Danish Ali Suspended : लोकसभा सदस्य दानिश अली बसपा से निलंबित, पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप
नई दिल्ली, बीएनएम न्यूज। उत्तर प्रदेश के अमरोहा से लोकसभा सदस्य कुंवर दानिश अली (Danish Ali) को बसपा (BSP) से निलंबित कर दिया गया। बसपा की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि पार्टी विरोधी कामों में शामिल होने के कारण उनके खिलाफ यह कार्रवाई हुई है। 2019 में दानिश अमरोहा संसदीय सीट (Amroha Seat) से चुने गए थे। इससे पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने राहुल गांधी की तारीफ करने वाले सहारनपुर के मुस्लिम नेता इमरान मसूद को भी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। इससे पहले दानिश अली देवगौड़ा की पार्टी जेडीएस में शामिल थे। पिछले दिनों संसद में भाजपा सदस्य रमेश विधूड़ी द्वारा दानिश अली के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी। इस मामले को विपक्षी दलों ने काफी तूल दिया था। उस घटना के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी, संजय सिंह समेत तमाम विपक्षी दल के नेता उनसे मिले थे। बसपा ने इस घटना की बहुत ठंडे तरीके से निंदा की थी। पार्टी का कोई नेता उनके नेता उनस मिलने तक नहीं गया था। महुआ मोइत्रा के लोकसभा से निष्कासन के बाद अन्य विपक्षी दलों के साथ दानिश अली ने पुरजोर तरीके से विरोध किया था, जबकि बसपा की तरफ से कोई बयान नहीं आया। हो सकता है कि दानिश अली की संसद में चर्चित रहने की कोशिश बसपा सुप्रीमो को नागवार गुजरी हो।
आगे भी करता रहूंगा ऐसा जुर्म
निलंबित किए जाने पर दानिश अली ने कहा कि मुझे हमेशा बहन जी(मायावती) का बहुत समर्थन मिला है, लेकिन उनका आज का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। मैंने अपनी पूरी मेहनत और लगन के साथ बसपा को मजबूत करने का प्रयास किया और कभी भी कोई पार्टी विरोधी काम नहीं किया। मैंने भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों का विरोध जरूर किया है और आगे भी करता रहूंगा। चंद पूंजीपतियों की लूट के खिलाफ मैंने आवाज़ उठाई है और आगे भी उठाता रहूंगा, यदि ऐसा करना जुर्म है तो मैंने जुर्म किया है और मैं इसकी सजा भुगतने के लिए तैयार हूं।
बसपा ने दानिश को दिया था कई बार नोटिस
बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि दानिश को पहले भी कई बार नोटिस दिया गया था। दानिश लगातार पार्टी स्टैंड के खिलाफ बयान दे रहे थे। संसद के बाहर उन्होंने कई बार ऐसे बयान दिए जिसके लिए उन्हें बसपा अध्यक्ष मायावती की तरफ से मना किया गया था। उन्होंने बताया कि कर्नाटक में करीब 6 साल पहले 2018 में जनता दल सेकुलर (जेडीएस) और कांग्रेस की सरकार में बीएसपी भी शामिल हुई थी। दानिश उन दिनों जेडीएस के राष्ट्रीय प्रवक्ता हुआ करते थे। गठबंधन की सरकार होने के कारण दानिश अली की कई बार मायावती से मुलाकातें भी हुईं। फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में मायावती ने उन्हें अमरोहा से लोकसभा का टिकट दे दिया। उस दौरान उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बसपा का गठबंधन हुआ करता था। उस दौरान दानिश अली अमरोहा की सीट से जीत गए थे।
मायावती के साथ दानिश के सबंध खट्टे मीठे रहे
अमरोहा के रहने वाले दानिश अली लोकसभा का चुनाव जीतकर पहली बार सांसद बने थे। उसके बाद दानिश मायावती के करीबी बन गए। उन्हें लोकसभा में संसदीय दल का नेता बनाया गया। संसद के बाहर मीडिया में बयान देने के कारण मायावती ने दानिश को हटा कर श्याम सिंह यादव को संसदीय दल का नेता बना दिया गया। इस घटना के बाद दानिश ने मायावती से माफी मांग ली थी, लेकिन कुछ ही महीनों बाद दानिश फिर मीडिया में बयान देने लगे। मायावती की नाराजगी के बावजूद दानिश का विपक्षी नेताओं के साथ उठना बैठना जारी रहा। दानिश अली की राहुल गांधी और कांग्रेस नेताओं से नजदीकी भी मायावती को खटक रही थी।
कहां जा सकते हैं दानिश
माना जा रहा है कि दानिश अब कांग्रेस पार्टी में शामिल हो सकते हैं। साथ ही दानिश के राहुल गांधी और अखिलेश यादव से भी अच्छे रिश्ते हैं। मायावती के करीबी नेताओं का दावा है कि आने वाले समय में 2 से 3 और सांसदों के खिलाफ मायावती कार्रवाई कर सकती हैं। पिछले दिनों पटना जाकर दानिश अली बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मिल चुके हैं। दानिश पर ये आरोप हैं कि वे चाहते थे कि मायावती भी विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया (INDIA) में शामिल हों, जबकि मायावती बार-बार भाजपा और कांग्रेस से बराबर की दूरी बनाए जाने की बात कहती रही हैं।