Mizoram Election Result 2023: लालदुहोमा कभी इंदिरा गांधी के थे सुरक्षा प्रमुख, अब मिजोरम के बनेंगे मुख्यमंत्री, जानें उनके बारे में

आइजोल, बीएनएम न्यूज। मिजोरम में वोटों की गिनती के बाद 74 वर्षीय पूर्व आईपीएस अधिकारी लालदुहोमा (Lalduhoma) और उनकी पार्टी जोरम पीपुल्स मूवमेंट Zoram Peoples Movement (ZPM) सत्ता में आने जा रही है। उनकी पार्टी को पूर्ण बहुमत हासिल हुआ है। एमएनएफ के कई दिग्गज चुनाव हार गए हैं। यहां तक कि वर्तमान मुख्यमंत्री जोरमथंगा भी चुनाव हार गए हैं। लालदुहोमा की अब तक की यात्रा असाधारण रही है। आईपीएस अधिकारी रहे लालदुहोमा को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का काफी करीबी माना जाता हैं। जेडपीएम के प्रमुख और मुख्यमंत्री पद क उम्मीद लालदुहोमा ने मिजोरम विधानसभा चुनाव 2023 में सेरछिप से चुनाव लड़ा। 2018 में लालदुहोमा ने 35.4 प्रतिशत वोट हासिल कर कांग्रेस के ललथनहवला को हराया, जिन्हें 32.7 प्रतिशत वोट मिले थे।

 

मिजोरम राज्य के जन्म में रही प्रमुख भूमिका

गोवा कैडर के भारतीय पुलिस सेवा में एक अधिकारी रहे लालदुहोमा केंद्रीय प्रतिनियुक्ति तक पहुंचे। बाद में वे राष्ट्रीय राजधानी में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सुरक्षा के प्रभारी बने। लालदुहोमा ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सुरक्षा में काम किया था। माना जाता है कि कथित तौर पर लालदुहोमा को इंदिरा गांधी ने लंदन में मिज़ो उग्रवादी नेता लालडेंगा के साथ बातचीत करने और उन्हें शांति वार्ता के लिए मनाने के लिए भेजा था। रिपोर्ट में कहा गया है कि लालडेंगा ने 1987 में तत्कालीन प्रधान मंत्री राजीव गांधी के साथ एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए। इसने लालदुहोमा को मिजोरम राज्य के जन्म में एक प्रमुख खिलाड़ी बना दिया।

1984 में राजनीति में रखा कदम

 

1984 में आईपीएस अधिकारी की नौकरी छोड़ने के बाद जेडपीएम नेता कांग्रेस में शामिल हो गए थे। उसी वर्ष उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था और निर्विरोध चुने गए थे। मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) सहित विभिन्न राजनीतिक दलों में शामिल होने के अलावा लालदुहोमा ने जोरम नेशनलिस्ट पार्टी (जेडएनपी) नाम से पार्टी बनाई, जो अब मिजोरम के राजनीतिक परिदृश्य में एक प्रमुख खिलाड़ी बन गया है।

1984 में चुनाव जीत कर लोकसभा पहुंचे

1984 में लालदुहोमा ने लोकसभा में प्रवेश किया। शुरुआती दौर में ही उन्हें महत्वपूर्ण चुनौती का सामना करना पड़ा। वे दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य ठहराए जाने वाले संसद के पहले सदस्य बने। 2013 में उनका मुकाबला एमएनएफ में पदार्पण कर रहे जे माल्सावमज़ुअल वानचावंग से था। इस बीच कांग्रेस ने सेरछिप से आर वनलालट्लुआंगा को मैदान में उतारा था, जिन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन असफल रहे थे।

दल-बदल कानून के उल्लंघन में फिर फंसे

2020 में लालदुहोमा को दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित कर दिया गया और वह देश में इस कानून के तहत अयोग्य घोषित होने वाले पहले विधायक बने। हालांकि, उन्होंने 2021 में सेरछिप सीट के लिए उपचुनाव जीतकर विजयी वापसी की। 2018 के विधानसभा चुनावों में भी लालदुहोमा जेडपीएम के नेतृत्व वाले गठबंधन (ZPM) के लिए मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में उभरे थे। 2018 के विधानसभा चुनावों से पहले लालदुहोमा ने 2003 में रातू सीट और 2008 में आइजोल पश्चिम-एक सीट से दो बार सफलतापूर्वक विधानसभा चुनाव लड़ा था। पिछले विधानसभा चुनावों में उन्होंने दो सीटों से जीत हासिल की थी। लालडुहोमा के पास कुल चार करोड़ की संपत्ति है।

 

लालडुहोमा ने मिजोरम में क्या वादा किया है?

लालदुहोमा ने कहा कि सरकार बनने के बाद उनकी पार्टी वित्तीय सुधारों के लिए संसाधन जुटाने वाली टीम बनाएगी। मिजोरम वित्तीय संकट का सामना कर रहा है, यही हमें निवर्तमान सरकार से विरासत में मिलने जा रहा है। हम अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने जा रहे हैं। वित्तीय सुधार आवश्यक है और इसके लिए हम एक संसाधन जुटाने वाली टीम बनाने जा रहे हैं।  उन्होंने दावा किया था कि अगर उनकी पार्टी मिजोरम में सत्ता में आती है तो किसानों को सर्वोच्च प्राथमिकता देगी।

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