नींद में सांस लेने की समस्या से पीड़ित कुछ बच्चों के लिए सर्जरी क्यों है लाभदायक, जानें
वाशिंगटन, एजेंसी। नींद के दौरान खर्राटे लेना एक आम समस्या है। शोधकर्ताओं ने पाया है कि नींद के दौरान खर्राटे और सांस लेने की मामूली समस्याओं से पीड़ित कुछ बच्चों में टांसिल और एडेनोइड को सर्जरी के बाद हटाना एक बेहतर विकल्प हो सकता है। कहा, सर्जरी के एक साल बाद उनकी नींद, जीवन की गुणवत्ता और हाई ब्लड प्रेशर में सुधार हुआ। शोधकर्ताओं ने यह अध्ययन मध्यम स्लीप-डिसआर्डर्ड ब्रीथिंग (एसडीबी) वाले बच्चों पर एडेनोटोनसिलेक्टामी के प्रभावों की जांच करने के लिए किया था।
खर्राटे लेने वाले 459 बच्चों पर क्लीनिकल ट्रायल किया गया
एसडीबी में सोने के दौरान सांस लेने में समस्या के कारण जोर से खर्राटे आते हैं। अमेरिका में 2016 से 2021 के बीच खर्राटे लेने वाले 459 बच्चों पर क्लीनिकल ट्रायल किया गया। इनमें तीन से 12 साल के वे बच्चे भी शामिल थे, जो हल्के एसडीबी से पीड़ित थे। अध्ययन में मध्यम एसडीबी से प्रभावित बच्चों को शामिल नहीं किया गया। एडेनोटोनसिलेक्टामी बच्चों पर किए जाने वाले सबसे आम सर्जिकल आपरेशनों में से एक है। अध्ययन का निष्कर्ष अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
खर्राटे वाले बच्चों के लिए सर्जरी लाभदायक
बोस्टन के ब्रिघम एंड वीमेंस हास्पिटल एंड हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में एमडी व शोध का नेतृत्व करने वाले सुसान रेडलाइन ने कहा कि अध्ययन में प्राप्त डाटा के अनुसार, जिन बच्चों में मामूली खर्राटों के अलावा अन्य कोई लक्षण नहीं होते उनकी बिना सर्जरी के निगरानी करने की जरूरत होती है। लेकिन जिन बच्चों में खर्राटों के साथ नींद की समस्या, दिन में नींद आना और अन्य व्यावहारिक समस्याएं हैं उनके लिए सर्जरी एक बेहतर विकल्प हो सकता है।
उम्र बढ़ने के साथ हृदय रोग और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या
कुछ शोधकर्ताओं ने कहा कि यदि इसे बिना इलाज के छोड़ दिया जाए तो व्यावहारिक समस्या बढ़ने के जोखिम के साथ, जीवन की गुणवत्ता प्रभावित होने, हृदय रोग और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है। शोधकर्ताओं ने यह भी स्पष्ट किया कि एडेनोटोनसिलेक्टामी हल्के एसडीबी से प्रभावित कुछ बच्चों की मदद कर सकती है, यह सभी के लिए उचित उपचार नहीं है। जो अभिभावक रात में सोते समय बच्चों की सांस लेने की समस्या को लेकर परेशान हैं उन्हें चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।