अमेरिका दो दिन में 277 भारतीयों को करेगा डिपोर्ट, भगवंत मान ने विमान अमृतसर उतारने पर जताई आपत्ति

अमृतसर, बीएनएम न्यूज : पंजाब सरकार ने अमेरिका से डिपोर्ट किए जा रहे 277 भारतीयों को शनिवार और रविवार को फ्लाइट से अमृतसर लाने पर कड़ा एतराज जताया है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार से पूछा है कि अमेरिका से आ रहे जहाज को हिंडन, अहमदाबाद या फिर अंबाला में क्यों नहीं लैंड करवाया जा रहा। उन्होंने आरोप लगाया कि एक साजिश के तहत पंजाब व पंजाबियों को बदनाम करने के लिए ही ऐसा किया जा रहा है। गौरतलब है कि अमेरिका से शनिवार को 120 और रविवार को 157 भारतीयों को डिपोर्ट किया जा रहा है। इन सभी को विशेष विमान से अमृतसर के श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट लाने की योजना है। इसी पर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कड़ी आपत्ति जताई है।
अन्याय को बर्दाश्त नहीं करेंगे
शुक्रवार को चंडीगढ़ से अचानक अमृतसर पहुंचे मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अमेरिका से भारतीयों को डिपोर्ट कर अमृतसर लाए जाने की सूचनाओं के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए इस पर एतराज जताया। उन्होंने केंद्र से पूछा है कि इन फ्लाइट्स को अमृतसर उतारने का क्या क्राइटेरिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि केंद्र से जवाब आने से पहले अगर कोई फ्लाइट अमृतसर पहुंचती है तो वह उसे रिसीव करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार पंजाबियों को बिल्कुल भी पसंद नहीं करती है, यही कारण है कि अब अमृतसर जोकि एक पवित्र शहर है उसे डिपोर्टेशन सेंटर बनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री मान ने कहा कि उनकी सरकार पंजाबियों के साथ किसी भी तरह के अन्याय को बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पंजाबियों को बेवजह परेशान कर रही है। उन्होंने कहा कि पंजाबियों ने देश के लिए बहुत कुछ किया है और वे हमेशा देश के साथ खड़े रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को पंजाबियों के साथ सम्मान से पेश आना चाहिए।
भारतीयों को हर संभव मदद
मुख्यमंत्री मान ने यह भी कहा कि उनकी सरकार अमेरिका से डिपोर्ट किए जा रहे भारतीयों को हर संभव मदद करेगी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इन लोगों को फिर से अपने पैरों पर खड़ा होने में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इन लोगों को रोजगार और आवास प्रदान करेगी।
अमेरिका से शनिवार को 120 और भारतीयों को डिपोर्ट किया जा रहा है। इनके शनिवार देर रात अमृतसर के श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर पहुंचने की संभावना है। इस बार डिपोर्ट होकर भारत आने वाले 120 भारतीयों में छह से 46 वर्ष के लोग शामिल हैं। इनमें 67 पंजाबी, 33 हरियाणा, आठ गुजरात, तीन उत्तर प्रदेश, दो महाराष्ट्र, दो राजस्थान, दो गोवा, दो हिमाचल और एक जम्मू-कश्मीर से है। इसी तरह रविवार को भी अमेरिका 157 भारतीय को डिपोर्ट करेगा इनमें चार से 50 वर्ष के लोग शामिल हैं। इन सभी को भी फ्लाइट से अमृतसर लाने की योजना है।
बता दें कि इससे पहले पांच फरवरी को अमेरिका का सैन्य विमान डिपोर्ट किए गए 104 भारतीयों को लेकर अमृतसर पहुंचा था। इन डिपोर्ट हुए लोगों में 30 पंजाब से थे। डिपोर्ट हुए लोगों को हथकड़ी, पैरों और कमर में जंजीर से बांधकर लाने पर देश में इसकी कड़ी आलोचना हुई थी। यह मामला विपक्ष की ओर से संसद में भी उठा था।
अमृतसर को डिपोर्टेशन सेंटर बनाने का विरोध
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार पर अमृतसर को डिपोर्टेशन सेंटर बनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि अमृतसर एक पवित्र शहर है और इसे डिपोर्टेशन सेंटर नहीं बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पंजाबियों को बदनाम करने की साजिश रच रही है।
