DU News: दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलत राम कॉलेज में श्रीरामलला प्राणप्रतिष्ठा का भव्य आयोजन

नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलत राम कॉलेज में श्रीरामलला प्राणप्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम ने भक्ति और संस्कृति के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में एक नई वैश्विक दिशा का संकेत दिया है। इस अवसर पर सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया, जिसमें भक्तों की एक बड़ी संख्या ने भाग लिया। कार्यक्रम की खास विशेषता यह थी कि इस दौरान भारतीय संस्कृति के संरक्षण और विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए एक नया पुस्तकालय प्रकोष्ठ, श्रीरामालय का उद्घाटन भी किया गया।

श्रीरामालय के महत्व को रेखांकित किया

 

इस भव्य आयोजन का उद्घाटन अखिल भारतीय सह-प्रचार प्रमुख नरेंद्र ठाकुर, अखिल भारतीय प्रचार-प्रसार प्रमुख विजय शंकर तिवारी, राष्ट्रीय सेविका समिति की प्रांत संचालिका डॉ. चारु कालरा, और कॉलेज की प्राचार्या सविता राय ने मिलकर किया। उद्घाटन समारोह में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने श्रीरामालय के महत्व को रेखांकित किया। नरेंद्र ठाकुर जी ने इसे ‘स्व’ भाव जागृत करने में महत्वपूर्ण बताया और कहा कि इस प्रकार के प्रयास भारतीय संस्कृति को सुदृढ़ बनाने में सहायक होंगे। विजय शंकर तिवारी जी ने इसे सांस्कृतिक पुनरुत्थान के लिए आवश्यक बताया और इतिहास के संदर्भ में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर किया। वहीं सविता राय जी ने इसे भारतीय शिक्षा को वैश्विक स्तर पर ले जाने के लिए आवश्यक बताया।

दिव्य आशीर्वाद प्राप्त किया

 

कार्यक्रम के पश्चात यज्ञ का आयोजन किया गया, जहां भक्तजनों ने आहूति देकर दिव्य आशीर्वाद प्राप्त किया। यज्ञ के बाद प्रसाद का वितरण हुआ, जिससे सभी श्रद्धालुओं ने लाभ उठाया। इस मौके पर एक सेमिनार का भी आयोजन किया गया, जिसमें विद्वानों ने भारतीय संस्कृति एवं शिक्षा प्रणाली के विकास पर विचार विमर्श किया।

श्रीरामालय की विशेषताओं के बारे में जानकारी दी

 

महाविद्यालय के पुस्तकालय अध्यक्ष पवन त्रिपाठी ने श्रीरामालय की विशेषताओं के बारे में जानकारी दी। श्रीरामालय वास्तव में एक श्रीराम साहित्य अध्ययन प्रकोष्ठ है, जिसमें श्रीराम से संबंधित भारतीय साहित्य का संकलन किया जाएगा। यह पुस्तकालय भारतीय संस्कृति और विचारधारा के विकास में एक महत्वपूर्ण साधन बनेगा। इस प्रकोष्ठ के अंतर्गत ‘राम-रसायन’ नामक अर्धवार्षिक इंटरनेशनल जर्नल फ़ोर इंडीजीनियस नोलेज सिस्टम्स (RamRasaayan : International Journal for Indigenous Knowledge Systems) प्रकाशित करने की योजना भी बनाई गई है, जो भारतीय ज्ञान के विविध पहलुओं पर आधारित शोध और लेखन को प्रोत्साहित करेगा।

ब्रेल में श्रीरामचरितमानस का लोकार्पण

 

कार्यक्रम में दृष्टिबाधित विद्यार्थियों के लिए ब्रेल में श्रीरामचरितमानस का लोकार्पण भी किया गया। यह तथ्य बेहद महत्वपूर्ण है कि दौलत राम कॉलेज की लाइब्रेरी दिल्ली विश्वविद्यालय की पहली लाइब्रेरी है जिसने दृष्टि बाधित छात्रों के लिए ब्रेल में श्रीरामचरितमानस उपलब्ध कराया है। यह कदम न केवल दृष्टिबाधित विद्यार्थियों के लिए एक सुलभ अध्ययन सामग्री प्रदान करता है, बल्कि यह भारतीय ज्ञान परंपरा के प्रति हमारी संवेदनशीलता को भी दर्शाता है।

भारतीय संस्कृति के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराया

 

उद्घाटन समारोह में संयोजक ने भारतीय ज्ञान परंपरा के विकास और समवर्धन के लिए आभार ज्ञापित किया और यह सुनिश्चित किया कि भविष्य में ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन लगातार किया जाएगा। कार्यक्रम की समाप्ति पर सभी उपस्थित लोगों ने एक दूसरे को नववर्ष की शुभकामनाएं दीं और भारतीय संस्कृति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।

इस आयोजन में अनेक प्रमुख व्यक्तियों ने भाग लिया जैसे दिव्यांशु पाण्डेय, सचिन पुरी, शैलेंद्र कुमार, नीलेश दत्त द्विवेदी, डॉ. मनीष कुमार, डॉ. आजाद वीर, डॉ. नीतेश राय, डॉ. प्रभात और अन्य प्राध्यापक और शोधार्थी। विद्यार्थियों में भी उत्साह देखने को मिला, जो इस बोल्ड बदलाव का हिस्सा बनने के लिए उपस्थित हुए थे।

नई दिशा देने वाला महत्वपूर्ण कदम

 

इस प्रकार दौलत राम कॉलेज में श्रीरामलला प्राणप्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ का आयोजन न केवल धार्मिक मान्यता को आगे बढ़ाने का एक प्रयास था, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और ज्ञान के समग्र संकलन को एक नई दिशा देने वाला महत्वपूर्ण कदम भी था। अब, जब श्रीरामालय की स्थापना हो चुकी है, तो यह स्पष्ट है कि यह प्रकोष्ठ भारतीय दृष्टि को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में सहायक होगा। भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को संजोए रखना और इसे अगली पीढ़ी ko सौंपना हम सभी की जिम्मेदारी है। ऐसे कार्यक्रम इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

 

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