यह कदम उठाया गया है।

भविष्य की संभावनाएं

इस घटना ने यह प्रदर्शित किया कि बैंक और प्रशासन का संयोजन व्यवसायिक हितों की रक्षा के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। जब किसी व्यवसायी को लोन मिलता है, तो उसे जिम्मेदारी और पारदर्शिता से काम करना चाहिए।

इस प्रकार की घटनाओं के पीछे आर्थिक नीतियां और कानून अक्सर उन्हें नुकसान पहुंचाते हैं। एक ओर जहां ऋणभार से मुक्त होना आवश्यक है, वहीं दूसरी ओर कर्तव्यों का पालन करना भी आवश्यक है। यदि इस मामले में परमजीत कौर ने समय पर बैंक की सलाहों का पालन किया होता, तो संभवत: उसकी दुकानें आज भी संचालित हो रही होतीं।

दुकानदारों के लिए चेतावनी

इस पूरे मामले ने सामाजिक आर्थिक व्यवस्था की कई बातों को उजागर किया है। एक ओर जहाँ संस्थागत बैंकों का कार्य ऋण देना है, वहीं दूसरी ओर उन ऋणों को चुकाना भी उतना ही आवश्यक है। इस संदर्भ में, प्रशासन का भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह सुनिश्चित करता है कि आर्थिक गतिविधियां सही दिशा में चलें।

कैथल की इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि जब आर्थिक दायित्वों का पालन नहीं किया जाता, तो न केवल वित्तीय संस्थानों को नुकसान होता है, बल्कि सामुदायिक अनुप्रयोग भी प्रभावित होते हैं। स्थानीय प्रशासन का यह कदम न केवल बैंक की सुरक्षा के लिए है, बल्कि यह दुकानदारों के लिए एक चेतावनी भी है कि वे अपने कर्तव्यों का पालन करें।

आगे की रणनीति

अब देखने वाली बात यह है कि प्रशासन अपनी इस कार्यविधि को किस प्रकार आगे बढ़ाता है। क्या दुकान मालिक को पुनः काम प्रारंभ करने का अवसर मिलेगा? या फिर आगामी कार्रवाई के तहत और भी कठोर कदम उठाए जाएंगे? इस पर सभी की निगाहें होंगी, क्योंकि यह एक महत्वपूर्ण उदाहरण है कि कैसे लोन और उसके गैर-भुगतान का मुद्दा व्यावासिक जीवन को प्रभावित कर सकता है।

 

 

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