मुख्तार अंसारी के शूटर को STF ने मार गिराया, एनकाउंटर में 25 राउंड फायरिंग; DSP शाही को भी गोली लगी

लखनऊ, बीएनएम न्यूजः  यूपी एसटीएफ (STF) ने मुख्तार अंसारी गैंग के शूटर अनुज कनौजिया (Anuj Kannojia) को एनकाउंटर में ढेर कर दिया है। ADG अमिताभ यश ने बताया कि रविवार तड़के STF और झारखंड पुलिस ने सूचना के आधार पर अनुज कनौजिया को जमशेदपुर में पकड़ने की कोशिश की।

मगर, उसने सुरक्षा बलों की ओर फायरिंग शुरू कर दी। जवाब में टीम ने भी क्रॉस फायरिंग की। इसमें अनुज कनौजिया को गोली लग गई। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।

मुठभेड़ के वक्त अनुज ने बम भी फेंके, लेकिन बम फटा नहीं। दोनों ओर से 25 राउंड से अधिक गोलियां चलीं। इसमें STF के डीएसपी धर्मेश कुमार शाही घायल हुए हैं। उनके बाएं कंधे पर गोली लगी है। उन्हें जमशेदपुर TMH में भर्ती कराया गया।

36 साल के अनुज पर दो दिन पहले ही मऊ पुलिस ने 2.50 लाख रुपए का इनाम घोषित किया था। उसने 4 मर्डर किए थे। उस पर हत्या, लूट समेत 23 मुकदमे दर्ज हैं।

बड़ी वारदात को अंजाम देने वाला था अनुज कनौजिया

यूपी एसटीएफ की दो दिन पहले सूचना मिली कि वह जमशेदपुर में छिपा है। किसी आपराधिक वारदात को अंजाम देने की योजना बना रहा है। इसके बाद यूपी एसटीएफ ने झारखंड पुलिस से संपर्क किया। शनिवार रात 10:30 बजे पुलिस ने छोटा गोविंदपुर स्थित अनुज के ठिकाने को घेर लिया। खुद को घिरता देख उसने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में मारा गया। अनुज को उसके साले ने पहना दी थी। वह ऑफिस नुमा कमरे में रहता था।

मुख्तार की बरसी के दूसरे दिन ढेर हुआ अनुज

अनुज मुख्तार की बरसी के ठीक दूसरे दिन मारा गया। पिछले साल 28 मार्च को बांदा जेल में मुख्तार अंसारी की मौत हुई थी। शुक्रवार को ही मुख्तार की बरसी थी। मुख्तार अंसारी गैंग अनुज का इस्तेमाल जमीन पर कब्जा कराने, सरकारी ठेकों में दखल के लिए करता था।

17 साल की उम्र में घर छोड़ा, पिता सरकारी टीचर थे

मऊ से 40 किमी दूर गाजीपुर और आजमगढ़ के बॉर्डर पर चिरैयाकोट कस्बा है। इससे 10 किमी दूर, सड़क से 2 किमी अंदर बहलोलपुर गांव है। अनुज कनौजिया इसी गांव का रहने वाला था। अनुज 17 साल का था, जब घर छोड़कर भागा था। उसके पिता हनुमान कनौजिया सरकारी स्कूल में टीचर थे।

मुख्तार अंसारी ने दी थी पनाह

गांव से भागकर अनुज मुख्तार अंसारी के पास पहुंच गया। मुख्तार उससे अपने काम कराता और बदले में उसे पुलिस और जेल जाने से बचाता। हालांकि 6-7 महीने में ही अनुज मुख्तार से अलग हो गया था। इधर, झगड़ा बढ़ने के बाद हम अपने परिवार के साथ मुंबई चले गए। मामला शांत हो गया, तभी लौटे।

जेल में रहते हुए शादी की

अनुज कनौजिया की शादी की कहानी भी फिल्मों जैसी है। उसके भाई विनोद बताया था- दुल्लालपुरवा की एक लड़की रीना राय किसी तरह अनुज से मिली थी। कोई लड़का उसे परेशान कर रहा था। उससे छुटकारा पाने के लिए रीना ने अनुज से मदद मांगी। अनुज ने लड़के को फोन कर समझाया, लेकिन वो नहीं माना।

अनुज ने उसे सुधरने के लिए 15 दिन का वक्त भी दिया। लड़का फिर भी नहीं माना, तो उसकी दुकान पर जाकर गोली मार दी। इसके बाद रीना अनुज को पसंद करने लगी। दूसरे समाज की होने के बाद भी परिवार वालों की मर्जी के बिना उसने अनुज से शादी कर ली।

दोनों की शादी पुलिस की कस्टडी में ही हुई। अनुज के जेल जाने के बाद रीना ही उसका काम देख रही थी। मार्च, 2023 में रंगदारी मांगने के मामले में पुलिस ने रीना को झारखंड के रांची से गिरफ्तार किया था। हालांकि, इस वक्त वह जमानत पर है। उसके दो बच्चे भी हैं।

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