Padma Award 2025: मुस्लिम भजन गायिका से लेकर योग गुरु तक, इन गुमनाम हस्तियों को मिला पद्मश्री

नई दिल्ली, बीएनएम न्यूजः गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों (Padma Award 2025) का ऐलान कर दिया गया है। हर साल की तरह इस बार भी समाज में लोक हित में काम करने वाले गुमनाम नायकों को भी देश के प्रतिष्ठित सम्मान से नवाजा गया है।

इसमें कोई योग गुरु है तो कोई भजन गायिका। कोई समाज सुधार का काम कर रहा है तो कोई साहित्य में अपना विशेष योगदान देने वाला है। आइए जानते हैं कि वे नाम कौन से हैं और उन्होंने किस क्षेत्र में अपना अहम योगदान दिया है।

बतूल बेगम- बतूल बेगम मुस्लिम समुदाय से होने के बाद भी लंबे समय से गणपति और श्री राम के भजन गा रही हैं। साथ ही वह मुस्लिम मांद भी गाती हैं। वह जयपुर की रहने वाली एक लोकगायिका हैं। अपने भजनों के जरिए वह समजा में सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश देती हैं। वह कई लोक वाद्य भी बजाने में माहिर हैं।

जोनास मसेती- जोनास मसेती ब्राजील के एक अध्यात्मिक गुरु हैं। दुनियाभर में वेदांत का ज्ञान प्रसारित करने के लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। उन्हें विश्वनाथ के नाम से भी जाना जाता है। वह भगवद्गीता का भी प्रचार करते हैं।

हरविंदर सिंह (कैथल का एकलव्य)- हरविंदर सिंह ऐसे दिव्यांक तीरंदाज हैं जिन्होंने पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीता है। 2024 पैरिस पैरालंपिक में उन्होंने गोल्ड मेडल जीता है। रिकर्व मेन ओपन में वह फर्स्ट रैंक होल्डर हैं। इसके अलावा वह ड्रग्स के खिलाफ जागरूकता फैलाते हैं।

नीरजा भाटला- नीरजा भाटला दिल्ली की गायनोलॉजिस्ट हैं। एम्स से रिटायर होने के बाद उन्होंने सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम को लेकर रिसर्च की है। सर्वाइकल कैंसर को लेकर वह भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में काम कर रही हैं।

भीम सिंह भावेश (मुसहर का मसीहा)- भोजपुर के रहने वाले भीम सिंह मुसहरों के लिए पिछले 22 सालों से काम कर रहे हैं। उनकी संस्था का नाम नई आशा है। वह अति पिछड़ी जाति की शिक्षा, स्वास्थ्य के लिए काम करते हैं। भोजपुर जिले में उन्होंने करीब 8 हजार मुसहर बच्चों का स्कूल में एडमिशन करवाया है। वह 100 से ज्यादा स्वास्थ्य शिविर आयोजित करवा चुके हैं।

जगदीश जोशीला- जगदीश जोशीला खरगोन के रहने वाले निमाड़ी और हिंदी लेखक हैं। वह पहले निमाड़ी उपन्यासकार के तौर पर पहचान बना चुके हैं। वह 50 से ज्यादा उपन्यास लिख चुके हैं। इसके अलावा नाटक और कविताओं का भी लेखन करते हैं। वह पश्चिमी इंडो आर्यन भाषा निमाड़ी के लिए समर्पित हैं।

शैखा एजे अल सबह- शैखा कुवैत की रहने वाली योगा शिक्षिका हैं। उन्होंने कुवैत में पहला योग स्टूडियो बनाया है। वह योग की शिक्षा के लिए लाइसेंस उपलब्ध करवाती हैं।इस सूची में पी दत्चनामूर्ति (दक्षिण भारतीय संगीत), हग और कोलीन गैंजर (भारत में ट्रैवल जर्नलिजम), एल हैंगथिंग (फल उत्पादन), वेनकप्पा अंबाजी सुगाटेकर (गोंधाली लोक गायक), भेरू सिंह चौहान (निर्गुण भक्ति भजन गायक), नरेन गुरुंग (लोक गायक) का नाम शामिल है।

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