Bihar School New Calendar: बिहार में छठ की छुट्‌टी घटी, ईद की बढ़ी, भाजपा ने नीतीश को बताया ‘तुष्टिकरण की राजनीति का मास्टर’

पटना, BNM News: बिहार में फिर से सियासी घमासान शुरू है। अब घमासान की वजह बना है बिहार सरकार की ओर से 12वीं कक्षा तक के लिए जारी छुट्टियों का कैलेंडर को लेकर। बिहार में शिक्षा विभाग ने सोमवार को 2024 की अवकाश तालिका जारी कर दी है। इसमें शिवरात्रि, रामनवमी, श्रावण की अंतिम सोमवारी, तीज, जिउतिया, जन्माष्टमी, अनंत चतुर्दशी, भैया दूज, गोवर्धन पूजा, गुरुनानक जयंती, कार्तिक पूर्णिमा के अवकाश को खत्म कर दिया गया है। होली, दुर्गा पूजा, दीवाली, छठ आदि त्योहार के अवकाश के दिनों को भी कम कर है। जबकि अगले वर्ष मुहर्रम, बकरीद, ईद की छुट्टियों के दिनों को बढ़ाया गया है। वहीं, गुरु गोविंद सिंह जयंती, रविदास जयंती व भीमराव आंबेडकर जयंती पर अवकाश घोषित किया गया है। होली के अवकाश को तीन से दो, दुर्गा पूजा के छह से तीन, दीपावली व छठ के अवकाश को आठ से चार दिन कर दिया गया है। वहीं, ईद पर अवकाश दो से तीन दिन, बकरीद पर दो से तीन तथा मुहर्रम पर एक से दो दिन कर दिया गया है।

इस फरमान से भाजपा ने नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार के खिलाफ हमला किया। केंद्रीय मंत्री अश्वनी चौबे ने नीतीश कुमार को ‘तुष्टिकरण की राजनीति का मास्टर’ बताते हुए दावा किया कि एक बार फिर जेडीयू-आरजेडी सरकार का हिंदू विरोधी चेहरा सामने आया है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार सरकार ‘वोट बैंक के लिए सनातन से नफरत करती है। दिग्गज भाजपा नेता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हिंदू त्योहारों की छुट्टियां खत्म की जा रही हैं। पोस्ट में कहा गया कि उस सरकार को शर्म आनी चाहिए जो वोट बैंक के लिए सनातन से नफरत करती है।

भाजपा के फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने सूबे को इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ बिहार बताते हुए कहा है कि नीतीश और लालू की सरकार ने मुस्लिम पर्व की छुट्टी बढ़ाई, रक्षाबंधन और शिवरात्रि पर अवकाश नहीं मिला। गिरिराज सिंह ने ये भी कहा कि जिस तरह से लालू यादव और नीतीश की सरकार हिंदुओं पर हमला कर रही है, भविष्य में उन्हें मोहम्मद नीतीश और मोहम्मद लालू के नाम से जाना जाएगा।

2023 और 2024 में कुल अवकाश की संख्या एक समान 60 दिन है। वहीं, गर्मी की छुट्टी को 20 से बढ़ाकर 30 दिनों तक कर दिया गया है। शिक्षा विभाग के अनुसार, शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत प्रारंभिक विद्यालयों में कम से कम 220 दिनों का अध्यापन अनिवार्य है। ग्रीष्मावकाश 2024 में केवल विद्यार्थियों के लिए होगा। प्रधानाध्यापक, अध्यापक, शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मी सरकारी कैलेंडर के अनुसार, विद्यालय आएंगे एवं अन्य शैक्षणिक, प्रशासनिक, कार्यालीय कार्यों का निष्पादित करेंगे।

रक्षा बंधन, जीवित पुत्रिका व्रत एवं भैया दूज पर अवकाश समाप्त

रक्षा बंधन, जीवित पुत्रिका व्रत एवं भैया दूज पर अवकाश समाप्त कर तीन लाख से अधिक महिला शिक्षकों के साथ जानबूझ कर बहुसंख्यक वर्ग को प्रताड़ित करने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार अल्पसंख्यकों के त्योहार पर ड्यूटी के समय में बदलाव करती है और कुछ स्कूलों में साप्ताहिक छुट्टी का दिन रविवार की जगह शुक्रवार करती है, जबकि दूसरे धर्म के त्योहार पर सहूलियत देने के बजाय घर छोड़ने को मजबूर करती है। यह तुष्टीकरण बंद होगा।

उर्दू मकतबों में शुक्रवार को होगी छुट्टी :

माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने बताया कि राज्य के उर्दू प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों, मकतबों में साप्ताहिक अवकाश शुक्रवार को रहेगा। यहां रविवार को पढ़ाई होगी। यदि कोई विद्यालय मुस्लिम बाहुल क्षेत्र में अवस्थित है एवं उर्दू विद्यालय की तरह शुक्रवार को साप्ताहिक अवकाश घोषित कराना चाहते हों तो संबंधित को जिलाधिकारी से अनुमति प्राप्त करनी होगी।

भाजपा के दबाव और शिक्षकों के हित में फिर आदेश वापस लेगी सरकार : सम्राट

अवकाश संबंधित सूची पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि सनातन विरोधी एवं श्रीरामचरित मानस निंदक महागठबंधन सरकार पहले भी भाजपा के दबाव और शिक्षकों के आगे दो बार झुक चुकी है। अब तीसरी बार भी झुकेगी। पांच लाख से अधिक शिक्षक किसी भी सूरत में नीतीश सरकार के इस आदेश को स्वीकार नहीं करेंगे। वहीं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने एक्स पर कहा है कि बिहार सरकार हिंदुओं को जातियों में बांटकर अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण से वोट की राजनीति में लगी हैं। भाजपा विधानमंडल दल के नेता विजय सिन्हा ने कहा कि नीतीश सरकार का यह तुगलकी आदेश हिंदुओं की धार्मिक स्वतंत्रता पर आघात है और इसे भी वापस लेना पड़ेगा।

 

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