Kaithal News: कैथल में दुर्गा शक्ति महिला टीम पर हमला: महिला कांस्टेबल का मरोडा हाथ, उंगली में फ्रैंक्चर

नरेन्‍द्र सहारण, कैथल : Kaithal News: हरियाणा के कैथल जिले में दुर्गा शक्ति की विशेष महिला टीम पर हिंसक हमले का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। इस घटना में महिला पुलिस सिपाही प्रियंका को गंभीर चोटें आई हैं, जबकि उनके सहयोगी भी आरोपी की बुरी हरकतों का शिकार बने। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

घटना का विवरण

7 जनवरी को, दुर्गा शक्ति की टीम में शामिल प्रियंका, एएसआई श्वेता और ड्राइवर शिवकुमार, को कंट्रोल रूम से सूचना मिली कि कैथल बस स्टैंड पर एक महिला पिछले दो-तीन घंटों से अकेली खड़ी है। इस सूचना के बाद टीम ने तुरंत बस स्टैंड का रुख किया। वहां पहुंचने पर उन्होंने पाया कि एक महिला, नैना नाम की, बेहद लावारिस हालत में खड़ी थी। पूछताछ करने पर नैना ने बताया कि उसके पति सुनील कुमार ने उसे घर से निकाल दिया है।

नैना की कहानी

नैना ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि उसके पति ने उसके साथ मारपीट की और उसे घर से बाहर निकाल दिया। प्रियंका और उनकी टीम ने नैना को उसके घर छोड़ने का फैसला किया ताकि उसे कोई समस्या न हो। लेकिन जब वे नैना के घर पहुंचे, तो वहां स्थिति तेजी से बदल गई।

पति का आक्रामक व्यवहार

जैसे ही उन्होंने नैना के घर का दरवाजा खोला, सुनील कुमार ने टीम के सदस्यों के साथ गाली-गलौज करना शुरू कर दिया। प्रियंका और एएसआई श्वेता ने उन्हें शांत करने की बहुत कोशिश की, लेकिन सुनील का आक्रामक व्यवहार बढ़ता गया। उसने अचानक अपने मकान का गेट बंद कर लिया और वहां मौजूद सभी के साथ हाथापाई करने लगा।

परिस्थिति और भी गंभीर हो गई जब आरोपी ने प्रियंका को पकड़कर उनका हाथ मरोड़ दिया। इससे प्रियंका की उंगली फ्रैक्चर हो गई। इसके साथ ही, जान से मारने की धमकी देने का भी आरोप सुनील पर लगा है। इस प्रकार की हिंसा ने न केवल प्रियंका को अपमानित किया, बल्कि उनके साथियों के लिए भी संकट का माहौल बना दिया।

पीड़ित की शिकायत और पुलिस कार्रवाई

प्रियंका ने स्थानीय थाने में जाकर घटना की शिकायत दर्ज कराई। उनकी शिकायत पर कार्रवाई करते हुए, थाना शहर के प्रभारी सनेश कुमार के नेतृत्व में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की और सुनील कुमार को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया, जहाँ से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

इस मामले ने महिलाओं के खिलाफ बढ़ते हिंसा के मामलों को एक बार फिर से उजागर किया है, जो कि चर्चा का विषय बन गया है। कैथल में इस तरह की घटनाएं समाज में एक सन्देश छोड़ती हैं कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर कदम उठाने की आवश्यकता है।

सामाजिक प्रतिक्रिया

इस घटना पर समाज के विभिन्न वर्गों से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कई लोगों ने इसे गंभीर घटना बताया है और धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों ने महिला सिपाही के सम्मान में आवाज उठाई है। उन्होंने कहा कि समाज में महिलाओं के प्रति इस तरह के व्यवहार को किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जाना चाहिए। महिला पुलिसकर्मियों की बहादुरी की प्रशंसा करते हुए, लोगों ने कानून को सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।

संकट में महिलाओं का सहारा

यह घटना केवल एक व्यक्तिगत मामले तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह उन साधनों और सुरक्षा उपायों की कमी को भी दर्शाती है, जिनका सहारा महिलाएं अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए लेती हैं। दुर्गा शक्ति की महिला टीम जैसे पहलें महत्वपूर्ण हैं, लेकिन समाज के हर वर्ग को भी इस दिशा में सजग रहने की आवश्यकता है। इसे सशक्त करने के लिए समाज में जागरूकता फैलाना और हिंसा के खिलाफ आवाज उठाना उतना ही महत्वपूर्ण है।

सामाजिक न्याय के लिए यह आवश्यक है कि ऐसे मामलों पर ध्यान दिया जाए और महिला सिपाहियों तथा अन्य महिलाओं को उनकी सुरक्षा के प्रति विश्वास दिलाया जाए। कैथल के इस मामले ने यह संदेश दिया है कि भविष्य में ऐसी कोई भी घटना हो, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा की जाएगी। इस प्रकार, यह महज एक घटना नहीं, बल्कि एक मंच है जहां हमें सोचना चाहिए कि हम अपने समाज को एक सशक्त और सुरक्षित बनाने के लिए क्या कदम उठा सकते हैं।

 

 

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