Kisan Andolan: उपचार में लापरवाही से नाराज जगजीत सिंह डल्लेवाल को अधिकारियों ने मनाया

नरेन्‍द्र सहारण, खनौरी (संगरूर) : Kisan Andolan: किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल द्वारा 58 दिन से चल रहे अनशन के बीच स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही को लेकर अधिकारियों के पसीने छूट गए हैं। दरअसल, डल्लेवाल ने जब ग़लत उपचार के कारण नाराज होकर ड्रिप लगवाने से इनकार कर दिया, तो स्थानीय प्रशासन ने उनकी स्थिति को संभालने में काफी मुश्किलें उठाई। अंततः अधिकारियों की माफी और आश्वासन के बाद, शनिवार को डल्लेवाल को चिकित्सा सुविधाएं पुनः प्रदान की गईं।

लापरवाही का मामला

मंगलवार रात को, लगभग 11 बजे, किसान नेता डल्लेवाल को ग्लूकोज की छोटी बोतल लगाई गई। मौजूद साथी अमरीक सिंह के अनुसार, पौने घंटे बाद यह देखा गया कि ड्रिप ठीक से नहीं चल रही है। टीम को सूचित करने पर, एक प्रशिक्षु डॉक्टर वहां पहुंचे, लेकिन वह बार-बार प्रयास करने के बावजूद डल्लेवाल की नस में सूई नहीं लगा पाए। इससे डल्लेवाल की बांह से खून बहने लगा, जिसके बाद उन्होंने ड्रिप लगवाने से मना कर दिया।

डॉक्टर की कमी और किसानों की भाषा नहीं समझ पाने के कारण स्थिति और खराब हो गई। इस पर किसान नेताओं ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री, डा. बलवीर सिंह से शिकायत की। उन्होंने मुद्दे को गंभीरता से लिया और अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

अधिकारियों का हस्तक्षेप

सुबह होते ही राजिंदरा अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डा.गरीश साहनी, सिविल सर्जन डा.जगपालिंदर सिंह और एडीसी ईशा सिंघल खनौरी अस्पताल पहुंचे। उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसी कोई लापरवाही नहीं होगी। इसके साथ ही डल्लेवाल के स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए प्रोफेसर आफ मेडिसिन के नेतृत्व में एक मेडिकल टीम भी तैनात की गई।

नए स्थान पर शिफ्टिंग

डल्लेवाल को दोपहर दो बजे ट्रॉली से निकालकर नई जगह पर शिफ्ट किया गया। यहाँ पहुँचकर, उन्होंने श्री गुरु ग्रंथ साहिब के सामने माथा टेका और फिर उन्हें खुली धूप में रखा गया। इसके बाद, पटियाला के सिविल सर्जन की मौजूदगी में डाक्टरों की टीम ने दोपहर सवा दो बजे उनका उपचार शुरू किया।

डॉक्टरों और किसानों के बीच तनाव

इस घटना के बीच, राजिंदरा अस्पताल के डाक्टरों ने डल्लेवाल की स्वास्थ्य जांच करने के दौरान किसानों पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए मेडिकल सुपरिंटेंडेंट को पत्र लिखा और ड्यूटी करने से मना कर दिया। यह सूचना सुनकर प्रशासन हरकत में आया और डाक्टरों को मनाने की कोशिश की। सिविल सर्जन डा. जगपालिंदर सिंह ने स्थिति को चिंताजनक बताते हुए कहा कि जिन भी मुद्दों ने डॉक्टरों को आपत्ति जताने पर मजबूर किया, वह अब सुलझा लिया गया है और डॉक्टर डल्लेवाल का इलाज कर रहे हैं।

निरंतर अनशन

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का अनशन किसानों की समस्याओं और उनके अधिकारों के लिए एक संदेश बन गया है। जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वह स्वास्थ्य सेवाओं के लापरवाही के खिलाफ आंदोलन जारी रखने का संकल्प लिए हुए हैं। उनकी इस स्थिति ने सरकार और प्रशासन की प्राथमिकताओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

प्रबंधन और गुणवत्ता बहुत महत्वपूर्ण

 

इस पूरे प्रकरण ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि स्वास्थ्य सेवाओं में प्रबंधन और गुणवत्ता बहुत महत्वपूर्ण हैं। अधिकारीयों की लापरवाही के चलते न केवल डल्लेवाल को कठिनाई हुई, बल्कि इससे किसान समुदाय के बीच सरकार के प्रति असंतोष भी बढ़ा है। ऐसे में यह आवश्यक है कि सरकारें इस तरह की घटनाओं से सीख लेकर भविष्य में बेहतर नीतिगत निर्णय लें ताकि किसानों और उनसे संबंधित लोगों को उचित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकें।

इस घटनाक्रम ने न केवल किसानों की समस्याओं को उजागर किया, बल्कि यह भी दिखाया कि किस प्रकार संवेदनशील मुद्दों पर ध्यान नहीं दिए जाने से स्थिति और बिगड़ सकती है। प्रशासन को चाहिए कि वे जल्द से जल्द समाधान निकालें, ताकि किसान और प्रशासन के बीच विश्वास की पुनर्स्थापना हो सके।

 

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