Kaithal News: जाट शिक्षण संस्थान सोसाइटी में वोट विवाद: 3200 वोटों की वैधता पर उठा सवाल, सदस्यों ने किया विरोध प्रदर्शन

जाट संस्था की सदस्यता वोट रद्द होने की सूची देखने पहुंचे लोग
नरेन्द्र सहारण, कैथल : Kaithal News: जाट शिक्षण संस्थान सोसाइटी के वोट विवाद ने सोमवार को नया मोड़ ले लिया। तीन साल पहले बनाई गई नई वोट सूची को लेकर सदस्यों और प्रबंधन के बीच तीखा विवाद खड़ा हो गया। सोमवार सुबह एडहॉक कमेटी द्वारा कार्यालय के बाहर चस्पां की गई नई वोट सूची ने विवाद को हवा दी। इस सूची के अनुसार, 3200 से अधिक वोटों को अवैध घोषित किया गया है। इस पर सदस्यों ने जोरदार आपत्ति जताई।
वोट काटने का विवाद
प्रबंधन के अनुसार, रजिस्ट्रार कार्यालय के आदेश पर उन वोटों को अवैध घोषित किया गया, जिनके लिए एक ही बैंक खाते के माध्यम से कई वोट बनाई गई थीं। इन वोटों को संस्था के नियमों के खिलाफ बताया गया। लेकिन सदस्यों का कहना है कि यह प्रक्रिया न केवल अनुचित है, बल्कि उनके अधिकारों का हनन है।
विरोध प्रदर्शन का दूसरा दिन
मंगलवार को भी विरोध प्रदर्शन जारी रहा। आक्रोशित समाज के लोगों ने संस्थान प्रबंधन पर अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की। इस दौरान जाट कॉलेज परिसर में समाज के लोग बड़ी संख्या में एकत्र हुए और रोष प्रकट किया। जब प्रशासनिक अधिकारियों से उनकी शिकायतों का समाधान नहीं हुआ, तो सदस्यों ने एक प्रतिनिधिमंडल के माध्यम से डीसी को ज्ञापन सौंपा।
रजिस्ट्रार कर्मी के साथ तीखी बहस
मंगलवार को जिला रजिस्ट्रार कार्यालय से कर्मचारी नीतेश वहां पहुंचे। उन्होंने सदस्यों से आपत्तियों पर चर्चा के लिए प्रतिनिधिमंडल बनाने को कहा, लेकिन लोगों ने इसे खारिज कर दिया। इसके बाद बहस इतनी तीखी हो गई कि नीतेश को वहां से लौटना पड़ा। इस घटना ने प्रदर्शनकारियों के गुस्से को और भड़का दिया।
वोट काटने का आधार और सदस्यों की आपत्तियां
संस्था के नियमों के अनुसार, जाट संस्था की सदस्यता के लिए चेक बुक और डीडी अनिवार्य है। लेकिन सदस्यों का कहना है कि आरबीआई के नियमों के तहत कई मामलों में अनपढ़ ग्राहकों को चेक बुक जारी नहीं की जाती। ऐसे में महिलाओं ने अपने पतियों की चेक बुक का उपयोग किया। इसके बावजूद उनकी वोटों को अवैध घोषित किया गया।
समाज के नेताओं का आरोप
खाप प्रधान जयभगवान गुहणा, किसान नेता महाबीर चहल नरड़ और अन्य नेताओं ने आरोप लगाया कि कुछ शरारती तत्व संस्था को बर्बाद करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि संस्था पिछले कई सालों से अच्छी तरह से चल रही थी, लेकिन वर्तमान प्रबंधन ने इसे विवादों में घसीट दिया है।
जयभगवान गुहणा ने कहा, “2021 में बने सदस्यता कार्ड अब रद्द किए जा रहे हैं। डीडी जमा करने के बावजूद हमारी वोटें अवैध बताई जा रही हैं। तीन-चार साल पुराने बैंक रिकॉर्ड लाने की मांग करना अनुचित है।”
प्रशासन की प्रतिक्रिया
संस्था के प्रशासक एवं एडीसी दीपक बाबू लाल कारवा ने कहा कि मंगलवार को 150 लोगों ने दस्तावेज जमा करवा कर आपत्तियां दूर करने का प्रयास किया। इनमें से 53 के दस्तावेज सही पाए गए और उनकी वोटें वैध घोषित कर दी गईं। उन्होंने यह भी बताया कि शुक्रवार तक दस्तावेज जमा करवाने वालों की जांच के बाद सही पाए गए वोटों को सूची में शामिल किया जाएगा।
समाज की मांग
सदस्यों ने मांग की कि चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाया जाए। उनका कहना है कि एडहॉक कमेटी का कार्य केवल चुनाव करवाना है, न कि वोटों की वैधता पर सवाल उठाना। “हरियाणा सोसाइटी एक्ट 2012” के तहत सोसाइटी का सदस्य बनने के लिए केवल यह सुनिश्चित करना होता है कि व्यक्ति 21 वर्ष का हो।
संस्था पर संकट और समाधान की राह
यह विवाद संस्था के अस्तित्व और संचालन पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। सदस्यों ने जिला प्रशासन से अपील की है कि वे जल्द से जल्द इस मामले में हस्तक्षेप करें और निष्पक्ष जांच कराएं।
आगे का रास्ता
अब सभी की नजरें शुक्रवार पर टिकी हैं, जब वोटों की वैधता पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। प्रशासन का कहना है कि सभी आपत्तियों का समाधान करने के बाद चुनाव प्रक्रिया शुरू होगी। लेकिन इस प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती होगी।
साख पर सवाल
जाट शिक्षण संस्थान सोसाइटी का यह विवाद न केवल सदस्यों और प्रबंधन के बीच भरोसे की कमी को दर्शाता है, बल्कि संस्थान की साख पर भी सवाल खड़े करता है। इस स्थिति को जल्द सुलझाने और सभी पक्षों को संतुष्ट करने के लिए प्रशासन को ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
भारत न्यू मीडिया पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज, Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट , धर्म-अध्यात्म और स्पेशल स्टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें इंडिया सेक्शन