यूपी में कफ सिरप तस्कर गिरफ्तार, 1 करोड़ को प्रतिबंधित सिरप बरामद, बांग्लादेश, बंगाल, बिहार और ओडिशा में करते थे सप्लाई
गाजियाबाद, BNM News: Ghaziabad cough syrup smuggling: कोडीन युक्त फेंसीडिल कफ सिरप की तस्करी कर रहे तीन लोगों को पुलिस और एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) ने गिरफ्तार किया है। इनके पास से 15 हजार कफ सिरप बरामद हुए हैं। जिनकी कीमत एक करोड़ रुपये से अधिक है। आरोपित बांग्लादेश, बंगाल, बिहार और ओडिशा में कफ सिरप की तस्करी करते हैं। एएनटीएफ और कौशांबी पुलिस ने यूपी गेट पर तलाशी अभियान के दौरान कैंटर को रोका तो चालक ने बताया कि उसमें गद्दे भरे हैं। गद्दे चेक किए तो उसमें कफ सिरप की पेटी छिपाकर रखी थी। कैंटर को तुफैल चौधरी उर्फ फखरुद्दीन अली चला रहा था। कैंटर के पीछे चल रही वैगनआर कार को भी रोका गया। कार में सरफराज अहमद और यूसुफ खान बैठे थे। कार में कई पेटी सिरप रखी थीं।
15 हजार कफ सिरप बरामद
एएनटीएफ मेरठ के एसएचओ सौरभ विक्रम सिंह ने बताया कि पुलिस ने तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर दोनों वाहन और 15 हजार कफ सिरप को जब्त कर लिया। एक सिरप की एमआरपी 200 रुपये है। जबकि इसे 700 से 800 रुपये में बेची जा रही थी। आरोपित चार साल से कफ सिरप की तस्करी कर रहे हैं। एक बार के डेढ़ लाख रुपये मिलते थे। एक माह से दो चक्कर लगाते थे।
स्वास्थ्य पर करती है बुरा असर
एएनटीएफ मेरठ के एसएचओ सौरभ विक्रम सिंह ने बताया कि कफ सिरप में तीन फीसद तक कोडीन होता है। यह मार्फीन डेरीवेटिव है और सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर असर करता है। कम डोज में लेने पर खांसी बंद हो जाती है, लेकिन कफ सिरप की पूरी बोतल पीने से नशा होने लगता है। इसके लगातार सेवन से कफ सिरप की मात्रा बढ़ने के साथ लत लग जाती है। इससे मानसिक स्थिति बिगड़ जाती है।