केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा, बिल पर तुरंत कार्रवाई चाहिए तो राज्य सरकार कारण बताए

तिरुअनंतपुरम, एजेंसी। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के बीच फिर तनातनी बढ़ गई है। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि राज्य सरकार अगर किसी विधेयक या अधिनियम के संबंध में तत्काल कार्रवाई चाहती है तो उसको राजभवन आकर उन्हें स्पष्टीकरण देना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह कुलपति की नियुक्ति के मामले में राज्य सरकार की सलाह लेने को तैयार हैं, लेकिन उनका दबाव नहीं बर्दाश्त करेंगे।

एसएफआई के रदर्शन पर पुलिस को करना पड़ा लाठीचार्ज

वहीं केरल के सत्तारूढ़ सीपीएम की छात्र शाखा एसएफआई के सदस्यों की बुधवार को राजभवन तक आयोजित मार्च के दौरान पुलिस के साथ झड़प हो गई और उन्होंने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान पर राज्य में उच्च शिक्षा क्षेत्र का भगवाकरण करने का आरोप लगाया।

एसएफआई कार्यकर्ताओं ने राजभवन के सामने पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड को पार कर लिया। भारी पुलिस बंदोबस्त के बावजूद उन्होंने बैरिकेड तोड़ दिए। हालांकि, जब छात्र राजभवन के मुख्य द्वार की ओर बढ़े तो पुलिस को कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ा। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछार का इस्तेमाल किया गया, लेकिन छात्रों के हिंसक होने के कारण पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।

सीपीएम के लोग गुलाम कश्मीर को ‘आजाद कश्मीर’ कहना बंद करें

राज्यपाल आरिफ मोहम्मद ने बुधवार को केरल के मुख्यमंत्री पिन्नराई विजयन से यह सुनिश्चित करने को कहा कि मार्क्सवादी पार्टी के सदस्य और समर्थक पाकिस्तान के कब्जे वाले गुलाम कश्मीर को ‘आजाद कश्मीर’ कहना बंद करें। वह लोग यहां अलगाववाद और क्षेत्रवाद की आग को नहीं भड़काएं। खान ने यह टिप्पणी मीडिया की उस रिपोर्ट पर की, जिसमें कहा गया था कि वह दो अधिनियमों पर दस्तखत करके सरकार को नहीं भेज रहे हैं।

 

मुख्यमंत्री मीडिया के जरिये मुझसे बात न करें

उन्होंने कहा कि यह समाचार देखने के बाद जब उन्होंने पता किया तो उनके पास यह अधिनियम ढाई हफ्ते पहले ही आए थे। इसलिए मैं मुख्यमंत्री विजयन से अपील करता हूं कि वह मीडिया के जरिये बात नहीं करें। मैं उन्हें राजभवन में आमंत्रित करता हूं ताकि वह मुझे समझाएं कि किसी बिल को पारित कराने की इतनी क्या जल्दी है। अगर वह चाहते हैं कि मैं तत्काल इस पर कदम उठाऊं तो इस संबंध में बात करने के लिए राजभवन आएं। वह अपने प्रस्ताव को तर्क के आधार पर समझाएं। मैं आश्वासन देता हूं कि कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा।

 

दोबारा नियुक्ति के लिए सरकार उन पर दबाव नहीं बनाए

खान ने यह भी कहा कि कन्नूर विश्वविद्यालय के कुलपति गोपीनाथ रवींद्रन की बतौर कुलपति दोबारा नियुक्ति के लिए सरकार उन पर दबाव नहीं बनाए। उन्होंने कहा कि वह सरकार के दबाव में आने से बच गए क्योंकि एडवोकेट जनरल (एजी) की भी अपनी एक वैधानिक राय है। उन्होंने बताया कि एजी के मुताबिक ऐसा करना वैध नहीं है।