महुआ मोइत्रा के लिए बढ़ सकती हैं मुश्किलें, यहां करना पड़ सकता है विरोध का सामना

कोलकाता, बीएनएम न्यूज। रुपये और उपहार लेकर संसद में अदाणी समूह के विरुद्ध प्रश्न पूछने के मामले में लोकसभा से निष्कासन के बाद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) की उनके संसदीय क्षेत्र रहे कृष्णानगर (Krishna Nagar) में मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने भले निष्कासन के बाद महुआ का खुलकर समर्थन किया है, लेकिन कृष्णानगर में उन्हें पार्टी के नेता-कार्यकर्ताओं के एक वर्ग के विरोध का सामना करना पड़ सकता है।

महुआ को राष्ट्र विरोधी दर्शाने के लिए प्रचार करेगी भाजपा

दूसरी तरफ भाजपा भी उन्हें राष्ट्र विरोधी के तौर पर दर्शाने के लिए प्रचार करने की रणनीति तैयार कर रही है। भाजपा के शीर्ष नेता सुवेंदु अधिकारी, सुभाष सरकार और सुकांत मजूमदार पहले ही महुआ के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। भाजपा पहले ही कह चुकी है कि कृष्णानगर सीट पर उसका पूरा ध्यान रहेगा और इसे जीतने के लिए वह पूरा जोर लगाएगी। ऐसे में महुआ का भरोसा पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर ही है। ममता बनर्जी ने महुआ मोइत्रा के निष्कासन को लोकतंत्र की हत्या करार देते हुए कहा था कि भाजपा में लोकतांत्रिक तरीके से लड़ने की क्षमता नहीं है इसलिए वह राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से काम कर रही है। तृणमूल पूरी तरह से महुआ के साथ है और रहेगा। ममता ने इस मामले के लोकसभा की एथेक्स कमेटी में जाने के बाद महुआ को कृष्णानगर सांगठनिक जिला की सभानेत्री नियुक्त कर उनके प्रति विश्वास जताया था। संगीन मामले में फंसी महुआ को इतना महत्वपूर्ण दायित्व दिया जाना नदिया जिले के कुछ तृणमूल नेता को रास नहीं आ रहा, जो उनके धुर विरोधी माने जाते हैं।

भाजपा का दावा, रिकार्ड वोटों से हारेंगी महुआ

सियासी विश्लेषकों का कहना है कि महुआ मोइत्रा के लिए बाहरी लोगों (भाजपा और अन्य विरोधी दलों) से ज्यादा समस्या पार्टी के अंदर के कुछ लोग कर सकते हैं। दूसरी ओर भाजपा के किसान मोर्चा के राज्य अध्यक्ष महादेव सरकार ने दावा किया है कि इस बार महुआ मोइत्रा रिकार्ड वोट से हारेंगी। हालांकि एक बड़ा प्रश्न यह भी है कि अगले लोकसभा
चुनाव में महुआ को दोबारा टिकट मिलता है या नहीं?