Delhi Water Crisis: सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद भी हरियाणा के रास्ते हिमाचल प्रदेश ने दिल्ली के लिए नहीं छोड़ा अतिरिक्त पानी

नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़/यमुनानगर : Haryana News: दिल्ली के लोगों की प्यास बुझाने के लिए अभी तक हिमाचल प्रदेश ने 137 क्यूसिक पानी भेजना आरंभ नहीं किया है। सुप्रीम कोर्ट ने तीन दिन पहले हिमाचल प्रदेश को पूर्व में छोड़े जा रहे पानी से अतिरिक्त 137 क्यूसिक पानी हरियाणा के रास्ते दिल्ली पहुंचाने के निर्देश दिए थे। हरियाणा के मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने हिमाचल प्रदेश से मिलने वाले पानी में हो रही देरी पर वहां के मुख्य सचिव से वार्ता की है। कहा है कि जब वे दिल्ली के लिए पानी छोड़ें तो हरियाणा को अवगत करा दें, ताकि विभिन्न स्थानों पर टीम यह जांच कर सके कि पानी पूरा छोड़ा गया है अथवा नहीं।
हरियाणा के मुख्य सचिव ने हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव से की बातचीत
टीवीएसएन प्रसाद ने कहा है कि हम दिल्ली को पानी सुरक्षित तरीके से पहुंचाने के लिए कटिबद्ध हैं। सभी प्रमुख गेज सेंटरों पर अपने अधिकारी तैनात कर दिए हैं। हिमाचल प्रदेश की ओर से जितना पानी उपलब्ध कराया जाएगा, वह नाप में आ जाएगा और पश्चिमी यमुना नहर के माध्यम से वजीराबाद चैनल के जरिये दिल्ली को पानी पहुंचा देंगे। प्रसाद ने कहा कि हिमाचल के मुख्य सचिव से शनिवार को बात हुई थी। तब तक ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं थी कि पानी छोड़ दिया गया है। वहीं, सिंचाई विभाग, यमुनानगर के एक्सईएन विजय गर्ग ने बताया कि हिमाचल प्रदेश से अभी पानी नहीं छोड़ा गया है। यह भी स्पष्ट नहीं है कि हिमाचल प्रदेश की किस जगह से पानी छोड़ा जाएगा। इसके लिए हमने पत्र लिखकर जानकारी मांगी है। लगातार हिमाचल के अधिकारियों से संपर्क में हैं।
300 क्यूसिक अधिक पानी उपलब्ध करा रहा हरियाणा
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने दिल्ली सरकार हमेशा पानी के मुद्दे पर सभी को गुमराह करती है। जल समझौते में दिल्ली को 750 क्यूसिक पानी का आवटन किया गया है, लेकिन हरियाणा 300 क्यूसिक अधिक यानी 1050 क्यूसिक पानी उपलब्ध करा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली व पंजाब दोनों जगह आम आदमी पार्टी की सरकार है। ये दोनों सरकारें मिलकर हरियाणा को एसवाईएल का पानी दे दें तो उससे न केवल हरियाणा की प्यास बुझेगी, बल्कि हम दिल्ली को भी अतिरिक्त पानी दे सकेंगे। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है। आप और कांग्रेस दोनों एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं।
हथनीकुंड बैराज पर बहाव की स्थिति
हथनीकुंड बैराज से यमुना नदी, पश्चिमी यमुना नहर, पूर्वी यमुना नहर में पानी का डायवर्जन होता है। बैराज पर जल बहाव 70 हजार क्यूसिक से ज्यादा होने पर सभी गेट खोल दिए जाते हैं। रविवार को यहां पानी का बहाव 2264 क्यूसिक रहा। इसमें से 352 क्यूसिक पानी यमुना नदी, 1694 क्यूसिक पश्चिमी यमुना नहर, 218 क्यूसिक पूर्वी यमुना नहर में बह रहा है। 761 क्यूसिक पानी दिल्ली का है, जोकि पश्चिमी यमुना नहर के माध्यम से करनाल के मुनक पानीपत और सोनीपत से होते हुए दिल्ली जाता है। पानी की उपलब्धता के आधार पर नहरों में बहाव घटता-बढ़ता रहता है। सुबह बहाव कम होता है क्योंकि हिमाचल में पन बिजली इकाइयां चलाने के लिए पानी रोक लिया जाता है। पश्चिमी यमुना नहर की क्षमता 17 हजार क्यूसिक है।
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