Parliament Security Breach: जानें क्यों संसद की सुरक्षा में सेंध की साजिश रचने वालों तक पहुंचना बना पुलिस के लिए चुनौती

नई दिल्ली, बीएनएम न्यूज। संसद की सुरक्षा में सेंध के मामले में आरोपितों के मोबाइल फोन बरामद नहीं होने के कारण साजिशकर्ताओं के बारे में पता लगाना पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों के लिए चुनौती बनी हुई है। जांच एजेंसियों को आशंका है कि प्रकरण के पीछे कुछ बड़े चेहरे हैं, जिन्होंने गिरफ्तार आरोपितों के जरिये वारदात कराई। मोबाइल फोन की बरामदगी नहीं होने से साजिशकर्ताओं के बारे में पता लगाने में मुश्किल आ रही है। स्पेशल सेल का कहना है कि आरोपितों के मोबाइल नंबरों की जानकारी के आधार पर उनकी काल डिटेल के रिकार्ड से यह तो पता लगा लिया कि इनकी किन लोगों से बातचीत हुई थी। किन लोगों के संपर्क में अधिक समय से थे और किन से कम बात हुई थी। सभी आरोपित पिछले कुछ दिनों के दौरान कहां गए, इसकी लोकेशन का भी पता लगा लिया गया है, लेकिन मोबाइल फोन नहीं मिलने से पता लगाना मुश्किल हो रहा है कि चैटिंग के जरिये किनसे बात हुई। मोबाइल मिल जाने पर आरोपितों की ओर से डिलीट की गई चैट और अन्य डेटा को पुन: प्राप्त किया जा सकता है।

आरोपितों को दोबारा रिमांड पर लेने की कोशिश करेगी स्पेशल सेल

सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार आरोपित सागर शर्मा, मनोरंजन गौड़, नीलम झा, अमोल शिंदे, ललित झा और महेश कुमावत के घर और अन्य सभी ठिकानों पर छापेमारी कर गहन तलाशी ली जा चुकी है, लेकिन जांच एजेंसी को कोई अहम सुबूत हाथ नहीं लगा है। इनकी रिमांड अवधि अब समाप्त होने वाली है। ऐसे में, सुबूत इकट्ठा करने के लिए स्पेशल सेल दोबारा सभी का रिमांड पर लेने पर विचार कर रही है। यह भी आशंका है कि अदालत स्पेशल सेल को आरोपितों का रिमांड दोबारा न दें, क्योंकि सात दिन के रिमांड के दौरान पुलिस जब आरोपितों के घर और अन्य ठिकानों कुछ ठोस बरामद नहीं कर सकी है, ऐसे में, आगे भी पुलिस को कुछ मिलना मुश्किल होगा।

आरोपितों के बैंक खातों की जांच में कोई बड़ी रकम भी नहीं मिली

जांच एजेंसियों के पास संसद के बाहर और अंदर के सीसीटीवी कैमरे के फुटेज अहम सुबूत के तौर पर हैं, जिनमें आरोपितों के घुसने से लेकर वारदात को अंजाम देने तक की फुटेज कैद है। इसके अलावा सभी छह आरोपितों के बयान हैं। सूत्रों के मुताबिक सभी के बैंक खातों की भी जांच की जा चुकी है, लेकिन किसी के बैंक खातों से कोई बड़ी रकम या संदेह लायक लेने-देन का पता नहीं चला है। सागर शर्मा के घर से उसकी कुछ और डायरी मिली हैं, जिसमें कुछ मोबाइल फोन नंबर लिखे हैं। इन नंबरों की पुलिस जांच कर रही है।

उप्र के जालौन से युवक को साथ ले गई दिल्ली पुलिस

दिल्ली पुलिस ने बुधवार को उप्र के जालौन जिले के उरई से एक युवक अतुल कुलश्रेष्ठ उर्फ बच्चा को हिरासत में लिया है। आरोप है कि वामपंथी विचारधारा से जुड़े इस युवक ने आरोपितों के वाट्सएप ग्रुप में चैटिंग की है। एसपी डा. ईरज राजा ने बताया दिल्ली पुलिस रामनगर निवासी अतुल को पूछताछ के लिए अपने साथ ले गई है। अभी उसका कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं है।

ललित के बैंक खातों की जांच के लिए कोलकाता पहुंची पुलिस

स्पेशल सेल की चार सदस्यीय टीम आरोपित ललित झा की पृष्ठभूमि की जांच के लिए मंगलवार को कोलकाता में दो बैंकों और बीएसएनएल मुख्यालय का दौरा किया। टीम ललित के दो बचत खातों का विवरण प्राप्त करने के लिए मध्य कोलकाता के गिरीश पार्क इलाके में एक राष्ट्रीयकृत बैंक और एक निजी बैंक में गई। झा के कब्जे से जब्त किए गए फोन में बीएसएनएल सिम कार्ड पाए जाने के बाद से टीम डलहौजी स्क्वायर स्थित टेलीफोन भवन भी गई। अधिकारी पता लगाना चाहते थे कि क्या उसने लोकसभा में घुसपैठ की घटना को अंजाम देने से पहले किन लोगों से संपर्क करने के लिए उस कार्ड का इस्तेमाल किया था।

सोमवार को दिल्ली पुलिस अधिकारियों ने मध्य कोलकाता के रवींद्र सारणी स्थित घर का दौरा किया, जहां झा शहर के पूर्वी बाहरी इलाके में स्थित बागुईआटी में एक अन्य किराए के घर में स्थानांतरित होने से पहले लगभग चार साल तक अपने माता-पिता और दो भाइयों के साथ किराए के मकान में रहता था। अधिकारियों ने मंगलवार को बागुईआटी घर का दौरा किया और स्थानीय पुलिस स्टेशन में कुछ पूछताछ भी की। झा के माता-पिता 10 दिसंबर को बंगाल छोड़कर बिहार के दरभंगा जिले में अपने पैतृक गांव चले गए जहां वे रह रहे हैं। उनके जाने के बाद झा दिल्ली के लिए रवाना हो गया। कोलकाता पुलिस की एसटीएफ ने दो छोटे संगठनों साम्यबादी सुभाष दल और रिजर्वेशन फ्री इंडिया की गतिविधियों की भी जांच शुरू कर दी है, जिससे झा का संबंध था।

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