Haryana Politics: समर्थकों से रूबरू हुईं श्रुति चौधरी और उनकी मां, किरण चौधरी ने कहा- टिकट कटने से कोई राजनीति समाप्त नहीं होती
नरेन्द्र सहारण, नारनौल: Haryana Politics कांग्रेस से टिकट कटने के बाद सोमवार को पूर्व सांसद श्रुति चौधरी और उनकी मां पूर्व मंत्री किरण चौधरी नारनौल में अपने समर्थकों के साथ रूबरू हुईं। इस दौरान उन्होंने बातों ही बातों में कांग्रेस के विरोधियों का नाम लिए बगैर भड़ास तो निकाली ही साथ में नारनौल और महेंद्रगढ़ को अपना घर बताते हुए यह भी स्पष्ट किया कि उनका यह क्षेत्र केवल राजनीतिक भूमि नहीं, बल्कि घर है। इस घर को वे कभी छोड़ने वाले नहीं है। उन्होंने टिकट कटने को कोई अंतिम बाजी नहीं, बल्कि इसे सबक बताते हुए लड़ाई को आगे तक ले जाने का आह्वान भी किया। इस दौरान उनके समर्थक भावुक होते भी दिखाई दिए पर किरण चौधरी ने साफ किया कि उन्हें मायूस होने की आवश्यकता नहीं है। राजनीतिक जीवन में इस तरह के उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया जो हुआ है, अच्छे के लिए ही हुआ है। आने वाले 20 दिनों में अपने और पराये का भी पता लगेगा।
हम झूठ की राजनीति नहीं करते
किरण चौधरी ने समर्थकों को श्रुति चौधरी को दिए गए सहयोग और साथ के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि जिस तरह से आपने हमें अपनाया। मुश्किल से मुश्किल समय में भी आप हमारे साथ खड़े रहे। उन्होंने कहा कि ये इलाका (महेंद्रगढ़ जिला) भिवानी के साथ 2009 में जुड़ा तो उस समय श्रुति को टिकट दी गई थी। श्रुति ने दौरे लगाने शुरू किए। उस समय यह इलाका बहुत ही पिछड़ा हुआ था। उस समय हमने तय किया था कि ये ना हो कि कल को एक भी आदमी यह न कह दे कि भिवानी में तो कार्य हुआ पर यहां नहीं हुआ । इस क्षेत्र में हमने सर्वाधिक कार्य किए। ये ऐसा बंधन है, जो कभी टूटने वाला नहीं है। जुबान दे दी तो दे दी। जगह-जगह थपकी लगाना हमारा काम नहीं है। हम झूठ की राजनीति नहीं करते।
हमारा जीवन आप लोगों के लिए समर्पित
उन्होंने कहा कि चौ. बंसीलाल जी का नाम आज भी इसलिए हैं, क्योंकि उन्होंने पूरे प्रदेश में एक समान काम करके दिखाया। सारथी के रूप में चौ. सुरेंद्र सिंह ने कार्य किया। कठिन दौर भी आए पर एक दिन वो भी आया, जब वे अपनी मेहनत के दम पर मुख्यमंत्री भी बने। उन्होंने कहा कि ये बात मान लेना, यह राजनीति है। एक बार टिकट कटने से राजनीति समाप्त नहीं होती। मैं बताना चाहती हूं। इस 20 दिन में मालूम चलेगा कि कौन अपना पराया है। राजनीति तब समाप्त होती है, जब मौत हो जाती है। अभी हम जिंदा हैं। हमने हमेशा लड़ाई लड़ी है। लेकिन ऊपर वाले कुछ और मंजूर था। बहुत सी ऐसी ताकतें हैं, जिनको लगता था कि आगे निकल गए, तो उनको मुश्किल हो जाएगी। जो कुछ होता है, अच्छाई के लिए ही होता है। हमारा जीवन आप लोगों के लिए समर्पित है। हमारे ऊपर कोई लांछन नहीं है। एक पैसे का आरोप नहीं लगा सकता है। हमने कोई जमीनें नहीं खरीदी, घोटाले नहीं किए। र्इमानदारी के साथ कर्म निभाते हुए लोगों की सेवा के लिए कलम चलाई और आगे भी चलेगी। कार्यकर्ताओं के लिए और इस इलाके के विकास के लिए चलती रहूंगी।
इस जड़ को कोई काट नहीं सकता
उन्होंने विरोधियों पर व्यंग्य कसते हुए कहा कि कुछ लोगों ने यह कहना शुरू कर दिया कि भाई सारा खेल समाप्त हो गया है। परिसीमन में आगे पीछे हो जाएगा। ऐसे लोगों का अब नाम लेना तो उचित नहीं है, लेकिन आगे भविष्य का तो किसी को नहीं पता होता पर ये हमारा घर है ये कोठी आपकी है। महेंद्रगढ़ में फार्म हाउस है। हम यहीं रहेंगे। कहीं जाने वाले नहीं है। चौ. बंसीलाल के लगाए इस वट वृक्ष की जड़ बहुत मजबूत हैं। इस जड़ को कोई काट नहीं सकता है। अगर कोई ऐसा सोच रहा है तो वह गलत है।
हमने विपरीत लहर में पार्टी का झंडा उठाया
अब जीतने का समय आया तो लोग टिकट मांगने आ गए। हमने विपरीत लहर में पार्टी का झंडा उठाया था। कोई बात नहीं। ये चीजें राजनीति में होती रहती हैं। उतार-चढ़ाव होता रहता है। हम आगे निश्चित तौर पर बढ़ेंगे। कोई काम हो, बता देना। आप लोगों के कार्य होंगे। बिल्कुल विचलित नहीं होना और मायूस नहीं होना। लड़ाई लड़ने में सक्षम हूं मैं। कहीं भी लड़ना हो, हम तैयार हैं। ये परिवार और आगे बढ़े, परिवार की आवाज बुलंद हो, केवल यहीं लड़ाई है। इलाके की सेवा करने की लड़ाई है।
बेशक बाजी कोई मार गया हो पर ये अंतिम बाजी नहीं
श्रुति चौधरी ने कहा कि भिवानी-महेंद्रगढ क्षेत्रफल के लिहाज से हरियाणा का सबसे बड़ा लोकसभा क्षेत्र है। हमने इस क्षेत्र के लिए बहुत मेहनत की है। टिकट कटने से कभी भी ये बात जेहन में मत लाना कि अब ये क्षेत्र हमारे से छूट गया। इस क्षेत्र में चुनाव नहीं लड़ेंगे। अब तो पहले से ज्यादा लगाव हो गया है। चौ. बंसीलाल जी और चौ. सुरेंद्र सिंह जी के जीवन में ऐेसे मोड़ कई बार आए। वे परिश्रम कर आगे बढ़े। ये मत सोचना कि टिकट कटने से कोई समाप्त हो जाता है। परिश्रम करना हमारा कार्य है। इसका नतीजा एक न एक दिन जरूर परमात्मा देगा। बेशक आज कोई और बाजी मार गया हो पर ये अंतिम बाजी नहीं है। हौसला है और सच्चे लोग हैं। एक दिन आएगा, हरियाणा के शिखर पर हमारे कार्यकर्ता होंगे।
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