देहरादून, BNM News: Uttarkashi Tunnel Collapse Update: उत्तराखंड के उत्तरकाशी टनल में 41 जिंदगियों को बचाने की कोशिश अब आखिरी फेज में है। हालांकि, गुरुवार सुबह खबर आई कि टनल में खुदाई कर रही अमेरिकी ऑगर मशीन में खराबी आ गई है। इससे बचाव कार्य रुक गया है। इसे ठीक करने के लिए दिल्ली से हेलिकॉप्टर से 7 एक्सपर्ट बुलाए गए हैं। सिलक्यारा सुरंग में फंसे से श्रमिकों को 12 दिन हो गए हैं। श्रमिकों को निकालने के रेस्क्यू अभियान में बुधवार देर रात खराब हुई ड्रिल मशीन को ठीक करने दिल्ली से तकनीशियन की टीम सिलक्यारा पहुंच गई है। टीम मशीन के पार्ट्स लेकर देर रात देहरादून पहुंची थी, जिसके बाद गुरुवार सुबह हेलीकॉप्टर के माध्यम से टीम को सिलक्यारा पहुंचाया गया। इसके आब रेस्क्यू अभियान फिर से तेजी पकड़ सकता है। हेलीकॉप्टर से जो दो मशीन और टेक्नीशियन की टीम सिलक्यारा पहुंचाई गई है, उन्हें सुरंग के अंदर भेजा जा चुका है।
आज शाम तक पूरा हो जाएगा ऑपरेशन सिलक्यारा
एनडीआरएफ के डीजी अतुल करवाल ने बताया कि आखिरी पाइप को वेल्ड किया जा रहा है। अगर कोई बाधा न आई तो शाम तक ऑपरेशन सिलक्यारा पूरा हो जाएगा। पाइप पार होने के बाद पहले उनके जवान उसका निरीक्षण करेंगे। इसके बाद पहियों वाले स्ट्रेचर से मजदूरों को बाहर निकाला जाएगा। पीएमओ के पूर्व सलाहकार और उत्तराखंड सरकार में ओएसडी भास्कर खुलबे ने बताया कि हम 12-14 घंटे में मजदूरों तक पहुंचेंगे। फिर उन्हें NDRF की सहायता से बाहर लाने के लिए 2 से 3 घंटे लगेंगे। खुलबे ने ये भी बताया कि अभी 18 मीटर की खुदाई बची हुई है। 6-6 मीटर के 3 पाइप अभी भी डाले जाने बाकी है। एक पाइप डालने में करीब 4 घंटे का समय लगेगा। 18 मीटर की खुदाई के बाद ही रेस्क्यू का काम शुरू होगा। पहले 900 मिमी के 4 पाइप डाले गये थे। बाकी 800 मिमी के पाइप डाले गए।
खुलबे के मुताबिक, 45 मीटर का रास्ता क्लियर है। NDRF की टीम 45 मीटर तक अंदर जा चुकी है। इसका मतलब साफ है कि पैसेज क्लियर है। कल (22 नवंबर) की शाम आखिरी पाइप डालते समय वेल्डिंग की गैस ज्यादा निकल रही थी। ये गैस मजदूरों तक पहुंच रही थी। जब इसकी जानकारी मिली तो काम तुरंत रोक दिया गया। पॉजिटिव बात ये है कि अगर मजदूरों तक धुआं पहुंच रहा है, मतलब हम लक्ष्य के पास हैं।
पीएम मोदी ने सीएम धामी से फिर लिया रेस्क्यू ऑपरेशन का अपडेट
सीएम धामी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने आज फोन कर सिलक्यारा, उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल में फंसे श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने के लिए चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली। उन्होंने केंद्रीय एजेंसियों, अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों एवं प्रदेश प्रशासन के समन्वय से युद्ध स्तर पर संचालित राहत एवं बचाव कार्यों में हो रही प्रगति से पीएम मोदी को अवगत कराया। बताया कि प्रधानमंत्री को मौक़े पर श्रमिकों के उपचार व देखभाल के लिए चिकित्सकों की टीम, एम्बुलेंस, हेली सेवा एवं अस्थायी हॉस्पिटल की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने एवं किसी भी इमरजेंसी की स्थिति में एम्स ऋषिकेश में चिकित्सकों को तैयार रहने के निर्देश दिए जाने की जानकारी भी दी।
सीएम धामी और मंत्री वीके सिंह ने लिया सुरंग के भीतर जायजा
केंद्रीय मंत्री वीके सिंह के बाद अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी उत्तरकाशी पहुंचे। दोनों ही सुरंग के भीतर जायजा लेकर बाहर लौट आए हैं। वहीं पीएमओ के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे का बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने बताया कि अभी रेस्क्यू ऑपरेशन में 12 से 14 घंटे का समय लग सकता है। जबकि दूसरी तरफ अन्य सूत्रों के हवाले से इससे पहले ही कभी भी अच्छी खबर मिल सकती है।
