कैथल के युवक की अमेरिका में मौत, पिता ने बेटे को सवा एकड़ जमीन बेच कर भेजा था

राहुल की फाइल फोटो।
नरेन्द्र सहारण, कैथल: Kaithal News: हरियाणा के कैथल जिले के गांव बुच्ची में एक युवक की अमेरिका में मौत ने उसके परिवार और समग्र गांव को गहरे सदमे में डाल दिया है। राहुल जोकि एक ट्रक ड्राइवर था की 23 मार्च 2025 को अचानक हृदय गति रुकने के कारण मौत हो गई। उसकी मौत के बाद उसके शव को न्यू मैक्सिको में रखा गया है। इन कठिनाइयों से जूझते परिवार ने अब अपनी सरकार से सहायता मांगी है ताकि वे अपने बेटे का शव वापस ला सकें। यह कहानी न केवल राहुल के पारिवारिक जीवन का चित्रण करती है, बल्कि उन कठिनाइयों और संघर्षों का भी उल्लेख करती है जो प्रवासी मजदूरों और उनके परिवारों को सामना करना पड़ता है।
राहुल का संघर्ष और सफर
राहुल, जो गांव बुच्ची का रहने वाला था, ने आर्थिक तंगी के कारण अपने पिता गुलाब सिंह के साथ मिलकर सवा एकड़ जमीन बेच दी थी। यह जमीन उनके लिए जीवनयापन का एक महत्वपूर्ण स्रोत थी, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि जीवन में सुधार करने के लिए ये कठोर कदम उठाना अनिवार्य हो गया। लगभग 2 साल पहले राहुल अमेरिका की ओर कदम बढ़ाने का निर्णय लिया। उसका सपना था कि वह वहां काम कर अपने परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार करेगा। जैसे ही वह अमेरिका पहुंचा, उसने ट्रक ड्राइवर के रूप में काम करना शुरू कर दिया और उम्मीद थी कि जल्द ही वह अपने परिवार के लिए बेहतर जीवन की नींव रखेगा।
अचानक आई मृत्यु
राहुल की मृत्यु की घटना अचानक हुई। दो दिन पहले उसे हार्ट अटैक आया और इसी दौरान उसकी जान चली गई। जब उसके सहकर्मियों ने इस दुखद समाचार को उसके परिवार के पास पहुंचाया तो यह सूचना न केवल परिवार बल्कि गांव के सभी निवासियों के लिए भी झटका साबित हुई। खबर फैलते ही गांव में शोक की लहर दौड़ गई। राहुल की पत्नी और तीन बेटियां अब अपने पति और पिता के बिना कठिन समय का सामना कर रही हैं।
परिवार की स्थिति
राहुल के परिवार में उसकी पत्नी और तीन बेटियां हैं। उसकी शादी लगभग छह साल पहले हुई थी और वह अपने माता-पिता का एकल पुत्र था। परिवार की जिम्मेदारियों का भार अब उसके माता-पिता से लेकर राहुल पर था। भारत में आर्थिक स्थिति को देखते हुए, राहुल ने अपनी जमीन बेचकर और अमेरिका जाकर अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने का प्रयास किया था। लेकिन अब उनकी मेहनत और सपना चूर चूर हो चुका है।
राहुल की अचानक स्थिति ने उसके परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। उसके माता-पिता, विशेषकर उसके पिता गुलाब सिंह अब अपने बेटे की कमी को महसूस कर रहे हैं। वे अपने बेटे की यादों में खो गए हैं और उनकी आँखों में आंसू हैं।
शव को वापस लाने की अपील
राहुल के परिवार ने अब अपने बेटे का शव भारत लाने के लिए सरकार से अपील की है ताकि उसका अंतिम संस्कार किया जा सके। उन्होंने स्थानीय प्रशासन से मदद मांगते हुए कहा है कि वे अपने बेटे के शव को अपने गांव वापस लाने में सक्षम नहीं हैं। उनके पास इतनी आर्थिक स्थिति नहीं है कि वे खुद इसे संभाल सकें। परिवार की इस समस्या ने गांव के लोगों का दिल भी दुखाया है, और उन्होंने भी सरकार से मदद की अपील की है। गांव के वरिष्ठ नागरिकों ने सुनिश्चित किया है कि वे सभी एकजुट होकर परिवार की सहायता के लिए आगे आएंगे।
गांव की प्रतिक्रिया
राहुल की मृत्यु की खबर गांव के लोगों के लिए एक बड़ी क्षति है। गांव में हर कोई राहुल को जानता था और उसका स्वभाव हमेशा मिलनसार और मददगार रहा। गांववालों ने उसकी मौत पर शोक व्यक्त किया और उसके परिवार के लिए सहायता की योजनाएं बनाना शुरू कर दिया। गांव वासी एकजुट होकर सरकार के साथ संपर्क स्थापित कर रहे हैं ताकि राहुल का शव घर लाने में मदद मिल सके।
प्रवासी मजदूरों की दास्तान
राहुल की कहानी अकेली नहीं है। प्रवासी मजदूरों के समुदाय में ऐसी अनगिनत कहानियां हैं, जहां घर से दूर रहने वाले लोग अपने परिवार के बेहतर भविष्य के लिए कठिनाइयों का सामना करते हैं। हर साल, कई युवा अपने सपनों के पीछे विदेश जाते हैं, लेकिन हर बार यह सुनिश्चित नहीं होता कि वे सुरक्षित वापस लौटेंगे। ऐसे अप्रत्याशित घटनाएं उन परिवारों के लिए न केवल आर्थिक बल्कि भावनात्मक दृष्टि से भी बहुत कठिन होती हैं।
मदद की उम्मीद
राहुल के परिवार को उनके बेटे की यादें और संकल्प की ताकत मिलेगी। हालांकि, राहुल की मौत ने उनके परिवार की स्थिति को बहुत खराब कर दिया है। सरकार और स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ ग्रामीण समुदाय की मदद से शायद उन्हें इस समय के पंक में कुछ साहस और सहारा मिल सके। यह कहानी केवल राहुल की नहीं है, बल्कि उन सभी प्रवासी मजदूरों की है जो अपने परिवार के लिए सपने देखने के लिए संघर्ष करते हैं। जबकि हमें उनकी मेहनत और बलिदान को समझने की आवश्यकता है, हमें यह भी जानना होगा कि एक सहायता संरचना होनी चाहिए जो उनकी सुरक्षा और कल्याण को सुनिश्चित करे।
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