जानें हरियाणा कांग्रेस की विधानसभा में रही आक्रामकता: नेतृत्व की कमी और रणनीतिक चुनौतियां से जूझ रही

नरेन्‍द्र सहारण, चंडीगढ़: Haryana Congress: हरियाणा विधानसभा के हालिया बजट सत्र में कांग्रेस ने अपने नेताओं और विधायकों की पूरी ताकत लगाते हुए विपक्ष के रूप में आक्रामकता दिखाई। हालांकि, पार्टी के भीतर एक महत्वपूर्ण कमी ने उसे कमजोर किया: विधायक दल के नेता का न होना। बार-बार के अनुरोधों और निरंतर दबाव के बावजूद कांग्रेस हाईकमान ने अभी तक विधायक दल के नेता का नाम घोषित नहीं किया, जिससे पार्टी के विधायक अंदर से मायूस नजर आए।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा का महत्वपूर्ण योगदान

 

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सदन में विपक्ष के नेता की भूमिका को निभाने का बीड़ा उठाया, बावजूद इसके कि पार्टी में आधिकारिक तौर पर कोई नेता की घोषणा नहीं की गई थी। उन्होंने पूरे विधानसभा सत्र के दौरान कांग्रेस की आवाज को ऊंचा रखा और सत्तापक्ष के मंत्रियों, विशेष रूप से मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, ने भी उन्हें विपक्ष के नेता के रूप में सम्मान दिया। लेकिन इसके साथ-साथ भाजपा ने कई बार इस बात पर चुटकी ली कि कांग्रेस ने अभी तक विधायक दल का नेता घोषित नहीं किया है।

बजट सत्र में कांग्रेस का प्रदर्शन

 

सात मार्च से 28 मार्च के बीच आयोजित विधानसभा के बजट सत्र में कांग्रेस के 38 विधायकों में से 23 ने अपने प्रदर्शन के माध्यम से पार्टी को मजबूती दी। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, अशोक अरोड़ा, रघुबीर कादियान, गीता भुक्कल, आफताब अहमद, जस्सी पेटवाड, शकुंतला खटक, मोहम्मद इलियास और बीबी बत्रा जैसे सशक्त नेताओं ने अपने विचारों को प्रभावशाली ढंग से पेश किया। खासतौर पर रमजान में भी कई मुस्लिम विधायकों ने अपने तेवर को बनाए रखा, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि कांग्रेस ने सत्तापक्ष के खिलाफ एकजुटता के साथ मोर्चा सँभाला हुआ है।

विधायकों की आंतरिक राजनीति और संघर्ष

 

आंतरिक राजनीति में भी कुछ विधायकों ने हाईकमान से भूपेंद्र सिंह हुड्डा को विपक्ष का नेता बनाने की बजाय अपने लिए पैरवी की। ऐसा लग रहा था कि पार्टी में कुछ नेताओं ने अपने स्वार्थ को प्राथमिकता दी। कुमारी सैलजा और
रणदीप सिंह सुरजेवाला जैसे नेता आंतरिक तौर पर हुड्डा के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं, जिससे यह स्थिति और भी जटिल हो गई है।

जब भी विधायक दल का नेता घोषित करने का विषय उठता, ऐसी स्थिति बनती कि पार्टी के विधायकों में असंतोष बढ़ता। हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी बीके हरिप्रसाद दो बार चंडीगढ़ आए, लेकिन विधायक दल के नेता की घोषणा नहीं हुई, जिससे पार्टी के भीतर और भी निराशा फैली। उनका स्पष्ट उत्तर था कि हाईकमान पहले संगठन को मजबूत करना चाहता है, और इसके बाद ही किसी नेता की घोषणा की जाएगी।

भाजपा की चुटकी और स्थिति की निरंतरता

 

भाजपा ने कई बार विधानसभा में इस कमी का मज़ाक उड़ाया कि कांग्रेस अब तक अपना विधायक दल का नेता घोषित नहीं कर पाई है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने यहां तक कहा कि उनकी नजर में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ही विपक्ष के नेता हैं। यह स्पष्ट रूप से कांग्रेस की नेतृत्व की कमी को दर्शाता है।

सदन में अन्य बार भी ऐसी स्थिति पैदा हुई जहां कांग्रेस को बिना किसी नेता के कार्यवाही में भाग लेना पड़ा। पहले शीतकालीन सत्र में भी ऐसा ही हुआ था। इससे यह संकेत मिलता है कि आने वाले दिनों में, जब तक संगठन को पहले मजबूती नहीं दी जाती, तब तक विधायक दल के नेताओं का नाम घोषित होने की संभावना नहीं है।

विधायक गुटों की बैठकें: फ्लैट में नया हाल

 

भूपेंद्र सिंह हुड्डा का विचार है कि अब उन्हें विपक्ष के नेता के अधिकारों से वंचित किया जा सकता है, और वे विधायक के रूप में मिलने वाले फ्लैट में स्थानांतरित होने पर विचार कर रहे हैं। कांग्रेस के दो विधायकों के फ्लैट को मिलाकर एक बड़ा हाल बनाया जा रहा है, ताकि वहां कांग्रेस विधायकों की बैठकें चालू की जा सकें। यह निर्णय दर्शाता है कि पार्टी अपनी आंतरिक स्थिति को मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

चुनौतीपूर्ण समय

 

कांग्रेस के लिए यह सत्र एक चुनौतीपूर्ण समय रहा है, जहां एक ओर उसने आक्रामकता दिखाई वहीं दूसरी ओर नेतृत्व की कमी ने उसे कमजोर भी किया। वरिष्ठ नेताओं का अनुभव और पार्टी कार्यकर्ताओं की एकजुटता आवश्यक है ताकि वे सत्तारूढ़ दल के खिलाफ एक प्रभावी रणनीति तैयार कर सकें। यदि पार्टी अपने आंतरिक राजनीतिक संघर्षों को समाप्त करने और संगठन को मजबूत बनाने में सफल होती है, तो वह अपने साथियों के लिए एक नई दिशा और बल बन सकती है।

आने वाले समय में कांग्रेस को अपनी आंतरिक राजनीति पर ध्यान देने की आवश्यकता है। अगर वह अपने नेताओं का सही चुनाव नहीं करती है, तो इसका असर भविष्य में पार्टी की जनाधार पर पड़ेगा। इस सत्र में दिखाए गए आक्रामकता के बावजूद, नेतृत्व की स्पष्टता और रणनीति की आवश्यकता है ताकि वे राजनीतिक परिदृश्य में अपनी जगह बना सकें।

 

JOIN WHATSAAP CHANNEL

भारत न्यू मीडिया पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज, Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट , धर्म-अध्यात्म और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi  के लिए क्लिक करें इंडिया सेक्‍शन

You may have missed