राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रचेंगी इतिहास, सामन्य ट्रेन से करेंगी यात्रा, जानें-पूरा मामला
भुवनेश्वर, एजेंसी: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 21 नंवबर को मेल-एक्सप्रेस व लोकल सहित पांच ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगी। इसमें एक लोकल ट्रेन राष्ट्रपति के पैतृक गांव रायरंगपर व ससुराल बादामपहाड़ को जोड़ेगी। मुर्मु ओडिशा के दो दिवसीय दौरे पर रहेंगी। राष्ट्रपति न केवल पांच ट्रेनों का उद्घाटन करेंगी, बल्कि उनमें से एक में वह खुद यात्रा भी करेंगी। कोलकाता को जोड़ने वाली बादामपहाड़ शालीमार एक्सप्रेस के एसी-1 कोच में रायरंगपुर तक राष्ट्रपति लगभग 32 किलोमीटर की यात्रा करेंगी। इसके साथ ही भारतीय रेलवे के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब भारत के राष्ट्रपति स्पेशल प्रेसिडेंशियल ट्रेन की जगह सामान्य एसी कोच में सफर करेंगी। राष्ट्रपति के साथ विभिन्न स्कूलों के करीब 200 छात्र-छात्राएं भी होंगी।
बादामपहाड़ के लोगों का 90 साल पुराना सपना पूरा होगा, इसके साथ ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का भी सपना पूरा होगा। आदिवासी बहुल मयूरभंज जिले का बादामपहाड़ क्षेत्र राज्य के प्रमुख शहरों के साथ ही राज्य के बाहर के रेल से सीधे जुड़ जाएगा। यही कारण है कि बादामपहाड़ स्टेशन को पूरी तरह से सजा संवार दिया गया है और स्थानीय निवासी खुशी से गदगद हो गए हैं।
1932 में मयूरभंज राज्य में रेलवे शुरू किया गया था
1932 में, राजशाही के शासनकाल के दौरान, मयूरभंज राज्य में रेलवे शुरू किया गया था। बादामपहाड़ से टाटानगर तक नैरोगेज रेलवे ट्रैक बिछाया गया था। ट्रेन मयूरभंज के राजा द्वारा चलाई गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य बादामपहाड़ से टाटानगर और जमशेदपुर तक खनिजों का निर्यात करना था। बाद में राजशाही खत्म हुई। मयूरभंज राज्य को ओडिशा राज्य में मिला दिया गया। तब से, मयूरभंज को ओडिशा राज्य में एक जिले के रूप में मान्यता दी गई है।
आदिवासी बहुल जिले का विकास शुरू
आदिवासी बहुल इस जिले का विकास शुरू हुआ। बादामपहाड़-टाटानगर रेलवे लाइन को छोटी लाइन से बड़ी लाइन में बदल दिया गया। हर दिन सैकड़ों टन लौह अयस्क टाटानगर, पश्चिम बंगाल और पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ के अन्य हिस्सों में जाने लगा। हालांकि, क्षेत्र के लोगों के लिए कोई यात्री ट्रेन नहीं चल रही थी। बाद में स्थानीय लोगों की मांग के चलते पैसेंजर ट्रेन चलायी गई।
बादामपहाड़ रेलवे स्टेशन एक्सप्रेस ट्रेन से वंचित रहा
90 साल में बादामपहाड़ रेलवे स्टेशन एक्सप्रेस ट्रेन से वंचित रहा। राष्ट्रपति बनने से पहले द्रौपदी मुर्मु ने एक्सप्रेस ट्रेन से अपने क्षेत्र को राज्य और देश के अन्य व्यावसायिक केंद्रों से जोड़ने के लिए कई बार प्रयास किया था। 2000 से 2002 तक, जब वह राज्य के परिवहन मंत्री थी, उन्होंने कई प्रयास किए। लेकिन उनका सपना सच नहीं हुआ। अब जब द्रौपदी मुर्मु राष्ट्रपति बन गई हैं, तो यह सपना सच होने जा रहा है। यह एक्सप्रेस ट्रेन 21 नवम्बर को बादामपहाड़ से राउरकेला और कोलकाता के लिए चलेगी। यहां तक कि एक यात्री ट्रेन उनके ससुराल क्षेत्र बादामपहाड़ से जन्ममाटी रायरंगपुर होते हुए चलेगी। यहां सबसे खुशी की बात यह है कि इन सभी ट्रेनों को खुद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगी।
बादामपहाड़ क्षेत्रों का विकास काफी तेजी से हो रहा
स्थानीय निवासियों ने कहा है कि द्रौपदी मुर्मु के राष्ट्रपति बनने के बाद से रायरंगपुर और बादामपहाड़ क्षेत्रों का विकास काफी तेजी से हो रहा है। इस बीच, राष्ट्रपति की मयूरभंज की दो दिन की यात्रा के लिए व्यापक तैयारियां शुरू हो गई हैं। भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने आज एक विशेष हेलीकॉप्टर के साथ ट्रायल रन किया। भारतीय वायु सेना के पांच सदस्यीय दल ने बारीपदा में जिला प्रशासन के साथ विभिन्न विषयों पर चर्चा की है।