Nag Panchami: जौनपुर में धूमधाम से मनाया जा रहा नागपंचमी का त्योहार, दूध-लावा से पूजे गए नाग देवता

जौनपुर, बीएनएम न्यूजः जौनपुर में नागपंचमी शुक्रवार को श्रद्धा व आस्था के साथ मनाई जा रही है। शिव मंदिरों में दर्शन -पूजन के साथ श्रद्धालु दूध लावा चढ़ाकर, नाग देवता का पूजन किया। इसके साथ ही मेला ,कुश्ती ,खेलकूद व कबड्डी प्रतियोगिताओं का आयोजन हो रहा है। नाग पूजन का विशेष पर्व सावन शुक्ल पंचमी को नागपंचमी मनाई जाती है। इस वर्ष पावन पर्व का सुखद संयोग नौ अगस्त यानी आज मिल रहा है।
देवपूजन के लिए विशेष फलदायी मुहूर्त
इस दिन हस्त नक्षत्र शुक्रे नंदा सिद्धयोग रहेगा। जो देवपूजन के लिए विशेष फलदायी मुहूर्त है। सावन शिव को समर्पित है।।इसलिए शिव की पूजा अर्चना के साथ नाग देवता की पूजा अर्चना की जाती है। ऐसी मान्यता है कि शिव संग नाग देवता की पूजा से अमोघ फल की प्राप्ति होती है। यजुर्वेद के रुद्राष्टाध्यायी व वाल्मीकि रामायण में भी सर्प पूजन का वर्णन मिलता है।
पांच नागो की होती है उपासना
सर्प भगवान शिव के आभूषण माने जाते है। नाग सूर्य व शक्ति के अवतार है। नागपंचमी के दिन अनन्त ,वासुकि, तक्षक, करकोटक और पिंगल पांच नागों की उपासना की जाती है। इस दिन चांदी का नाग – नागिन का जोड़ा बनवाकर शिव को चढ़ाए। दूध से स्नान कराकर सुंगधित इत्र आदि अर्पित करें। नवनाग श्लोक ,सर्पसूक्त,का पाठ करें।
शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता
जौनपुर में सुबह से ही शिवमंदिरों में श्रद्धालुओं की तांता लगी है। जिले के प्रसिद्ध शिव मंदिरों में आसपास के अलावा जिलेभर से श्रद्धालु द्र्शन पूजन को पहुंचे हैं। गंगा-गोमती के संगम तट पर स्थित मार्कंडेय महादेव मंदिर , त्रिलोचन महादेव मंदिर, जागेश्वरनाथ मंदिर, दियांवा महादेव मंदिर, गौरी शंकर धाम सुजानगंज सहित आसपाप के मंदिरों में सुबह से ही भीड़ लगी है।
नाग पंचमी पूजन विधि (Nag Panchami Pujan Vidhi)
सुबह-सुबह स्नान कर भोलेनाथ की पूजा करें। बेलपत्र और जल से उनका अभिषेक करें। इसके बाद शिवजी के गले में विराजमान नागों की पूजा करें। नागों को हल्दी, रोली, चावल और फूल अर्पित करें। इन्हें चने, खील बताशे और कच्चा दूध प्रतिकात्मक रूप से अर्पित करें। घर के मुख्य द्वार पर गोबर, गेरू या मिट्टी से सर्प की आकृति बनाएं और इसकी पूजा करें। मान्यता है कि घर के मुख्य द्वार पर सर्प की आकृति बनाने से आर्थिक लाभ होता है, वहीं घर पर आने वाली विपत्तियां भी टल जाती हैं।
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