DR College NSS Camp : राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) का 7 दिवसीय शिविर: सामुदायिक सेवा और कौशल विकास का एक प्रेरणादायक सफर

दौलत राम कॉलेज में राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) के 7-दिवसीय शिविर में शामिल छात्र और शिक्षक।

नई दिल्ली, बीएनएम न्‍यूज : दौलत राम कॉलेज में राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) ने 17 से 23 मार्च 2025 तक एक अद्वितीय और प्रेरणादायक 7-दिवसीय शिविर का आयोजन किया। यह शिविर प्राचार्य डॉ. सविता रॉय और कार्यक्रम अधिकारी डॉ. शारदा गौतम के मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस विशेष आयोजन का उद्देश्य सामुदायिक सेवा, कौशल विकास और समग्र विकास को बढ़ावा देना था। इस लेख में हम इस शिविर के दौरान की गई गतिविधियों, सीखों और अनुभवों को विस्तार से समेटने का प्रयास करेंगे।

शिविर का उद्घाटन: एक नई शुरुआत

शिविर का आरंभ एक भव्य उद्घाटन समारोह से हुआ, जिसमें रखी गई योग सत्र और परस्पर परिचय गतिविधियों ने सभी प्रतिभागियों का मनोबल बढ़ाया। उद्घाटन समारोह में कॉलेज के सभी शिक्षकों और विद्यार्थियों ने भाग लिया। वेलकम स्पीच देते हुए डॉ. सविता रॉय ने कॉलेज की NSS शाखा की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए विद्यार्थियों को प्रेरित किया कि वे अपनी प्रतिभाओं का उपयोग समाज के उत्थान में करें। इसके बाद, स्वयंसेवकों द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम ने स्थानीय संस्कृति और विविधता को प्रदर्शित किया, जिससे माहौल उत्साह से भर गया।

समूह गतिविधियां: सामूहिक विकास की दिशा में कदम

शिविर को और अधिक रोचक और शिक्षाप्रद बनाने के लिए, पचास स्वयंसेवकों को दस समूहों में विभाजित किया गया। प्रत्येक समूह ने वाद-विवाद, कविता, प्रश्नोत्तरी, नाटक, रंगोली, पोस्टर निर्माण और रस्साकशी जैसी प्रतियोगिताओं में भाग लिया। इन गतिविधियों ने स्वयंसेवकों के बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया और उनकी रचनात्मकता को उभारा। छात्रों ने एक-दूसरे के विचारों को सुना और साझा किया, जिससे टीम वर्क और सामूहिक सोच का विकास हुआ।

कला और हुनर के कार्यशालाएं : व्यावहारिक ज्ञान की ओर कदम

शिविर के अंतर्गत विभिन्न कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जहां विशेषज्ञों ने अपनी विशेषज्ञता साझा की। स्पेक्ट्रा, ललित कला समाज द्वारा आयोजित कला कार्यशाला ने छात्रों को विभिन्न कलात्मक तकनीकों से अवगत कराया। साथ ही, अनहद, नृत्य समाज द्वारा आयोजित नृत्य कार्यशाला में विद्यार्थियों को नृत्य के विविध रूपों का अनुभव मिला। इसके अतिरिक्त, दीपाक्षी मैम द्वारा आयोजित आपदा प्रबंधन कार्यशाला ने छात्रों को आपातकालीन स्थिति में कार्रवाई करने के लिए आवश्यक ज्ञान प्रदान किया। इन सभी कार्यशालाओं ने छात्रों की क्षमताओं को न सिर्फ बढ़ाया, बल्कि उन्हें आत्म-विश्वास भी प्रदान किया।

ज्ञानवर्धन: विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में प्रेरणा

 

शिविर के दौरान विभिन्न विशेषज्ञों ने छात्रों को प्रेरणादायक व्याख्यान दिए। विषयों में NSS के महत्व, सुशासन, सुरक्षा, विकसित भारत, और माई भारत पोर्टल में युवाओं की भूमिका शामिल थीं। इन सत्रों ने छात्रों को न केवल थ्योरी के माध्यम से बल्कि प्रायोगिक अनुभव के माध्यम से भी जागरूक किया। स्वास्थ्य और सुरक्षा पर आयोजित सत्रों में प्राथमिक चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाओं की आधारभूत आवश्यकताओं पर चर्चा की गई, जिससे छात्रों को व्यक्तिगत और सामाजिक विकास के लिए आवश्यक कौशल प्राप्त हुए।

