हिसार लोकसभा का लेखा-जोखा: रणजीत चौटाला को मिलेगा भजनलाल परिवार का फायदा, गांवों में जयप्रकाश मजबूत, जाट वोट बैंक में जजपा-इनेलो ने लगाई सेंध
नरेन्द्र सहारण, हिसार। Hisar Loksabha Seat: हरियाणा की हिसार सीट पर कांग्रेस ने हिसार से 3 बार सांसद रहे जयप्रकाश उर्फ जेपी पर दांव लगाया है। जयप्रकाश को भी राजनीति में चौधरी देवीलाल लेकर आए थे। इस बार चौधरी देवीलाल परिवार के तीन सदस्य अलग-अलग पार्टियों से एक दूसरे के आमने-सामने ताल ठोंक रहे हैं। भाजपा से चौधरी देवीलाल के बेटे रणजीत चौटाला मैदान में है तो वहीं जननायक जनता पार्टी की टिकट पर पूर्व सीएम ओपी चौटाला की पुत्रवधू नैना चौटाला लड़ रही हैं। वहीं इंडियन नेशनल लोकदल से ओमप्रकाश चौटाला के छोटे भाई प्रताप चौटाला की पुत्रवधू सुनैना चौटाला मैदान में है। रणजीत चौटाला रिश्ते में चाचा ससुर हैं तो नैना और सुनैना चौटाला देवरानी-जेठानी हैं। सभी प्रत्याशी खुद को चौधरी देवीलाल का असली विरासत बताकर जनता के बीच जा रहे हैं। चुनाव में असली टक्कर कांग्रेस और भाजपा में ही है।
2009 के बाद पहली बार भजनलाल का परिवार लोस चुनाव से बाहर
चुनाव में इस बार हिसार में पूर्व सीएम चौधरी भजनलाल का परिवार टिकट न मिलने से भाजपा से नाराज था। चौधरी भजनलाल का परिवार इन दिनों भाजपा में है। 2 साल पहले हुए आदमपुर उपचुनाव से पहले भजनलाल परिवार भाजपा में शामिल हो गया था। हालांकि, पूर्व सीएम मनेाहर लाल और सीएम नायब सिंह ने उनकी नाराजगी को दूर करने का प्रयास किया है। आदमपुर से कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई विधायक चुने गए थे। भाजपा ने कुलदीप बिश्नोई को भी टिकट नहीं दिया। भजनलाल का परिवार हर बार हिसार सीट से चुनाव लड़ता आया है। 2009 के बाद यह पहला मौका होगा, जब भजनलाल परिवार लोकसभा चुनाव से बाहर है। पिछला चुनाव कांग्रेस के टिकट पर भव्य विश्नोई हार गए थे। अभी भी आदमपुर सीट पर विश्नोई परिवार की पकड़ है। इसलिए हिसार में चुनावी मुकाबला दिलचस्प है।
बृजेंद्र सिंह को नहीं मिला कांग्रेस का टिकट
दूसरी ओर हिसार से ही भाजपा की सीट पर सांसद बने पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह चुनाव से ठीक पहले भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए थे, मगर उनको कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया। उचाना में बीरेंद्र सिंह का परिवार भाजपा के साथ नहीं है। लेकिन खुलकर कांग्रेस के पक्ष में भी नहीं आया है।
चुनाव में भाजपा-कांग्रेस में गुटबाजी व नाराजगी
