Kisan Andolan: आंदोलन कर रहे किसानों की नजर बजट पर, पंधेर बोले-मांगें माने केंद्र सरकार

कुरुक्षेत्र में किसान महापंचायत

नरेन्‍द्र सहारण, राजपुरा (पटियाला): Kisan Andolan:  शंभू और खनौरी बार्डर पर पिछले एक वर्ष से युवा और वृद्ध किसान अपने हकों की रक्षा के लिए सड़कों पर डटे हुए हैं। उनकी उम्मीदें अब शनिवार को पेश होने वाले केंद्रीय बजट पर टिकी हुई हैं। किसानों का कहना है कि अगर केंद्र सरकार वाकई में उनके हितों की रक्षा के लिए गंभीर है, तो बजट में उन्हें उचित और ठोस घोषणाएं देखने को मिलनी चाहिए। इस मुद्दे पर संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के नेता सरवन सिंह पंधेर ने शुक्रवार को शंभू बार्डर पर आयोजित प्रेस वार्ता में अपनी बातें रखी।

पंधेर ने अपने बयान में कहा कि अगर मोदी सरकार सच्ची हितैषी है तो उसे बजट में किसानों के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएं करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों की समस्याओं का समाधान करने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। इसका मतलब है कि किसानों को उनकी मांगों के प्रति गंभीरता से ध्यान देना होगा, ताकि उनकी परेशानियों का समाधान हो सके।

13 फरवरी को महापंचायत का आयोजन

पंधेर ने यह भी जानकारी दी कि किसान आंदोलन के एक वर्ष पूरे होने के अवसर पर 13 फरवरी को शंभू बार्डर पर एक विशाल महापंचायत आयोजित की जाएगी। इस महापंचायत में किसानों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी और आगामी आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी। प्रमुखतः महापंचायत में एमएसपी (मिनिमम सपोर्ट प्राइस) गारंटी कानून, किसान-मजदूरों का संपूर्ण कर्ज माफ करने, और किसानों को उचित मुआवजा देने जैसी मांगों पर विचार किया जाएगा। उनकी योजना है कि इस महापंचायत के माध्यम से किसान एकता को और मजबूत किया जाए।

दिल्ली कूच का फैसला स्थगित

पंधेर ने यह भी स्पष्ट किया कि किसान आंदोलन के तहत दिल्ली कूच का निर्णय फिलहाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। यह निर्णय दोनों किसान संगठनों के बीच चर्चा के बाद लिया गया है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि आंदोलन जारी रहेगा और आवश्यकता पड़ने पर दिल्ली की ओर कूच करने पर भी विचार किया जाएगा।

खनौरी बार्डर पर डल्लेवाल का आमरण अनशन

वहीं, खनौरी बार्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन 67वें दिन भी जारी है। इस अनशन के पीछे किसानों के मुद्दों को प्राथमिकता देने का आग्रह है। किसान नेता काका सिंह कोटड़ा ने बताया कि शनिवार को पेश होने वाले केंद्रीय बजट में केंद्र सरकार को कृषि क्षेत्र के लिए विशेष प्रावधान रखना चाहिए। उनका मानना है कि अगर सरकार किसानों की मांगों के प्रति गंभीरता नहीं दिखाती है, तो यह बजट भी केवल खानापूर्ति का सामान साबित होगा।

डल्लेवाल की स्वास्थ्य स्थिति

डल्लेवाल की स्वास्थ्य स्थिति पर भी नजर रखी जा रही है। जानकारी के अनुसार, वीरवार की दोपहर बुखार के कारण उनकी हालत कुछ बिगड़ गई थी, लेकिन शुक्रवार को उनकी स्थिति में सुधार देखा गया।

किसान आंदोलन का आगे का मार्गदर्शन

महापंचायत के दौरान, किसान नेता विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के बाद आंदोलन की दिशा में निर्णय लेने के लिए गंभीरता से विचार करेंगे। एमएसपी की गारंटी और कर्ज माफी जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी, साथ ही किसानों के लिए मुआवजा आवंटन पर भी विचार होगा। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि पिछले एक वर्ष में किसान आंदोलन के दौरान इन मुद्दों को लेकर जो चिंताएं रही हैं, वे अब और भी प्रचलित हो गई हैं।

किसान संगठनों की एकजुटता

किसानों की एकता महत्वपूर्ण है, और वैकल्पिक रूप से इस महापंचायत के जरिए संगठनात्मक स्तर पर भी मजबूत कदम उठाने की योजना है। पंधेर ने कहा कि जरूरी है कि हम एकजुट होकर अपनी आवाज उठाएं, ताकि हमारी मांगों को सरकार तक सही तरीके से पहुंचाया जा सके।

 

JOIN WHATSAAP CHANNEL

भारत न्यू मीडिया पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज, Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट , धर्म-अध्यात्म और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi  के लिए क्लिक करें इंडिया सेक्‍शन

 

You may have missed