Kaithal News: विवाहिता को जलाकर मारने का आरोप, दहेज के लालच में की गई हत्या

नरेन्‍द्र सहारण, कैथल : Kaithal News: कैथल के गांव बुड्ढा खेड़ा में एक बेहद दुखद और चिंताजनक मामला सामने आया है, जिसमें एक विवाहिता को दहेज के लालच में जलाकर हत्या का आरोप लगाया गया है। यह मामला न केवल दहेज प्रथा की गंभीरता को उजागर करता है, बल्कि समाज में व्याप्त उस बुराई की भी ओर इशारा करता है, जो कई परिवारों को बर्बाद कर रही है।

शिकायत दर्ज करवाई

 

घटना के मुताबिक, पीड़िता के पिता ने शिकायत दर्ज करवाई है कि उनकी बेटी की शादी कुछ समय पहले गांव बालू के रहने वाले अजहरुद्दीन से हुई थी। यह शादी भारतीय समाज में प्रचलित रीति-रिवाजों के अनुसार की गई थी। आलम यह है कि हमारे समाज में दहेज एक ऐसा मुद्दा बन चुका है, जहां विवाह के समय माता-पिता को अपनी बेटियों के हाथ पीले करने के लिए बड़ी धनराशि खर्च करनी पड़ती है। हालांकि, इस मामले में पीड़िता के माता-पिता ने अपनी सामर्थ्यानुसार दहेज प्रदान किया था, लेकिन इसके बावजूद बार पक्ष के लोग संतुष्ट नहीं थे।

दहेज की और मांग

 

इस घटना की गंभीरता को समझते हुए शिकायतकर्ता ने बताया कि शादी के कुछ समय बाद ही उनके दामाद अजहरुद्दीन और उनके परिवार के सदस्य, जिनमें ससुर सकरुद्दीन, सास शरबती और साहीद शामिल थे, दहेज की और मांग करने लगे। दहेज के नाम पर लगातार प्रताड़ित करने के कारण पीड़िता का मानसिक तनाव बढ़ा। यह भी पता चला है कि इन लोगों ने पीड़िता को कई बार शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया, जिससे उसकी स्थिति और भी बिगड़ गई।

घर से बाहर निकलने में भी डर

 

दहेज की मांग ने स्थिति को इतना गंभीर बना दिया कि पीड़िता को अपने घर से बाहर निकलने में भी डर लगने लगा था। समाज में इस तरह के मामलों की बढ़ती तादाद बताती है कि कुछ लोग दहेज के लिए किस हद तक जा सकते हैं। इसके चलते, कैथल के गांव बुड्ढा खेड़ा में 18 जनवरी को एक ऐसी घटना घट गई, जिसने सबको हैरान और सकते में डाल दिया।

जान नहीं बचाई जा सकी

 

शिकायतकर्ता के अनुसार, 18 जनवरी को उनका दामाद और ससुराली जन ने मिलकर उनकी बेटी पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। इस कृत्य ने न केवल पीड़िता की जान ली, बल्कि पूरे परिवार को अंधेरे में ढकेल दिया। आग लगने के तुरंत बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन गंभीर जलने की चोटों के कारण उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। यह घटना न केवल पीड़िता के लिए एक बड़ी त्रासदी थी, बल्कि समाज में दहेज प्रथा के खिलाफ एक नया सवाल भी खड़ा करती है।

चिन्ता का विषय

 

इस प्रकार की घटनाएं हमें सोचने पर मजबूर करती हैं कि आखिर क्यों 21वीं सदी में भी लोग दहेज के नाम पर इतनी क्रूरता कर रहे हैं। यह मामले हमें यह भी सोचने पर मजबूर करते हैं कि हम अपनी बेटियों को दहेज देने को किस तरह से देख रहे हैं। जब समाज में ऐसे कृत्य होने लगें, तो यह निश्चित रूप से एक चिन्ता का विषय बन जाता है।

एक सामाजिक बुराई

 

इस प्रकार के मामलों में अगर समय रहते उचित कार्रवाई न की गई, तो हम इस तरह की और भी घटनाएं देख सकते हैं। हमें यह समझना चाहिए कि दहेज प्रथा केवल एक कानूनी अपराध नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक बुराई भी है, जो केवल उन लोगों को ही नहीं, बल्कि समाज को भी नुकसान पहुंचा रही है।

मानसिकता को बदलने की जरूरत

 

समाज में ऐसी मानसिकता को बदलने की जरूरत है, जहां लोग अपनी बेटियों को दहेज की बेतुकी मांगों से मुक्त कर सकें। इसके लिए समाज के हर व्यक्ति को अपने स्तर पर कदम उठाने होंगे। विशेष रूप से, हमें उन लोगों को पहचानना और इंगित करना होगा, जो इस बुराई का समर्थन करते हैं। अगर समाज साथ में आए और इस मुद्दे के खिलाफ एकजुट हो जाए, तो हम दहेज प्रथा को समाप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठा सकते हैं।

आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई

 

इस घटना के संदर्भ में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। समाज के हर वर्ग से अपील की गई है कि वे इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करें और दहेज प्रथा के खिलाफ आवाज उठाएं। ऐसे मामलों में केवल कानून के माध्यम से ही नहीं, बल्कि समाज की सामूहिक प्रयासों के माध्यम से भी बदलाव लाया जा सकता है।

इस दुखद घटना ने एक बार फिर दिखाया है कि दहेज की मांग को किसी भी हाल में सहन नहीं किया जा सकता है। सभी को इस समस्या के खिलाफ एकजुट होकर अपनी आवाज उठानी चाहिए और उन लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए, जो इस प्रकार की क्रूरता करने में संकोच नहीं करते।

आवश्यकता है कि हम मिलकर एक ऐसा वातावरण तैयार करें, जहां बेटियों को सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जीने का हक मिले। यह सिर्फ पीड़ित परिवार की नहीं, बल्कि समाज की जिम्मेदारी है कि वे ऐसे मामलों में आवाज उठाएं और दहेज प्रथा को समाप्त करने के लिए संघर्ष करें। इस कड़ी में, समझदारी, संवेदनशीलता और गंभीरता से ही बदलाव लाया जा सकता है।

 

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