इस सीट कांग्रेस और भाजपा में गुटबाजी और नाराजगी देखने को मिल रही है। भाजपा में टिकट के दावेदार रहे पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु और कुलदीप बिश्नोई दोनों ही भाजपा प्रत्याशी रणजीत चौटाला के प्रचार में ज्यादा दिलचस्पी लेते दिखाई नहीं दे रहे हैं। हालांकि, आदमपुर में भाजपा की रैली में कुलदीप और भव्य विश्नाई शामिल हुए थे। रैली में कुलदीप बिश्नोई ने रैली कर मंच से रणजीत चौटाला को वोट देने की अपील की थी। कैप्टन अभिमन्यु हिसार लोकसभा सीट के नारनौंद हलके से विधायक रह चुके हैं और इन दिनों असम में भाजपा के चुनाव प्रचार की कमान संभाले हुए हैं। वहीं कुलदीप बिश्नोई आदमपुर तक ही सीमित हैं और बेटे को ही चुनाव में आगे कर खुद हिसार से ज्यादा दिल्ली में समय बिता रहे हैं। कुलदीप बिश्नोई की नाराजगी दूर करने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और प्रदेश महामंत्री सुरेंद्र पूनिया उनके दिल्ली आवास गए थे।
सैलजा के समर्थक जयप्रकाश की सभाओं से नदारद
उधर, कांग्रेस नेता जयप्रकाश कांग्रेस के हुड्डा गुट से हैं। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के प्रयासों से उनको टिकट मिला। जिसके बाद कुमारी सैलजा का गुट जयप्रकाश के चुनाव प्रचार से दूरी बनाए हुए हैं। खुद सैलजा सिरसा लोकसभा सीट से कांग्रेस की उम्मीदवार है। सैलजा के समर्थक जयप्रकाश की सभाओं से गायब हैं।
इस बार बदले-बदले हैं समीकरण
इस बार जनता राष्ट्रीय मुद्दों पर नहीं बल्कि स्थानीय मुद्दों को देखकर वोट करने का मन बना रही है। भाजपा हरियाणा में 10 साल से सत्ता में है। 5 साल भाजपा का सांसद यहां रहा, मगर सांसद की अनुपस्थिति लोगों को अखर रही है। चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह सांसद चुनकर आए थे। अब वह पाला बदलकर कांग्रेस में चले गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में कांग्रेस मजबूत दिखाई देती है। यही कारण है कि भाजपा प्रत्याशी जहां भी प्रचार के लिए जा रहे हैं, उनका विरोध ज्यादा हो रहा है। वहीं शहरी इलाके में भाजपा के पक्ष में हवा है। ग्रामीण में जहां किसानों के मुद्दे हैं, वहीं शहरी क्षेत्र में महंगाई बड़ा मुद्दा है।
ये हैं हिसार लोकसभा सीट के जातीय समीकरण
हिसार सीट पर सबसे ज्यादा जाट वोटर हैं। यह कुल आबादी का करीब 32 प्रतिशत हैं। जाट मतदाता करीब 5 लाख 75 हजार हैं। इसके अलावा अनुसूचित जाति के वोट करीब 23 प्रतिशत हैं। ब्राह्मण मतदाता 1 लाख 20 हजार, पंजाबी 96 हजार, कुम्हार 84 हजार, वैश्य समाज मतदाता 62 हजार, सैनी 58 हजार, बिश्नोई 51 हजार, जांगड़ा 52 हजार, ओड़ समाज 35 हजार, अहीर 32 हजार, सैन समाज 28 हजार, गुर्जर 21 हजार, नायक 17 हजार, लोहार 17 हजार, सुनार 14 हजार और सिंधी करीब साढ़े 10 हजार हैं
हिसार लोकसभा का गणित
हिसार लोकसभा में कुल 17,63,715 मतदाता हैं। इनमें 9,42,184 पुरुष और 821531 महिलाएं हैं। इस सीट में 9 विधानसभा हैं। हिसार, हांसी, आदमपुर, नलवा, बरवाला, उकलाना, नारनौंद, उचाना और बवानीखड़ा। 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में हिसार लोकसभा की 9 सीटों में से 5 भाजपा ने जीती थी, जिसमें हांसी, आदमपुर, हिसार, नलवा और बवानीखेड़ा सीट है। वहीं बरवाला, नारनौंद और उचाना में जजपा के विधायक हैं। इसके अलावा इनेलो और कांग्रेस का एक भी विधायक इस सीट पर नहीं है।
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