Earthquake Today: देश के इस राज्य में सुबह-सुबह कांपी धरती, जानिए कितनी रही भूकंप की तीव्रता

विजयपुरा, एजेंसी: कर्नाटक में आज (शुक्रवार) सुबह भूकंप (Earthquake) के तेज झटके महसूस किए गए. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक, इस भूकंप का केंद्र कर्नाटक के विजयपुरा जिले में था, भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.1 मापी गई। इस भूकंप से अभी तक किसी भी तरह के जान या माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी से मिली जानकारी के मुताबिक, ये भूकंप सुबह सुबह 6.52 बजे आया। जिसका केंद्र धरकी की सतह से 10 किमी की गहराई में था।

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) ने कहा कि शुक्रवार सुबह कर्नाटक के विजयपुरा जिले में रिक्टर स्केल पर 3.1 तीव्रता का भूकंप आया।  नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि भूकंप की तीव्रता 3.1, 8-12-2023, 06:52:21 IST, अक्षांश: 16.77 और लंबाई: 75.87, गहराई: 10 किमी, स्थान: विजयपुरा, कर्नाटक में आया। । एनसीएस ने कहा कि भूकंप का केंद्र 16.77 अक्षांश और 75.87 देशांतर पर माना गया और झटके 10 किमी की गहराई पर आए।

वहीं इससे पहले 20 नवंबर को भी कर्नाटक में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. कर्नाटक में भूकंप का केंद्र तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद से 255 किलोमीटर और नागपुर से 265 किलोमीटर दूर था. इस दिन कर्नाटक के अलावा तेलंगाना और महाराष्ट्र में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। वहीं रविवार को यानी कि 19 नवंबर की शाम को अरब सागर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। NCS के मुताबिक 19 नवंबर को भूकंप शाम 6 बजकर 36 मिनट पर अरब सागर में आया था। जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.5 मापी गई थी।

जानें क्यों आता है भूकंप? ( Know why earthquake occurs)

गौरतलब है कि धरती की मोटी परत, जिसे टेक्टोनिक प्लेट्स कहा जाता है, वह अपनी जगह से खिसकती रहती है। ये प्लेट्स अमूमन हर साल करीब 4-5 मिमी तक अपने स्थान से खिसक जाती हैं। इस दौरान कभी कोई प्लेट दूसरे प्लेट के करीब आती है तो कोई दूर हो जाती है। इस क्रम में कभी-कभी ये प्लेट्स एक-दूसरे से टकरा जाती है। ऐसे में ही भूंकप आता है और धरती हिल जाती है। ये प्लेटें सतह से करीब 30 से 50 किलोमीटर तक नीचे हैं।

भूकंप आए तो क्या करें और क्या नहीं ( What to do and what not to do if an earthquake occurs)

  • अगर आप किसी इमारत के अंदर हैं तो फर्श पर बैठ जाएं और किसी मजबूत फर्नीचर के नीचे चले जाएं. अगर कोई मेज या ऐसा फर्नीचर न हो तो अपने चेहरे और सर को हाथों से ढंक लें और कमरे के किसी कोने में दुबककर बैठ जाएं।
  • अगर आप इमारत से बाहर हैं तो इमारत, पेड़, खंभे और तारों से दूर हट जाएं।
  • अगर आप किसी वाहन में सफर कर रहे हैं तो जितनी जल्दी हो सके वाहन रोक दें और वाहन के अंदर ही बैठे रहें।
  • अगर आप मलबे के ढेर में दब गए हैं तो माचिस कभी न जलाएं, न तो हिलें और न ही किसी चीज को धक्का दें।
  • मलबे में दबे होने की स्थिति में किसी पाइप या दीवार पर हल्के-हल्के थपथपाएं, जिससे कि बचावकर्मी आपकी स्थिति समझ सकें। अगर आपके पास कोई सीटी हो तो उसे बजाएं।
  • कोई चारा न होने की स्थिति में ही शोर मचाएं. शोर मचाने से आपकी सांसों में दमघोंटू धूल और गर्द जा सकती है।
  • अपने घर में हमेशा आपदा राहत किट तैयार रखें।

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