Parliament Security: संसद में सुरक्षा चूक पर बड़ा खुलासा, घटना का मास्टरमाइंड ललित झा ने पुलिस को बताई पूरी कहानी
नई दिल्ली, एजेंसी : Security Breach in Parliament Case: लोकसभा में स्मोक क्रैकर के साथ कूदे लोगों से जुड़े मामले में जांचकर्ताओं ने शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत को बताया कि संसद की सुरक्षा में चौंकाने वाला खतरा (Parliament Security Breach) पैदा करने के लिए जिम्मेदार समूह देश में अराजकता पैदा करना चाहता था। उनका इरादा सरकार को अपनी ‘अवैध’ मांगों को पूरा करने के लिए मजबूर करना था। अब जांच का फोकस पांचवें आरोपी ललित मोहन झा (Lalit Mohan Jha) पर केंद्रित हो गया है। जिसे साजिश के पीछे का दिमाग बताया गया। सात दिन की पुलिस हिरासत में भेजे गए झा ने गुरुवार देर रात गिरफ्तार होने से पहले पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट को बताया कि संसद की सुरक्षा में लापरवाही के मास्टरमाइंड ललित झा ने खुलासा किया कि वे लोग देश में अराजकता पैदा करना चाहते थे, ताकि वे सरकार को अपनी मांगों को पूरा करने के लिए मजबूर कर सकें। पुलिस पूछताछ में ललित ने इस मामले में अपनी संलिप्तता का खुलासा किया है। उसने बताया कि वह कैसे पूरे मामले का मास्टरमाइंड बना है।
विदेशी फंडिंग के कनेक्शन की भी होगी जांच
इस घटना को अंजाम देने से पहले आरोपी कई बार दिल्ली आए थे। उन्होंने यहां आकर रेकी की थी। इसे देखते हुए पुलिस को संदेह है कि इस घटना में विदेशी फंडिंग हो सकती है। लिहाजा पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है। पुलिस के मुताबिक ललित झा ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि आरोपियों ने संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने की साजिश रचने के लिए कई बार आपस में मुलाकात की। पुलिस ने कोर्ट को ये भी बताया कि यह पता लगाने के लिए उससे पूछताछ की जरूरत है कि क्या आरोपी का किसी दुश्मन देश या आतंकवादी संगठन से कोई संबंध था।
ललित ने नष्ट कर दिए थे चारों आरोपियों के मोबाइल फोन
इस घटना के बाद ललित झा ने सभी आरोपियों के फोन ले लिए थे, ताकि उनके खिलाफ सबूत नष्ट किए जा सकें और इस हमले के पीछे की बड़ी साजिश को छुपाया जा सके। ललित ने खुलासा किया कि उसने अपना फोन जयपुर से दिल्ली जाते समय रास्ते में फेंक दिया था। पुलिस ललित को उन स्थानों का पता लगाने के लिए राजस्थान ले जाएगी। जहां उसने अपना फोन फेंका था और दूसरों के फोन जलाए थे।
मैसूरु में रचा गया था संसद भवन में हंगामे का षड्यंत्र
संसद भवन की सुरक्षा में सेंध और बाहर हंगामा करने का षड्यंत्र मैसूरु में रचा गया था। फरार चल रहे ललित झा समेत सभी आरोपितों ने करीब डेढ़ वर्ष पहले पहली बार मैसूरु में बैठक की थी। वहां सब पहली बार आमने-सामने मिले थे। नौ माह पूर्व संसद भवन में विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया। दो आरोपितों ने पुराने संसद भवन के अंदर और बाहर दो बार रेकी की थी। इसके जरिये संसद भवन में सुरक्षा प्रबंध एवं अन्य जानकारी जुटाने के बाद आरोपितों ने संसद पर हमले की बरसी के दिन गुरुवार को नए संसद भवन के अंदर स्मोक क्रैकर से पीला धुआं छोड़कर हंगामा किया। दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की काउंटर इंटेलीजेंस समेत केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों की जांच में इसकी पुष्टि हुई है। बता दें, मामले में अब तक नीलम, अमोल शिंदे, सागर शर्मा व मनोरंजन को गिरफ्तार किया जा चुका है।
फेसबुक पेज के जरिए हुई थी मुलाकात
सूत्रों के मुताबिक, फेसबुक पेज (भगत सिंह फैन पेज) पर लखनऊ के सागर शर्मा समेत मनोरंजन, नीलम, अमोल शिंदे और ललित झा की मुलाकात हुई थी। इसके बाद करीब डेढ़ वर्ष पहले सामाजिक मुद्दों को एक तरीके से उठाने के लिए इन्होंने मैसूरु में बैठक की। रेकी करने के लिए आरोपित मनोरंजन विजिटर पास की मदद से मार्च में बजट सत्र के दौरान दर्शक बन कर पुराने संसद भवन में गया था। जुलाई में सागर शर्मा दिल्ली आया और संसद भवन को बाहर से देखकर लखनऊ लौट गया था।
नई दिल्ली मेट्रो स्टेशन पर मिले सभी आरोपी
चार दिन पहले सागर लखनऊ से गोमती एक्सप्रेस से दिल्ली आया था। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंचने के एक घंटे बाद महाराष्ट्र से अमोल और हिसार से नीलम भी दिल्ली आ गई। इसके बाद सभी नई दिल्ली मेट्रो स्टेशन पर मिले। वहां से 10 दिसंबर की रात सागर, नीलम और अमोल गुरुग्राम सेक्टर-सात में रहने वाले विक्की शर्मा (मनोरंजन का दोस्त) के घर आ गए। उसी रात ललित झा भी वहां आ गया और 11 दिसंबर की सुबह मनोरंजन भी दिल्ली आ गया। सागर, अमोल, ललित और मनोरंजन गुरुग्राम में पहले भी मिल चुके थे। ये भी संसद में विजिटर पास की व्यवस्था करने के लिए तीन रात और दो दिन गुरुग्राम में रुके। उनकी योजना 14 दिसंबर को विरोध प्रदर्शन करने की थी, लेकिन पहले ही पास मिलने की वजह से 13 दिसंबर को ही विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया।
इंडिया गेट पर की थी अंतिम बैठक
घटना वाले दिन सागर सुबह 5:30 बजे हुड्डा सिटी सेंटर से आनंद विहार के लिए निकला। उसे वहां से अपना आधार कार्ड लेना था, जो उसके मित्र अंश ने यूपी रोडवेज के बस ड्राइवर के माध्यम से भेजा था। आधार कार्ड लेने के बाद सागर मेट्रो से मैसूरु के सांसद के पीए से दिल्ली स्थित 18 महादेव रोड पर विजिटर पास लेने चला गया। विजिटर पास लेने के बाद सागर ने सदर बाजार से झंडे खरीदे। फिर वह साथियों से मिलने इंडिया गेट पहुंचा। इसके बाद सभी ने इंडिया गेट पर करीब आधे घंटे तक बैठक की, जिसमें निर्णय लिया कि वे स्मोक क्रैकर फेंकेंगे नहीं बल्कि उसे पकड़े रहेंगे ताकि पता चल सके कि ये खतरनाक नहीं है। तय हुआ कि सागर और मनोरंजन संसद भवन में पीले धुएं वाला एक-एक स्मोक क्रैकर लेकर प्रवेश करेंगे। सागर ने जूतों में कुछ पर्चे भी छिपा लिए थे।
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