मुख्यमंत्री मान ने कहा कि उनकी सरकार अमृतसर को डिपोर्टेशन सेंटर बनाने के किसी भी प्रयास का विरोध करेगी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार पंजाबियों के सम्मान की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेगी।
विपक्ष का समर्थन
मुख्यमंत्री भगवंत मान को विपक्ष का भी समर्थन मिला है। विपक्षी दलों ने भी केंद्र सरकार पर पंजाबियों को बदनाम करने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। विपक्षी दलों ने कहा कि केंद्र सरकार को पंजाबियों के साथ सम्मान से पेश आना चाहिए।
विपक्षी दलों ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार को अमेरिका से डिपोर्ट किए जा रहे भारतीयों को अमृतसर लाने की योजना को रद्द कर देना चाहिए। विपक्षी दलों ने कहा कि केंद्र सरकार को इन लोगों को देश के अन्य हिस्सों में ले जाना चाहिए।
अमेरिका से डिपोर्ट किए जा रहे भारतीयों की स्थिति
अमेरिका से डिपोर्ट किए जा रहे भारतीयों की स्थिति दयनीय है। इन लोगों को अमेरिका में कोई काम नहीं मिल रहा है और वे गरीबी और बेघर होने की स्थिति में हैं। इन लोगों को भारत वापस आने पर भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
इन लोगों को भारत में रोजगार और आवास की तलाश करनी होगी। इन लोगों को अपने परिवारों और समुदायों के साथ फिर से जुड़ना होगा। इन लोगों को अपने जीवन को फिर से शुरू करना होगा।
पंजाब सरकार ने अमेरिका से डिपोर्ट किए जा रहे भारतीयों को हर संभव मदद करने का वादा किया है। पंजाब सरकार इन लोगों को रोजगार और आवास प्रदान करेगी। पंजाब सरकार इन लोगों को अपने परिवारों और समुदायों के साथ फिर से जुड़ने में मदद करेगी।
आगे की राह
अमेरिका से डिपोर्ट किए जा रहे भारतीयों की समस्या एक जटिल समस्या है। इस समस्या का समाधान करने के लिए केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और गैर-सरकारी संगठनों को मिलकर काम करना होगा। केंद्र सरकार को अमेरिका सरकार के साथ बातचीत करनी चाहिए ताकि अमेरिका से डिपोर्ट किए जा रहे भारतीयों की संख्या को कम किया जा सके। राज्य सरकारों को अमेरिका से डिपोर्ट किए जा रहे भारतीयों को रोजगार और आवास प्रदान करना चाहिए। गैर-सरकारी संगठनों को अमेरिका से डिपोर्ट किए जा रहे भारतीयों को भावनात्मक और सामाजिक समर्थन प्रदान करना चाहिए।
अमेरिका से डिपोर्ट किए जा रहे भारतीयों की समस्या का समाधान करने के लिए हमें धैर्य और सहानुभूति की आवश्यकता है। हमें इन लोगों को फिर से अपने पैरों पर खड़ा होने में मदद करनी चाहिए। हमें इन लोगों को अपने जीवन को फिर से शुरू करने में मदद करनी चाहिए।
भारतीयों को अमृतसर लाने पर कड़ा विरोध
पंजाब सरकार का अमेरिका से डिपोर्ट किए जा रहे भारतीयों को अमृतसर लाने पर कड़ा विरोध उचित है। केंद्र सरकार को पंजाबियों को बदनाम करने की साजिश रचना बंद कर देनी चाहिए। केंद्र सरकार को पंजाबियों के साथ सम्मान से पेश आना चाहिए।
पंजाब सरकार को अमेरिका से डिपोर्ट किए जा रहे भारतीयों को हर संभव मदद करनी चाहिए। पंजाब सरकार को इन लोगों को रोजगार और आवास प्रदान करना चाहिए। पंजाब सरकार को इन लोगों को अपने परिवारों और समुदायों के साथ फिर से जुड़ने में मदद करनी चाहिए।
अमेरिका से डिपोर्ट किए जा रहे भारतीयों की समस्या का समाधान करने के लिए हमें मिलकर काम करना होगा। हमें इन लोगों को फिर से अपने पैरों पर खड़ा होने में मदद करनी चाहिए। हमें इन लोगों को अपने जीवन को फिर से शुरू करने में मदद करनी चाहिए।
यह खबर दर्शाती है कि कैसे राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच मानवीय पहलू को अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए। सरकार और समाज दोनों को मिलकर इन मुश्किल हालातों में फंसे लोगों की मदद के लिए आगे आना चाहिए, ताकि वे सम्मानजनक जीवन जी सकें।