Kisan Andolan: डल्लेवाल की सेहत नाजुक, एसकेएम (गैर राजनीतिक) ने दूसरे गुट को जल्द बैठक करने को लिखा पत्र

नरेंद्र सहारण, संगरूर : Kisan Andolan: संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के गैर राजनीतिक गुट ने खनौरी में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया। यह बैठक उस एकता प्रस्ताव पर केंद्रित थी, जिसे दूसरे राजनीतिक गुट ने पेश किया था। बैठक में एसकेएम (गैर राजनीतिक) के नेताओं ने प्रस्ताव पर सहमति जताते हुए किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की बिगड़ती सेहत को ध्यान में रखकर जल्द बैठक करने का आग्रह किया।
देशभर में किसानों के हित के लिए स्थापित एसकेएम ने शनिवार को खनौरी बार्डर पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान इस पहल की जानकारी दी। भाकियू सिद्धूपुर के नेता सुखजीत सिंह हरदोझंडे, हरियाणा के किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़, लखविंदर सिंह औलख और इंद्रजीत सिंह कोटबुढ़ा ने इस बात की पुष्टि की कि उन्होंने दूसरे गुट को पत्र भेजा है। पत्र में डल्लेवाल की स्वास्थ्य स्थिति के संदर्भ में जल्द बैठक का अनुरोध किया गया है, क्योंकि उनकी सेहत हर पल नाजुक होती जा रही है।
डल्लेवाल की बिगड़ती सेहत
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन शनिवार को 47वें दिन में प्रवेश कर गया। डल्लेवाल की स्वास्थ्य रिपोर्ट के अनुसार, उनकी स्थिति काफी गंभीर है। अभिमन्यु कोहाड़ ने रिपोर्ट को सार्वजनिक करते हुए बताया कि डल्लेवाल के शरीर में कीटोन का स्तर 6.53 है, जबकि सामान्य हालात में यह केवल 0.02 से 0.27 के बीच होना चाहिए। इसी तरह, यूरिक एसिड का स्तर 11.64 है, जो सामान्य 3.50 से 7.20 की सीमा के बाहर है। इसके अतिरिक्त, उनके शरीर में कुल प्रोटीन की मात्रा भी सामान्य से काफी कम है। उनके रक्त में सोडियम, पोटाशियम और क्लोराइड का स्तर भी घटा हुआ पाया गया है। लिवर और किडनी पैनल की रिपोर्ट में भी चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं, जहां अध्ययन ने कहा कि रिजल्ट 1.67 है, जबकि सामान्य स्थिति में यह 1.00 से कम होना चाहिए।
किसान नेता डल्लेवाल की स्थिति को लेकर चिंताओं के बीच, पूरे देश में किसान उनके समर्थन में खड़े हो गए हैं। खासतौर पर तेलंगाना के खम्मन में किसानों ने डल्लेवाल के अनशन के समर्थन में 12 घंटे की सांकेतिक भूख हड़ताल की। यह हड़ताल देश के विभिन्न हिस्सों में किसानों के एकजुटता का प्रतीक है और यह संकेत देता है कि किसान आंदोलन अभी भी मजबूत है और उनकी आवाज सुनने के लिए तैयार है।
आगामी रणनीति और एकता
दूसरी तरफ, एसकेएम (गैर राजनीतिक) ने एकता प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए बताया कि यह प्रस्ताव 15 जनवरी को पटियाला में दूसरी गुट द्वारा आयोजित बैठक के मद्देनजर किया गया था। हालांकि, डल्लेवाल की स्वास्थ्य स्थिति के कारण इस बैठक को जल्द करने का अनुरोध किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि अगले एक-दो दिनों के भीतर खनौरी बार्डर पर दोनों गुटों की बैठक हो सकती है, जिसमें केंद्र सरकार के खिलाफ संयुक्त रणनीति का विकास किया जाएगा। यह बैठक न केवल किसानों के अधिकारों को बनाए रखने में मदद करेगी, बल्कि एकजुटता का एक बड़ा संदेश भी देगी।
एक नई दिशा की ओर बढ़ते कदम
किसान आंदोलन की यह नई दिशा सिर्फ एकता के लिए नहीं, बल्कि अपने अधिकारों के लिए लड़ने की शक्ति को दर्शाती है। एसकेएम (गैर राजनीतिक) का यह कदम उस समय आया है जब किसान समुदाय की एकता और संघर्ष की आवश्यकता महसूस की जा रही है। डल्लेवाल के स्वास्थ्य के मुद्दे ने सभी किसानों को यह सोचने पर मजबूर किया है कि वे किस प्रकार एकजुट होकर अपने अधिकारों की रक्षा कर सकते हैं।
किसानों की यह एकजुटता केंद्र सरकार के लिए भी एक संकेत है कि वे अपने हक के लिए कभी भी पीछे नहीं हटेंगे। डल्लेवाल की बिगड़ती सेहत के मद्देनजर सभी नेता अपनी प्राथमिकताओं को समझ रहे हैं और यह विचार कर रहे हैं कि कैसे वे अधिक प्रभावी हो सकते हैं।
किसान आंदोलन का भविष्य
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) का यह प्रयास न केवल वर्तमान स्थिति को बेहतर बनाने के लिए है, बल्कि यह आने वाले दिनों में किसानों की आवाज को और प्रभावी बनाने की दिशा में एक कदम है। यदि किसानों का यह गुट आपस में एकजुट होकर काम करेगा, तो निश्चित तौर पर वे अपने उद्देश्य को हासिल कर सकेंगे।
इस सबके बीच, डल्लेवाल की स्थिति से यह भी स्पष्ट होता है कि आंदोलन का यह चरण कितना संवेदनशील है। जैसे-जैसे दिन बीतेंगे, किसानों का यह संगठित प्रयास आम जनता और राजनीतिक दलों के बीच एक सकारात्मक बदलाव लाने की संभावना को उजागर करेगा। इससे दर्शक बना रहेगा कि किसान समुदाय अपने हक के लिए किस तरह से लड़ा जाएगा और कौन से कदम उठाए जाएंगे।
कुल मिलाकर किसान आंदोलन की यह नई लहर न केवल वर्तमान परिस्थितियों में एकजुटता का प्रतीक है, बल्कि यह एक मजबूत धरातल तैयार कर रही है, जिस पर भविष्य में और अधिक संतोषजनक जीतें हासिल की जा सकती हैं।