खुफिया रिपोर्ट में कैथल के 46 पटवारियों समेत प्रदेश में 370 पटवारियों के खिलाफ पर लगा भ्रष्टाचार करने का लगा आरोप

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी। फाइल
नरेन्द्र सहारण, कैथल: हरियाणा सरकार ने अचानक से भ्रष्टाचार के खिलाफ एक ठोस कदम उठाने का संकल्प किया है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में कार्यरत भ्रष्ट पटवारियों और उनके सहयोगियों की सूची जारी की है, जिसमें कुल 370 पटवारी शामिल हैं, जिन पर विभिन्न प्रकार के भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। सामाजिक जनसेवा में किए जा रहे इन कुकृत्यों के खिलाफ सरकार ने अपनी लकीर खींच दी है।
भ्रष्टाचार की सूची और आरोप
जारी की गई सूची के अनुसार, ठेकेदारों और सहयोगियों की पहचान उनकी अवैध गतिविधियों के आधार पर की गई है। जानकारी के मुताबिक, यह पटवारी अपनी पदवी का दुरुपयोग कर आम जनता से रिश्वत मांगते हैं। आमतौर पर, ये पटवारी दस्तावेज प्रदान करने के नाम पर लोगों से अवैध तरीके से धन मांगते हैं। दस्तावेज जैसे कि इंतकाल, फर्द (भूमि के अधिकारों का प्रमाण पत्र) और निवास प्रमाण पत्र जारी करने के लिए वे आम नागरिकों से पैसे लेते हैं।
उदाहरण के तौर पर, कैथल जिले में 46 पटवारी और उनके 7 सहयोगियों का नाम सामने आया है। इसी प्रकार रेवाड़ी जिले में 16 पटवारी और 15 सहयोगी शामिल हैं। इस तरह की गतिविधियों के कारण लोगों को समय-समय पर परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सरकारी जमीन के रिकॉर्ड, गिरदावरी, और भूमि के मापदंडों को लिपिक कार्यों के बहाने भ्रामक तरीके से पेश करके भी इन्हें पैसे जुटाने में मदद मिल रही है।
राजस्व विभाग की पहल
14 जनवरी को जारी पत्र में सभी जिलों के उपायुक्तों को निर्देश दिया गया है कि वे अगले 15 दिनों में इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत करें। इस निर्देश के बाद से विभाग में सक्रियता बढ़ी है और पटवारी तथा उनके सहयोगियों में हड़कंप मच गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, प्रत्येक जिले के खुफिया विभाग ने अपने स्तर पर भ्रष्ट पटवारी और उनके सहयोगियों की पहचान की और उच्च अधिकारियों को सूचित किया। इसके जरिए यह भी बताया गया कि किस पटवारी ने किस मद में कितनी राशि वसूल की है। इस जानकारी ने अधिकारियों को स्पष्ट रूप से बताने में मदद की कि भ्रष्टाचार के किस स्वरूप को सख्ती से रोका जाना चाहिए।
जिलों के अंदर स्थिति
राजस्व विभाग ने विभिन्न जिलों में पटवारियों की भ्रष्टाचार के खिलाफ झंडा उठाने की जिम्मेदारी ली है। नीचे दिए गए तालिका में विभिन्न जिलों में पटवारियों और उनके सहयोगियों की संख्या दर्ज की गई है:
जिला पटवारी संख्या सहायक संख्या
अंबाला 5 3
भिवानी 1 0 4
चरखीदादरी 6 1
फरीदाबाद 19 3
फतेहाबाद 25 4
गुरुग्राम 27 26
हिसार-हांसी 13 6
झज्जर 20 7
जींद 12 6
कैथल 46 7
करनाल 7 6
कुरुक्षेत्र 23 4
महेंद्रगढ़ 36 20
नूंह 6 3
पलवल 17 15
पंचकूला 0 0
पानीपत 9 3
रेवाड़ी 16 15
रोहतक 5 1
सिरसा 13 7
सोनीपत 41 15
यमुनानगर 14 14
भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग
इस समय हरियाणा सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी नीति को हतोत्साहित नहीं किया जाएगा। भ्रष्ट पटवारी और उनके सहयोगियों की जांच की जाएगी और जो भी दोषी ठहराए जाएंगे, उन्हें उचित कानूनी कार्यवाही का सामना करना पड़ेगा। ऐसा माना जा रहा है कि यह कदम न केवल भ्रष्टाचार को घटाएगा, बल्कि इससे आम लोगों को राहत मिलेगी और वे बिना किसी डर के सरकारी सेवाओं का लाभ ले सकेंगे।
आवेदन और जांच प्रक्रिया
प्रदीप देशवाल, जिला राजस्व अधिकारी, रेवाड़ी ने कहा, “हमारे पास जिन पटवारियों और उनके सहायकों के खिलाफ शिकायतें मिली हैं, उनकी जांच की जा रही है। उनकी स्थिति का विश्लेषण किया जाएगा और आवश्यक कार्रवाई उचित आधार पर की जाएगी।” उन्होंने यह भी कहा कि जनता को भी इस मामले में सावधानी बरतनी चाहिए और यदि किसी पटवारी से भेदभाव का सामना करना हो तो उन्हें तुरंत सूचित करना चाहिए।
यह दुविधा बेहद गंभीर है, क्योंकि इससे न केवल सरकारी सेवाओं की विश्वसनीयता पर असर पड़ रहा है, बल्कि यह नागरिकों का विश्वास भी तोड़ रही है। ऐसे में, हरियाणा सरकार का यह प्रयास निश्चित रूप से सराहनीय है, और यदि इसे सख्ती से लागू किया गया तो भविष्य में इससे अन्य राज्य भी प्रेरित हो सकते हैं।
भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज
हरियाणा में भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाए जा रहे इस कदम से यह साफ है कि सरकार अब इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है। सभी नागरिकों को इस पहल का समर्थन करना होगा और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठानी होगी। यदि हम मिलकर इस पर कार्रवाई करें तो न केवल सरकारी सिस्टम में सुधार होगा, बल्कि आम जनता को भी उनके अधिकारों का जानकारी मिलेगी।
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