पर्यावरण संरक्षण: जागरूकता के लिए सक्रिय भागीदारी

 

शिविर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा स्वच्छता अभियान और वृक्षारोपण अभियान था। स्वयंसेवकों ने इन अभियानों में सक्रिय भागीदारी निभाई, जिससे पर्यावरण संरक्षण की दिशा में जागरूकता बढ़ाई जा सकी। उन्होंने स्थानीय पार्कों और सामुदायिक क्षेत्रों में सफाई अभियानों का आयोजन किया, जिसमें उन्होंने कचरा इकट्ठा किया और अपशिष्ट प्रबंधन के महत्व को समझाया। वृक्षारोपण अभियान के अंतर्गत, छात्रों ने पौधे लगाए और उनके संरक्षण के महत्व के बारे में चर्चा की। यह अनुभव न केवल छात्रों के पर्यावरणीय ज्ञान को बढ़ाने में मददगार साबित हुआ, बल्कि उन्होंने अपने समुदाय में सकारात्मक बदलाव लाने का भी प्रयास किया।

शारीरिक और मानसिक विकास: स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता

 

डॉ. शारदा गौतम के सक्षम नेतृत्व में हुआ यह शिविर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने पर भी केंद्रित था। प्राथमिक चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवा के बारे में आयोजित सत्रों ने छात्रों को जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार किया। योग सत्रों ने उन्हें मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त करने में मदद की। इस तरह के प्रयासों ने महाविद्यालय के छात्रों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाया और उन्हें जीवन में संतुलन बनाए रखने के लिए प्रेरित किया।

सांस्कृतिक समापन: विविधता का उत्सव

 

सभी गतिविधियों के अंत में अंतिम दिन स्वयंसेवकों ने विभिन्न राज्यों के पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत किए, जिसमें भारत की सांस्कृतिक विविधता का उत्सव मनाया गया। इस सांस्कृतिक प्रस्तुति ने न केवल स्वयंसेवकों की प्रतिभाओं को प्रदर्शित किया, बल्कि सभी उपस्थित लोगों को भी एक साथ लाया। सभी ने अपने-अपने नृत्यों के माध्यम से भारतीय संस्कृति की विविधता को जीवंत किया।

समापन सत्र में, प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा किए, जिसने सभी को इस शिविर में हुई गतिविधियों की गहराई को समझने का अवसर प्रदान किया। सभी स्वयंसेवकों को प्रमाणपत्र वितरित किए गए, जो यह दर्शाता है कि उन्होंने शिविर में सक्रिय भाग लिया और विभिन्न गतिविधियों में अपनी प्रतिभा दिखाई। डॉ. गौतम के प्रेरणादायक शब्दों ने सभी विद्यार्थियों को आगे बढ़ने और सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित किया।

 एक अविस्मरणीय अनुभव

इस 7-दिवसीय शिविर ने दौलत राम कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए एक अविस्मरणीय और प्रेरणादायक अनुभव प्रदान किया, जिसने उनके ज्ञान, कौशल और सामाजिक उत्तरदायित्व को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस कार्यक्रम के माध्यम से छात्रों ने न केवल व्यक्तिगत विकास की दिशा में कदम बढ़ाया बल्कि अपने समुदाय के प्रति भी एक जिम्मेदार नागरिक बनने का संकल्प लिया।

यह शिविर सिर्फ एक आयोजात्मक पहल नहीं था, बल्कि यह सीखने, सहयोग करने और सामुदायिक सेवा के मूल्यों को आत्मसात करने का एक सशक्त माध्यम बन गया। हम आशा करते हैं कि आने वाले समय में ऐसे और भी प्रेरणादायक शिविर आयोजित किए जाएं, ताकि युवा पीढ़ी को समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित किया जा सके।

 

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