India Alliance: सीट बंटवारे के लिए कांग्रेस ने बनाई राष्ट्रीय गठबंधन समिति, अशोक गहलोत और भूपेश बघेल को बनाया पांच सदस्यीय समिति का सदस्य
नई दिल्ली, बीएनएम न्यूज। विपक्षी आइएनडीआइए गठबंधन (India Alliance ) के साथ 2024 के सीट बंटवारे पर पार्टी की ओर से बातचीत और रूपरेखा निर्धारित करने के लिए कांग्रेस ने पांच सदस्यीय ‘राष्ट्रीय गठबंधन समिति’ का गठन कर दिया है। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ छत्तीसगढ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को इस समिति का सदस्य बनाया गया है। पार्टी की यह राष्ट्रीय गठबंधन समिति आइएनडीआइए के दलों के साथ अलग-अलग राज्यों में लोकसभा सीटों के बंटवारे पर बातचीत कर साथ मिलकर लड़ने के समझौते को सिरे चढ़ाएगी। गहलोत और बघेल को यह नई भूमिका देकर पार्टी नेतृत्व ने इन दोनों दिग्गजों को अब सूबे से राष्ट्रीय राजनीति में लाने का भी संदेश दे दिया है।
क्षेत्रीय दलों के साथ सीट बंटवारे की रस्साकशी कांग्रेस के लिए चुनौती
आइएनडीआइए के शीर्षस्थ नेताओं की राजधानी में बैठक शुरू होने से ठीक पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की ओर से पांच सदस्यीय राष्ट्रीय गठबंधन समिति के गठन की घोषणा की गई। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बयान जारी कर इस समिति के सदस्यों के नाम की घोषणा की। गहलोत और बघेल के अलावा वरिष्ठ नेता मोहन प्रकाश और सलमान खुर्शीद इसके सदस्य बनाए गए हैं। जबकि कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक को समिति का संयोजक बनाया गया है। क्षेत्रीय दलों के साथ सीट बंटवारे की रस्साकशी कांग्रेस के लिए चुनौती है और इसके मद्देनजर ही वरिष्ठ नेताओं को यह जिम्मा सौंपा गया है। गहलोत और वासनिक कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेताओं की पीढ़ी में आते हैं। वैसे गहलोत के साथ भूपेश बघेल को लोकसभा चुनाव से जुड़ी सबसे अहम समिति का हिस्सा बनाकर कांग्रेस नेतृत्व ने एक तीर से दो निशाना साधने की कोशिश की है।
राजस्थान में अब सचिन पायलट की नई भूमिका पर लगी निगाहें
राष्ट्रीय राजनीति में इन दोनों को लाकर पार्टी एक ओर राजस्थान और मध्यप्रदेश की ताजा चुनावी हार को पीछे छोड़ इनके अनुभव का फायदा उठाना चाहती है। वहीं दूसरी ओर गहलोत को राष्ट्रीय सियासत में लाने से साफ हो गया है कि कांग्रेस आलाकमान अब राजस्थान में पार्टी का नेतृत्व नई पीढ़ी को सौंपने की मन बना चुका है। ऐसे में अब निगाहें पार्टी के युवा नेता पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को सौंपे जाने वाली जिम्मेदारी पर लग गई हैं। राजस्थान में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और नेता विपक्ष दोनों पदों पर नए चेहरे का आना तय है और सचिन इन दोनों पदों के लिए प्रबल दावेदार हैं। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने चरण दास महंथ नेता विपक्ष बनाने और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बने दीपक बैज को पद पर बनाए रखने की घोषणा कर पार्टी भूपेश बघेल के लिए सूबे की सियासत में अहम भूमिका की गुंजाइश नहीं छोड़ी थी।
विपक्षी आइएनडीआइए गठबंधन (India Allaince ) के साथ 2024 के सीट बंटवारे पर पार्टी की ओर से बातचीत और रूपरेखा निर्धारित करने के लिए कांग्रेस ने पांच सदस्यीय ‘राष्ट्रीय गठबंधन समिति’ का गठन कर दिया है। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ छत्तीसगढ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को इस समिति का सदस्य बनाया गया है। पार्टी की यह राष्ट्रीय गठबंधन समिति आइएनडीआइए के दलों के साथ अलग-अलग राज्यों में लोकसभा सीटों के बंटवारे पर बातचीत कर साथ मिलकर लड़ने के समझौते को सिरे चढ़ाएगी। गहलोत और बघेल को यह नई भूमिका देकर पार्टी नेतृत्व ने इन दोनों दिग्गजों को अब सूबे से राष्ट्रीय राजनीति में लाने का भी संदेश दे दिया है।
क्षेत्रीय दलों के साथ सीट बंटवारे की रस्साकशी कांग्रेस के लिए चुनौती
आइएनडीआइए के शीर्षस्थ नेताओं की राजधानी में बैठक शुरू होने से ठीक पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की ओर से पांच सदस्यीय राष्ट्रीय गठबंधन समिति के गठन की घोषणा की गई। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बयान जारी कर इस समिति के सदस्यों के नाम की घोषणा की। गहलोत और बघेल के अलावा वरिष्ठ नेता मोहन प्रकाश और सलमान खुर्शीद इसके सदस्य बनाए गए हैं। जबकि कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक को समिति का संयोजक बनाया गया है। क्षेत्रीय दलों के साथ सीट बंटवारे की रस्साकशी कांग्रेस के लिए चुनौती है और इसके मद्देनजर ही वरिष्ठ नेताओं को यह जिम्मा सौंपा गया है। गहलोत और वासनिक कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेताओं की पीढ़ी में आते हैं। वैसे गहलोत के साथ भूपेश बघेल को लोकसभा चुनाव से जुड़ी सबसे अहम समिति का हिस्सा बनाकर कांग्रेस नेतृत्व ने एक तीर से दो निशाना साधने की कोशिश की है।
राजस्थान में अब सचिन पायलट की नई भूमिका पर लगी निगाहें
राष्ट्रीय राजनीति में इन दोनों को लाकर पार्टी एक ओर राजस्थान और मध्यप्रदेश की ताजा चुनावी हार को पीछे छोड़ इनके अनुभव का फायदा उठाना चाहती है। वहीं दूसरी ओर गहलोत को राष्ट्रीय सियासत में लाने से साफ हो गया है कि कांग्रेस आलाकमान अब राजस्थान में पार्टी का नेतृत्व नई पीढ़ी को सौंपने की मन बना चुका है। ऐसे में अब निगाहें पार्टी के युवा नेता पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को सौंपे जाने वाली जिम्मेदारी पर लग गई हैं। राजस्थान में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और नेता विपक्ष दोनों पदों पर नए चेहरे का आना तय है और सचिन इन दोनों पदों के लिए प्रबल दावेदार हैं। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने चरण दास महंथ नेता विपक्ष बनाने और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बने दीपक बैज को पद पर बनाए रखने की घोषणा कर पार्टी भूपेश बघेल के लिए सूबे की सियासत में अहम भूमिका की गुंजाइश नहीं छोड़ी थी।