DU News: दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों के शिक्षकों व कर्मचारियों के लिए जारी किया नया फरमान, नहीं मिलेगी यह सुविधा

नई दिल्ली, बीएनएम न्यूज: DU News: दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक आदेश में कहा है कि कॉलेजों में कार्यरत शिक्षण और गैर शिक्षण कर्मचारी स्वास्थ्य केंद्रों से जुड़े नहीं रहेंगे। मौजूदा सेवानिवृत्त कर्मचारी केंद्रों से स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ ले सकेंगे।

विभागों के शिक्षण व गैर शिक्षण कर्मचारी को लाभ

डीयू में तीन स्वास्थ्य केंद्र हैं। इसमें उत्तरी और दक्षिणी परिसर के स्वास्थ्य केंद्र प्रमुख हैं। इनमें कालेजों से जुड़े चार हजार से अधिक शिक्षक स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ लेते थे। इसके लिए असिस्टेंट प्रोफेसर 650 और प्रोफेसर को एक हजार रुपये महीना देना होता था। इसके बदले उनकी सभी जांच, उपचार, डाक्टर की फीस सबकुछ निश्शुल्क होता है। इसके खर्चे की प्रतिपूर्ति संबंधित कालेज से की जाती है।

इसके अलावा कॉलेजों के कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य बीमा की सुविधा भी है। वह प्रीमियम भुगतान कर दिल्ली विश्वविद्यालय के पैनल के अस्पतालों में कैशलेस उपचार की सुविधा ले सकते हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य केंद्र की सुविधा उन्हें वैकल्पिक तौर पर दी जा रही थी। यानी कालेजों का शिक्षक या कर्मचारी चाहे तो सुविधा ले सकता था या नहीं। लेकिन, अब विकल्प को भी खत्म कर दिया गया है। डीयू ने कहा है कि सिर्फ विभागों के शिक्षण व गैर शिक्षण कर्मचारी इसका लाभ ले पाएंगे।

कॉलेजों में ऑडिट में आपत्ति आने के चलते फैसला

डीयू ने आदेश में कहा है कि स्वास्थ्य केंद्र से डीयू के कालेजों से सेवानिवृत्त मौजूदा सदस्य अब तक की तरह स्वास्थ्य केंद्र से चिकित्सा सुविधा का लाभ उठाते रहेंगे। दवाओं की स्थानीय खरीद, सूचीबद्ध लैब व अस्पतालों से सुविधा के बाद उन्हें कालेजों से प्रतिपूर्ति मिलेगी। डीयू के एक अधिकारी ने कहा, दिल्ली सरकार के कॉलेजों में आडिट में आपत्ति आने के चलते फैसला लिया गया है। कालेज को आपत्ति आ रही थी कि प्रीमियम डीयू प्रशासन को दिया जाता है और प्रतिपूर्ति कालेज को करनी पड़ती है। इसको लेकर लगातार परेशानी हो रही थी। इसलिए इसे वैकल्पिक रख गया था।

 

शिक्षकों को विकल्प जरूर दिया जाए

 

डीयू शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रो. अजय कुमार भागी ने कहा, शिक्षकों को विकल्प जरूर दिया जाना चाहिए। विश्वविद्यालय प्रशासन को पहले की तरह वैकल्पिक रखने का फैसला बरकरार रखना चाहिए। खासकर सेवानिवृत्त कर्मचारियों को तो लाभ दिया ही जाना चाहिए। इंडियन नेशनल टीचर्स कांग्रेस के चेयरमैन प्रो. पंकज गर्ग ने कहा, इंटेक फैसले का विरोध करता है। जो शिक्षक और कर्मचारी स्वास्थ्य केंद्र के सदस्य बनना चाहते हैं उन्हें इसकी अनुमति होनी चाहिए। कालेज भी डीयू का हिस्सा हैं और हर सुविधा पर उनका अधिकार है। यह सब करने के बजाय डीयू को एक मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल का निर्माण करना चाहिए, जिसमे विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए सुविधा मौजूद रहे।

 

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