6-6 मीटर के 2 पाइप अभी भी डाले जाने बाकी
12 मीटर की खुदाई अभी भी बची हुई है। 6-6 मीटर के 2 पाइप अभी भी डाले जाने बाकी है। 12 मीटर की खुदाई के बाद ही रेस्क्यू का काम शुरू होगा। पहले 900 मिमी के 4 पाइप डाले गये थे। बाकी 800 मिमी के पाइप डाले गए। रात में जब 10 मीटर की ड्रिलिंग बची थी, तब आगर मशीन के सामने सरिया आ गया था। NDRF की टीम ने रात में सरिया को काटकर अलग कर दिया। रेस्क्यू ऑपरेशन टीम के सदस्यों में से एक गिरीश सिंह रावत ने बताया, ‘रेस्क्यू ऑपरेशन लगभग आखिरी चरण में है, उम्मीद है 1-2 घंटे में मजदूर बाहर आ जाएंगे।’
ऑगर मशीन को ठीक करने के लिए आए एक्सपर्ट
दिल्ली से ऑगर मशीन को ठीक करने के लिए एक्सपर्ट बुलाए गए। दरअसल, रात को 30 मिलीमीटर का सरिया ऑगर मशीन के रास्ते में आ गया था। इस कारण दिक्कत आई थी। एक्सपर्ट का ओपिनियन लेने के लिए हेलिकॉप्टर से टेक्निशियन बुलाए गए हैं। साथ ही, ऑगर मशीन में आई खराबी को दूर करने के लिए उपकरण को लाया गया है। ऑगर ड्रिल मशीन में आई खराबी के कारण कुछ समय के लिए पाइप डालने का कार्य किया जा रहा है। ऑगर मशीन में आई खराबी को दूर करने की कोशिश शुरू कर दी गई है। इसके लिए जरूरी मशीन को एयरलिफ्ट कर सिलक्यारा मंगाया गया है। इसे सुरंग के भीतर ले जाया गया है। दो हेलिकॉप्टर से मशीनों को सिलक्यारा पहुंचाने की तैयारी की गई है। एक हेलिकॉप्टर से मशीन आने के बाद आगे की कार्रवाई शुरू की जा रही है। ऑगर मशीन ठीक होने के बाद आखिरी पाइप को पुश करने का कार्य शुरू किया जाएगा।
दसवें पाइप का अगला हिस्सा मुड़ा, काटने में जुटी टीम
मजदूरों तक पहुंचने के लिए 800 मिलीमीटर व्यास के पाइप को ड्रिल कर पहुंचाया जा रहा है। इस कार्य में बाधा आई है। मोटा सरिया आने के कारण ऑगर मशीन में खराबी आई। साथ ही, ड्रिल की जा रही पाइप के आगे का हिस्सा भी मुड़ गया। इस दसवीं पाइप के आगे के हिस्से को काटने का कार्य किया जा रहा है।
टनल से कैसे निकाले जाएंगे मजदूर, निकलने के बाद क्या होगा?
मजदूरों को कमजोरी महसूस होने पर NDRF की टीम उन्हें पाइपलाइन में स्केट्स लगी टेंपररी ट्रॉली के जरिए बाहर खींचकर निकालेगी। इसके बाद 41 मजदूरों को एंबुलेंस में चिल्यानीसौड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया जाएगा। यहां 41 बेड का हॉस्पिटल रेडी है। चिल्यानीसौड़ पहुंचने में करीब 1 घंटा लगेगा, जिसके लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है। जरूरत पड़ी तो मजदूरों को एयरलिफ्ट कर ऋषिकेश एम्स ले जाया जाएगा। उत्तरकाशी के मानसिक स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर अभिषेक शर्मा ने बताया कि 12 दिन से सुरंग में फंसे होने से सभी मजदूर साइको सोमेटिक ट्रामा से गुजर रहे होंगे। उनकी मेंटल हेल्थ पर बुरा असर पड़ सकता है। इसलिए सभी मजदूरों की एक-एक करके काउंसलिंग की जाएगी।
40 एंबुलेंस, गैस मास्क, स्ट्रेचर, 15 डॉक्टरों की टीम, हेलिकॉप्टर की तैनाती
सिल्क्यारा सुरंग स्थल पर ‘ऑक्सीजन सिलेंडर, मास्क, स्ट्रेचर से लेकर बीपी उपकरण तक सभी चिकित्सा सहायता मशीनें मौजूद हैं। NDRF के बचाव कर्मी गैस मास्क और स्ट्रेचर लेकर के अंदर जा रहे हैं। हाथों में कई तरह के इक्विपमेंट है जिसमें कटर भी शामिल है। पाइप जैसे ही मलबा पार करेगी सबसे पहले एनडीआरएफ कर्मी पाइप में से घुसकर मजदूरों की तरफ जाएंगे। 12 एंबुलेंस यहां स्टैंडबाई पर रखी गई हैं। एम्बुलेंस स्टाफ सदस्य हरीश प्रसाद ने कहा कि सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। हमारी 40 एंबुलेंस यहां तैनात रहेंगी जिन्हें देहरादून, हरिद्वार और टिहरी यहां भेजा जा रहा है। सुरंग के बाहर चेस्ट स्पेशलिस्ट सहित 15 डॉक्टरों की एक टीम को सुरंग के बाहर तैनात किया गया है।