Kisan Andolan : जगजीत सिंह डल्लेवाल को मनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को दिया नया आदेश

नरेन्‍द्र सहारण, नई दिल्ली/खनौरी बॉर्डर : Kisan Andolan : संगरूर के खनौरी में फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर आमरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। उनकी चिकित्सा स्थिति को लेकर चिंताओं के बीच, सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को तीन दिन का और समय दिया है, ताकि वह डल्लेवाल को चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए उन्हें मनाने का प्रयास कर सके। इस मामले की अगली सुनवाई अब दो जनवरी को होगी।

किसानों से बातचीत करने का प्रयास

पंजाब सरकार ने जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस सुधांशु धूलिया की अवकाशकालीन पीठ को सूचित किया कि डल्लेवाल तब चिकित्सकीय सहायता लेने के लिए तैयार होंगे जब केंद्र सरकार उनकी किसानों से बातचीत करने की पेशकश को स्वीकार करेगी। पंजाब के महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि वार्ताकारों ने किसानों से बातचीत करने का प्रयास किया था, लेकिन अन्य किसान संगठनों द्वारा 30 दिसंबर को किए गए पंजाब बंद ने इस पहल को बाधित कर दिया।

डल्लेवाल की तबीयत काफी खराब

सुप्रीम कोर्ट ने 20 दिसंबर को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराने की जिम्मेदारी पंजाब सरकार पर है। लेकिन लगातार अनशन के चलते डल्लेवाल की तबीयत रविवार की रात काफी खराब हो गई, उनके ब्लड प्रेशर में भारी गिरावट देखी गई। रिपोर्ट के अनुसार, उनका उच्चतम ब्लड प्रेशर 76 और न्यूनतम ब्लड प्रेशर 44 तक गिर गया था। डॉक्टरों ने उनके पैरों की मूवमेंट करवाकर ब्लड प्रेशर को 95 तक लाने में सफल रहे, हालाँकि यह स्तर सामान्य नहीं कहा जा सकता है।

किसान महापंचायत बुलाई

इस कठिन समय में डल्लेवाल का संकल्प और मजबूत हुआ है। उन्होंने इस बात की इच्छा व्यक्त की है कि वे देशभर के किसानों से संवाद स्थापित करना चाहते हैं। इस संदर्भ में चार जनवरी को खनौरी में एक राष्ट्रीय स्तर की किसान महापंचायत बुलाई गई है, जहां वे वीडियो कॉल के माध्यम से किसानों को संबोधित करेंगे। किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ा ने बताया कि महापंचायत की तैयारियां तेज हो गई हैं। कर्नाटक से किसानों का जत्था बुधवार को खनौरी पहुंच रहा है और वे वहीं रहेंगे। हरियाणा और पंजाब के विभिन्न क्षेत्रों में किसानों की जिला वार ड्यूटियां भी निर्धारित की जा रही हैं। साथ ही, राजस्थान के किसानों के भी महापंचायत में भाग लेने की उम्मीद है।

यह महापंचायत उस समय आयोजित की जा रही है जब किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की स्थिति गंभीर है और वे लगातार अनशन पर बैठे हैं। उनकी इस ताजा स्थिति ने किसान आंदोलन को फिर से ताजगी प्रदान की है, जिसमें फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी जैसे मुद्दे शामिल हैं। डल्लेवाल के समर्थन में हजारों किसान एकत्रित हो रहे हैं, जो उनकी मांगों को लेकर एकजुटता का प्रदर्शन कर रहे हैं।

किसान समुदाय में चिंता की लहर

 

डल्लेवाल की स्थिति और उनकी अनशन की वजह से किसान समुदाय में चिंता की लहर दौड़ गई है। कई संगठनों ने उनके समर्थन में प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं और उन्हें चिकित्सा सहायता की आवश्यकता का महत्व समझाते हुए राज्य और केंद्र सरकारों से अपील की है। पंजाब सरकार को भी इस संकट के समय संवेदनशीलता दिखाने की आवश्यकता है।

डल्लेवाल को मनाने का प्रयास जारी

 

इस बीच पंजाब सरकार अन्य संगठनों से बातचीत जारी रखने में लगी हुई है और डल्लेवाल को मनाने का प्रयास जारी है। इसके बावजूद उनके इस अनशन के प्रति किसानों का समर्थन लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे उनकी मांगें और अधिक महत्वपूर्ण हो गई हैं। अगर डल्लेवाल की स्वास्थ्य स्थिति में सुधार नहीं होता है, तो यह आंदोलन और भी तेज हो सकता है, जिसमें किसानों की संख्या में इजाफा होगा।

किसान समुदाय में डल्लेवाल की स्थिति को लेकर गहरे उत्साह से भरा हुआ है और उनके जीवन के लिए प्रार्थनाएं की जा रही हैं। इस पूरे घटनाक्रम से स्पष्ट है कि किसान आंदोलन वर्तमान में एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। आगे आने वाले दिनों में, यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार कैसे प्रतिक्रिया करती है और क्या डल्लेवाल की मांगों के प्रति उनकी सोच बदलती है।

इस समय, सभी की निगाहें सुप्रीम कोर्ट की अगली सुनवाई और डल्लेवाल की स्थिति पर केंद्रित हैं। किसान आंदोलन का भविष्य इस बात पर निर्भर करेगा कि पंजाब सरकार उनकी मांगों को कितनी गंभीरता से लेती है। डल्लेवाल का अनशन और उनकी आंदोलन के प्रति अडिगता ने किसानों में नई उर्जा भरी है, जिसका सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव कृषि क्षेत्र और भारतीय राजनीति पर पड़ सकता है।

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