अमेरिका में हार्ट अटैक से हुई गांव मटोर के युवा संदीप की मौत, वर्क वीजा लगवाकर गया था अमेरिका

नरेन्द्र सहारण, कैथल। हरियाणा प्रदेश में बेरोजगारी का भयंकर आलम इस बात का सबूत है कि आज हरियाणा का युवा जमीन बेचकर विदेशों में जाने को मजबूर है। एजेंटो के चक्कर में फंसकर विदेशों में मौत का शिकार बन रहे हैं।
समस्त हरियाणा सहित कैथल में भी बेरोज़गारी के बढ़ते प्रकोप और काम के अवसरों के अभाव में हरियाणवी परिवारों को अपने युवा बच्चों को अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भेजने के लिए 20-40 लाख रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। आज अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप भारत के युवाओं को आतंकवादियों की तरह बेड़ियां व हथकड़ियां लगाकर वापिस भेज रहे हैं,
उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है और जो युवा बगैर डोंकी लगाकर या वर्क वीजा के आधार पर विदेश गए हुए हैं उनके साथ भी नाजायज तौर पर जुल्म व अत्याचार किए जा रहे हैं। देश की मोदी व हरियाणा की भाजपा सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही। आदित्य सुरजेवाला ने भाजपा सरकार से विनम्र निवेदन भी किया कि विदेशों में रोजगार की तलाश में गए युवाओं की सुरक्षा की जिम्मेवारी लें और उनकी हर संभव मदद भी करें।
हार्ट अटैक से मौत
आदित्य सुरजेवाला ने कहा कि कैथल जिले के गांव मटोर निवासी संदीप की भी यही कहानी है। हरियाणा में अपार बेरोजगारी के चलते संदीप भी अन्य लाखों युवाओं की तरह नौकरी के सिलसिले में अपनी पैतृक जमीन बेचकर व 40 लाख रूपये खर्च कर 2 साल पहले वर्क वीजा लेकर कैलिफ़ोर्निया, अमेरिका में गया हुआ था। बीते दिन संदीप की तबियत बिगड़ने के कारण उन्हें हार्ट अटैक से उसकी मौत हो गई। बेटे की मौत की खबर सुनकर परिवार में कोहराम मचा हुआ है। संदीप के परिवारजनों और दोस्तों ने कैथल के विधायक आदित्य सुरजेवाला और स्थानीय अधिकारियों से संपर्क किया है और सहायता की मांग की है क्योंकि उनकी आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है।
आदित्य सुरजेवाला ने एस जयशंकर को पत्र लिखा
आदित्य सुरजेवाला ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखते हुए आग्रह किया कि मैं 28 वर्षीय संदीप कुमार से संबंधित एक अत्यंत दुखद मामले में आपके तत्काल हस्तक्षेप और सहायता की मांग करने के लिए लिख रहा हूँ, जो हाल ही में काम की तलाश में संयुक्त राज्य अमेरिका के कैलिफ़ोर्निया में आकर बस गए थे। कैथल जिले के गांव मटोर में रहने वाले संदीप के शोकाकुल परिवार, उनके पार्थिव शरीर को भारत वापस लाने से जुड़ी भारी लागतों को वहन करने में आर्थिक रूप से असमर्थ हैं। चूंकि इस हृदय विदारक स्थिति ने उन्हें पूरी तरह से तबाह कर दिया है, इसलिए मैं आपसे विनम्रतापूर्वक मानवीय सहायता प्रदान करने और उनके प्रियजन को घर वापस लाने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने की अपील करता हूँ, ताकि परिवार को उनके नुकसान की इस घड़ी में वह सम्मान और सांत्वना मिल सके जिसका वह हकदार है। मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप इस मामले में हस्तक्षेप करें ताकि संदीप का पार्थिव शरीर वापस घर लाया जा सके।