हरियाणा के राजस्व विभाग के 108 अधिकारियों को चार्जशीट करने की तैयारी, मंजूरी की फाइल सीएम के पास पहुंची

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी। फाइल
नरेंद्र सहारण, चंडीगढ़: हरियाणा के सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के 70 अधिकारियों को चार्जशीट करने की तैयारी के बीच अब राजस्व विभाग के 108 अधिकारियों को चार्जशीट करने की रूपरेखा तैयार कर ली गई है। इस बारे में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री विपुल गोयल के कार्यालय की ओर से इन अधिकारियों को चार्जशीट करने की मंजूरी के लिए फाइल मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के पास भिजवा दी गई है। सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को चार्जशीट करने की मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद अब राजस्व विभाग के इन अधिकारियों को चार्जशीट करने की मंजूरी मिलते भी देर नहीं लगेगी। राजस्व विभाग के इन अधिकतर अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। सरकार द्वारा कराई गई आंतरिक जांच में सभी की संपत्ति उनकी आय से अधिक पाई गई है।
भ्रष्ट अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई
राजस्व विभाग में कार्यरत जिन अधिकारियों को चार्जशीट किया जाएगा, उनमें तहसीलदार, नायब तहसीलदार, जिला राजस्व अधिकारी और रजिस्ट्री क्लर्क शामिल हैं। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डा. सुमिता मिश्रा ने पिछले दिनों संकेत दिया था कि 45 से अधिक तहसीलदारों व नायब तहसीलदारों के विरुद्ध सरकार कार्रवाई करेगी, लेकिन विभाग की आंतरिक जांच के बाद कार्रवाई के दायरे में आने वाले इन अधिकारियों की संख्या बढ़कर 108 हो गई है। राजस्व मंत्री विपुल गोयल ने अपने विभागों में भ्रष्ट अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने का आंतरिक अभियान चलाया हुआ है। कुछ माह पहले उनके विभाग के 307 भ्रष्ट पटवारियों और 404 दलालों की लिस्ट सार्वजनिक हुई थी।
सरकारी विभागों में हड़कंप
हरियाणा सरकार के किसी विभाग में भ्रष्ट पटवारियों व दलालों की यह पहली लिस्ट थी, जिसके बाद विभिन्न सरकारी विभागों में भ्रष्ट अधिकारियों व कर्मचारियों में हड़कंप मच गया था। इन भ्रष्ट पटवारियों ने पूरे राज्य में आंदोलन भी किया था। यह लिस्ट एंटी करप्शन ब्यूरो की रिपोर्ट के आधार पर तैयार हुई थी। बाद में सरकार ने कहा कि उन्हें नहीं मालूम कि यह लिस्ट कहां से आई और कैसे जारी हुई। सरकार ने आंदोलनकारियों के गुस्से को शांत करने के लिए ऐसा बयान तो दे दिया था, लेकिन आंतरिक रूप से भ्रष्ट पटवारियों व दलालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई चलती रही, जिसके बाद दूसरी कार्रवाई सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री श्रुति चौधरी के विभाग में हुई, जहां आठ अधीक्षक अभियंता, दो मुख्य अभियंता, 12 कार्यकारी अभियंता, 28 उपमंडल अधिकारी और 19 कनिष्ठ अभियंताओं को चार्जशीट किया जाने वाला है।
रजिस्ट्रियों में किया गया धारा सात-ए का उल्लंघन
सिंचाई विभाग के बाद दोबारा फिर राजस्व विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों के विरुद्ध सरकार ने चार्जशीट देने की तैयारी कर बाकी विभागों को कड़ा संदेश देने का काम किया है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री विपुल गोयल को जानकारी मिली कि धारा सात-ए को अनदेखा किया गया है। धारा सात-ए में प्रविधान है कि जिला नगर योजनाकार की एनओसी के बिना संबंधित भूमि की रजिस्ट्रियां नहीं होंगी, लेकिन उनसे कोई एनओसी नहीं ली गई। सरकार के सूत्रों के अनुसार जल्दी ही अन्य कई विभागों में भ्रष्टाचार के विरुद्ध ऐसी कड़ी कार्रवाई देखने को मिल सकती है।
कोरोना काल के दौरान रजिस्ट्री घोटाला
राजस्व विभाग के अधिकारियों के अनुसार यह भ्रष्टाचार जुलाई 2020 में कोरोना काल के दौरान हुआ था। तब सरकार ने विशेष जांच समिति गठित की थी। उस समय राजस्व मंत्री तत्कालीन डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला थे। तब की रिपोर्ट में 34 तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों के अलावा कानूनगो, लेखा परीक्षकों, रजिस्ट्री क्लर्कों और पटवारियों सहित 232 राजस्व अधिकारियों को भू-माफिया या रियल एस्टेट एजेंटों की सुविधा के लिए राजस्व रिकार्ड में हेराफेरी करने के लिए दोषी ठहराया गया था। फिर बाद में यह लिस्ट 50 अधिकारियों की संख्या तक रह गई, मगर फाइनल जांच के बाद इनकी संख्या 108 निकलकर आई है। चार्जशीट की संस्तुति पर सीएम द्वारा स्वीकृति प्रदान करने के बाद फाइल वापस राजस्व विभाग में आएगी। जिन अधिकारियों के सूची में नाम होंगे उन्हें चार्जशीट किया जाएगा।