बेटी शर्मिष्ठा से कहते थे प्रणब मुखर्जी, नरेन्द्र मोदी में है जनता की नब्ज समझने की अद्भुत क्षमता
नई दिल्ली, बीएनएम न्यूज। राहुल गांधी सहित अन्य कांग्रेसी नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कितनी भी व्यक्तिगत और राजनीतिक आलोचना करें, लेकिन कांग्रेस के सबसे बुद्धिमान, सक्षम और सम्मानित नेताओं में शामिल रहे पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न प्रणब मुखर्जी का दृष्टिकोण नरेन्द्र मोदी को लेकर बिल्कुल अलग था। वह न सिर्फ मोदी की शासन करने की कला से प्रभावित थे, बल्कि संघ कार्यकर्ता के रूप में उन्हें कट्टर देशभक्त और राष्ट्रवादी भी मानते थे। इससे न सिर्फ मोदी, बल्कि उस संघ के प्रति भी प्रणब की सोच इंगित होती है, जिस पर राहुल सदैव हमलावर रहते हैं।
कांग्रेस शासनकाल में कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभालने वाले और 2012 से लेकर 2017 तक राष्ट्रपति रहे प्रणब मुखर्जी के जीवन से जुड़े कई अनछुए राजनीतिक पहलू और विचार उनकी बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी की पुस्तक के पन्नों के साथ सामने आ रहे हैं।
पीएम मोदी की शासनकला से प्रभावित थे प्रणब
‘इन प्रणब, माई फादर: ए डाटर रिमेम्बर्स’ शीर्षक से लिखी इस पुस्तक में शर्मिष्ठा ने उल्लेख किया है कि बाबा (प्रणब) ने प्रधानमंत्री मोदी को लेकर उनसे अपने विचार साझा किए। वह मानते थे कि इंदिरा गांधी के बाद मोदी एकमात्र ऐसे पीएम हैं, जिनमें जनता की नब्ज जल्द और सटीक समझने की क्षमता है। पूर्व राष्ट्रपति ने 23 अक्टूबर, 2014 को अपनी डायरी में भी लिखा था कि सियाचिन में जवानों और श्रीनगर में बाढ़ प्रभावितों के साथ दीपावली मनाने का प्रधानमंत्री का निर्णय उनकी राजनीतिक समझ के बारे में बताता है। ऐसी राजनीतिक समझ इंदिरा के अलावा किसी अन्य प्रधानमंत्री में देखने को नहीं मिली थी।
मोदी को कट्टर देशभक्त- राष्ट्रवादी मानते थे प्रणब मुखर्जी
शर्मिष्ठा ने किताब में उल्लेख किया है कि उनके पिता ने अपनी डायरी में यह भी लिखा था कि पीएम मोदी के साथ उनकी कई बार अलग-अलग विषयों पर चर्चा हुई। मोदी उनके विचारों को काफी महत्व देते थे और प्रणब उन्हें हमेशा पूर्ण सहयोग के लिए आश्वस्त करते थे। प्रणब मानते थे कि मोदी के विचारों में बहुत स्पष्टता है और शासनकला को लेकर भी उनका दृष्टिकोण बिल्कुल पेशेवर है। वह खुद को ‘सर्वज्ञाता’ मानने की बजाय हमेशा कुछ सीखने के प्रयास में नजर आते हैं। इसके साथ ही प्रणब ने डायरी में स्पष्ट लिखा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्यकर्ता के रूप में नरेन्द्र मोदी कट्टर देशभक्त और राष्ट्रवादी हैं।
भारत रत्न मिलने पर नहीं आया था गांधी परिवार
कांग्रेस और गांधी परिवार के कुछेक रवैये से प्रणब मुखर्जी कितने निराश थे, इसका उल्लेख भी शर्मिष्ठा ने अपनी किताब में किया है। उन्होंने लिखा है कि 2019 में प्रणब मुखर्जी को मोदी सरकार ने भारत रत्न से सम्मानित किया। उस समारोह में गांधी परिवार के शामिल नहीं होने से सभी अचंभित थे। जब इस बारे में शर्मिष्ठा ने अपने पिता से चर्चा की तो उनका जवाब था कि इसमें कौन सी बड़ी बात है? उन्होंने (गांधी परिवार) पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के पार्थिव शरीर को कांग्रेस मुख्यालय में प्रवेश नहीं करने दिया था। उससे तो इसकी तुलना भी नहीं की जा सकती।
अध्यादेश फाड़ने पर राहुल से नाराज थे प्रणब, कहा था, ये होते कौन हैं
शर्मिष्ठा ने किताब में लिखा है कि प्रणब मुखर्जी 2013 में राहुल गांधी के अध्यादेश फाड़ने के कृत्य से तमतमा गए थे और बेहद आश्यर्चचकित थे। उन्होंने कहा था कि राहुल में राजनीतिक कौशल के बिना अपने गांधी-नेहरू वंश का सारा अहंकार है। मैंने ही उन्हें सबसे पहले प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान राहुल के अध्यादेश की प्रति फाड़ने की जानकारी दी थी। इसके बाद काफी समय बाद मैंने पिता को इतना गुस्से में देखा था। उनका चेहरा एकदम लाल था और उन्होंने चिल्लाकर कहा था कि ‘वह (राहुल) खुद को क्या समझते हैं? वह कैबिनेट के सदस्य नहीं हैं। कैबिनेट के फैसले को सार्वजनिक रूप से फाड़ने वाले वह कौन होते हैं? पीएम विदेश में हैं और क्या उन्हें इस बात का भी अहसास है कि उनके कदमों का असर पीएम और सरकार पर पड़ेगा? उन्हें पीएम को इस तरह अपमानित करने का कोई अधिकार नहीं है?’ बता दें कि उस अध्यादेश का उद्देश्य दोषी ठहराए गए सांसद/विधायक को तत्काल अयोग्य ठहराने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को दरकिनार करना था। किताब में कहा गया है कि प्रणब का कहना था कि शायद राहुल को राजनीति पसंद नहीं थी।