दिल्ली दौरे में पीएम मोदी से मुलाकात कर सकती हैं ममता, जानें बंगाल सरकार को किस बात का है डर
कोलकाता, बीएनएम न्यूज। बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी आगामी दिल्ली दौरे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात कर सकती हैं। राज्य सचिवालय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ममता इस महीने के दूसरे अथवा तीसरे सप्ताह दिल्ली जाएंगी। वहां वह आइएनडीआइए गठबंधन की बैठक में शामिल होंगी। यह बैठक पहले छह दिसंबर को बुलाई गई थी, लेकिन समन्वय की कमी के कारण इसे रद कर दिया गया था।
रोजगार गारंटी योजना के बकाया फंड को लेकर बातचीत करना चाहती हैं ममता बनर्जी
खबर है कि इस महीने के दूसरे अथवा तीसरे सप्ताह यह बैठक हो सकती है। ममता उसी दौरान प्रधानमंत्री से मुलाकात के लिए समय मांग सकती हैं। वे पीएम मोदी से रोजगार गारंटी योजना के बकाया फंड को लेकर बातचीत करना चाहती हैं। ममता इस समय उत्तर बंगाल के दौरे पर हैं। कोलकाता लौटने के बाद वे दिल्ली रवाना होंगी। ममता केंद्र पर बंगाल को फंड नहीं देने का आरोप लगाती आई हैं। इस मुद्दे पर तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कुछ समय पहले ही दिल्ली जाकर विरोध-प्रदर्शन किया था। दूसरी तरफ भाजपा का कहना है कि बंगाल में चल रहीं विभिन्न केंद्रीय योजनाओं में अनियमितताएं पा
ए जाने के कारण फंड रोका गया है।
अन्य राज्यों को मिल रहा है फंड, तो हमें क्यों नहीं
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि ‘मैं 17-20 दिसंबर के बीच दिल्ली जा रही हूं। मैंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उनसे मिलने का समय मांगा है। हमें विभिन्न केंद्रीय योजनाओं के लिए लंबित धनराशि नहीं मिली है। अगर हर राज्य को उसका हिस्सा मिल रहा है पैसा तो फिर हमें क्यों नहीं मिल रहा है’
बंगाल सरकार को अब वित्त आयोग से मिलने वाला फंड बंद होने का सता रहा डर
उधर, नेशनल हेल्थ मिशन के बाद अब 15वें वित्त आयोग के तहत बंगाल को स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए मिलने वाला फंड भी केंद्र सरकार की ओर से रोके जाने की आशंका है। इसे देखते हुए राज्य प्रशासन की ओर से सभी जिलों को निर्देश जारी करते हुए इससे जुड़ी स्वास्थ्य परियोजनाओं के लिए फिलहाल वर्क आर्डर रोकने का निर्देश दिया गया है। वित्त आयोग से राज्य को हर साल 800 से 850 करोड़ रुपये मिलते हैं। नेशनल हेल्थ मिशन के तहत फंड का आवंटन पहले ही रोका जा चुका है। अंतिम बार जुलाई में फंड मिला था। इस मद में राज्य सरकार को हर साल करीब 3000 करोड़ रुपये मिलते हैं।