Maharshtra Politics: नवाब मलिक को लेकर देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार आमने-सामने, भाजपा नेता ने कहा, गठबंधन की भावना कर रखें ख्याल
मुंबई, बीएनएम न्यूज। कुछ दिन पहले स्वास्थ्य के आधार पर जेल से मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जमानत पर रिहा हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधायक और पूर्व मंत्री नवाब मलिक को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति एक बार फिर गरमा रही है। महाराष्ट्र और उप मुख्यमंत्री भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने अजित पवार को पत्र लिखकर कहा कि एनसीपी विधायक नवाब मलिक को अपने गुट में शामिल नहीं करें, क्योंकि उनके खिलाफ गंभीर आरोप हैं। उन्हें अभी तक अपनी बेगुनाही साबित नहीं की है। फडणवीस ने कहा कि अजित को महायुति (महा गठबंधन) की भावना का सम्मान करना चाहिए और मलिक को महायुति का हिस्सा नहीं बनाना चाहिए। ज्ञात कि विपक्ष में रहते हुए देवेंद्र फडणवीस ने नवाब मलिक को दाऊद इब्राहिम का करीबी बताकर उन पर हमला बोला था।
शिवसेना ने भाजपा को घेरा
भाजपा नेता उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस जब विपक्ष में थे तो उन्होंने नवाब मलिक के जमीन सौदे को कुख्यात आतंकी दाऊद इब्राहिम की डी कंपनी से जोड़ते हुए एनसीपी विधायक नवाब मलिक पर गंभीर आरोप लगाए थे। इस मामले में देवेंद्र फडणवीस ने न केवल नवाब मलिक के इस्तीफे की मांग की थी। उस दौरान उन्होंने तत्कालीन सीएम उद्धव ठाकरे से भी इस्तीफा देने को कहा था। अब मलिक महायुति का हिस्सा हैं। देवेंद्र फडणवीस ने यह पत्र महाराष्ट्र विधानसभा के नागपुर में शुरू हुए शीतकालीन सत्र के पहले दिन लिखा है। नागपुर में राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र में नवाब मलिक पहुंचे थे और अजित पवार गुट के साथ बैठे थे। फडणवीस का यह पत्र शिवसेना (यूबीटी) के उस हमले के बाद आया है, जिसमें उद्धव गुट ने पूछा था कि क्या भाजपा की अगुवाई वाले महायुति (महागठबंधन) में नवाब मलिक को शामिल किया जा रहा है।
ऐसे शुरू हुआ विवाद?
नागपुर में शुरू शीतकालीन सत्र के पहले दिन नवाब मलिक अजित पवार की अगुवाई वाले गुट के सदस्यों के साथ बैठ नजर आए थे। मलिक जब जेल से बाहर आए थे, तब एनसीपी के दोनों गुटों के नेताओं ने मलिक से मुलाकात की थी। इतना ही नहीं, 64 साल के नवाब मलिक का अजित के करीबी नेता अनिल पाटिल ने सभी स्वागत किया था। नवाब मलिक इससे पहले उद्धव सरकार में मंत्री थे। वे एनसीपी से पांचवीं बार विधायक बने हैं।