कैथल में गेहूं-चावल के आरोपी दबोचे: 30 बोरी गेहूं और 9 बोरी चावल बरामद, वारदात में इस्तेमाल बाइक जब्त

पुलिस द्वारा पकड़े गए आरोपी

नरेन्‍द्र सहारण, कैथल: Kaithal News: हरियाणा के कैथल जिले में हाल के दिनों में बढ़ती चोरी की घटनाओं ने आम नागरिकों और व्यापारियों के बीच चिंता का माहौल पैदा कर दिया था। इन आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने और दोषियों को न्याय के कटघरे में खड़ा करने के लिए कैथल पुलिस पूरी मुस्तैदी से कार्यरत थी। इसी क्रम में, पुलिस को एक महत्वपूर्ण सफलता हाथ लगी है जब उन्होंने एक संगठित चोर गिरोह के दो और सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार किया। पकड़े गए आरोपियों की पहचान साहिल उर्फ हेडली, निवासी रामनगर कैथल और कमलदीप उर्फ कालिया, निवासी राजीव नगर कैथल के रूप में हुई है। इन शातिर चोरों ने न केवल कैथल में गेहूं और चावल की बोरियां चोरी करने की वारदातों को अंजाम दिया था, बल्कि कुरुक्षेत्र जिले से एक स्कूटी भी चुराई थी। पुलिस ने इनके कब्जे से भारी मात्रा में चोरी का माल, जिसमें 30 बोरी गेहूं, 9 बोरी चावल और कुरुक्षेत्र से चोरी की गई स्कूटी शामिल है बरामद किया है। इस गिरफ्तारी को जिले में सक्रिय चोर गिरोहों के खिलाफ पुलिस की एक बड़ी कामयाबी के रूप में देखा जा रहा है, खासकर इसलिए क्योंकि इस मामले में पहले भी चार आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जो इस गिरोह के संगठित स्वरूप की ओर इशारा करता है।

ट्रांसपोर्ट नगर से 70 बोरी गेहूं की सनसनीखेज चोरी

 

इस पूरे मामले की जांच का सिरा एक बड़ी चोरी की वारदात से जुड़ा, जिसने कैथल शहर के व्यापारिक समुदाय में हड़कंप मचा दिया था। दिनांक 23 अप्रैल, 2025 की रात लगभग 2 बजे, जब पूरा शहर गहरी नींद में सो रहा था, अज्ञात चोरों ने ट्रांसपोर्ट नगर कैथल के सामने स्थित एक प्लॉट को अपना निशाना बनाया। मॉडल टाउन कैथल निवासी श्री लोकेश गोयल ने इस संबंध में सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराई। अपनी शिकायत में उन्होंने बताया कि चोरों ने उनके प्लॉट, जो ट्रांसपोर्ट नगर के ठीक सामने स्थित है के बाहर अपनी गाड़ी खड़ी की और अत्यंत शातिराना अंदाज में वहां रखी गेहूं की लगभग 70 बोरियां चोरी कर ले गए।

रात के घने अंधेरे का फायदा उठाते हुए चोरों ने इस वारदात को इतनी सफाई से अंजाम दिया कि किसी को कानोंकान खबर नहीं हुई। सुबह जब श्री गोयल या उनके कर्मचारियों ने प्लॉट का जायजा लिया, तो वहां से गेहूं की बोरियां गायब पाकर उनके होश उड़ गए। 70 बोरी गेहूं की चोरी एक बड़ी आर्थिक क्षति थी, खासकर एक व्यापारी के लिए। इस घटना ने न केवल श्री गोयल को बल्कि ट्रांसपोर्ट नगर और आसपास के अन्य व्यापारियों को भी अपनी संपत्ति और माल की सुरक्षा को लेकर चिंतित कर दिया। सूचना मिलते ही सिविल लाइन थाना पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए अज्ञात चोरों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया और घटना की गहन जांच शुरू कर दी। चोरी की यह दुस्साहसिक वारदात पुलिस के लिए एक चुनौती बन गई थी, और इसे सुलझाने के लिए विशेष प्रयास किए जाने लगे।

पुलिस की जांच और एंटी व्हीकल थेफ्ट स्टाफ की कुशल भूमिका

 

लोकेश गोयल की शिकायत पर सिविल लाइन थाने में मामला दर्ज होने के उपरांत कैथल पुलिस ने इस सनसनीखेज चोरी की गुत्थी सुलझाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी। मामले की गंभीरता और इसमें एक संगठित गिरोह के शामिल होने की आशंका को देखते हुए, जांच का जिम्मा शीघ्र ही कैथल पुलिस के विशेष रूप से गठित “एंटी व्हीकल थेफ्ट स्टाफ” को सौंपा गया। यह दस्ता वाहन चोरी और संपत्ति संबंधी अपराधों को सुलझाने में अपनी विशेषज्ञता के लिए जाना जाता है।

एंटी व्हीकल थेफ्ट स्टाफ ने जांच शुरू करते ही सबसे पहले घटनास्थल और उसके आसपास के क्षेत्रों का बारीकी से निरीक्षण किया। ट्रांसपोर्ट नगर जैसे व्यावसायिक क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगालना उनकी प्राथमिकता थी। पुलिस टीमों ने घंटों की फुटेज का विश्लेषण किया ताकि वारदात के समय घटनास्थल के आसपास किसी संदिग्ध वाहन या व्यक्तियों की आवाजाही का पता चल सके। इसके साथ ही, पुलिस ने अपने मुखबिर तंत्र को भी सक्रिय कर दिया। पुराने अपराधियों, जेल से छूटे चोरों और कबाड़ियों पर भी नजर रखी जाने लगी, क्योंकि अक्सर चोरी का माल इन्हीं माध्यमों से खपाया जाता है।

जांच के दौरान पुलिस ने उस रात ट्रांसपोर्ट नगर और उससे जुड़े मुख्य मार्गों पर सक्रिय मोबाइल फोन टावरों का डंप डेटा भी निकलवाया हो सकता है, ताकि संदिग्ध नंबरों की पहचान की जा सके। चोरी में इस्तेमाल किए गए वाहन के बारे में भी जानकारी जुटाने का प्रयास किया गया – क्या वह कोई छोटा हाथी जैसा मालवाहक वाहन था या कोई अन्य गाड़ी। इन सभी तकनीकी और पारंपरिक जांच पद्धतियों का समन्वय करते हुए, एंटी व्हीकल थेफ्ट स्टाफ धीरे-धीरे अपराधियों के करीब पहुंचने लगा। विभिन्न सुरागों को जोड़ते हुए और मुखबिरों से मिली अहम जानकारी के आधार पर, पुलिस ने अंततः रामनगर कैथल निवासी साहिल उर्फ हेडली और राजीव नगर कैथल निवासी कमलदीप उर्फ कालिया को संदिग्धों के रूप में चिन्हित किया। पुख्ता सबूत हाथ लगने के बाद, पुलिस टीम ने योजनाबद्ध तरीके से दोनों आरोपियों को धर दबोचा।

आरोपियों की पहचान

 

गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों साहिल उर्फ हेडली (निवासी रामनगर, कैथल) और कमलदीप उर्फ कालिया (निवासी राजीव नगर, कैथल) से जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ शुरू की, तो उनकी आपराधिक कुंडली परत दर परत खुलने लगी। इनके उपनाम “हेडली” और “कालिया” अक्सर आपराधिक दुनिया में अपनी पहचान बनाने या पुलिस को गुमराह करने के लिए रखे जाते हैं, जो इनके शातिर दिमाग की ओर इशारा करते हैं। प्रारंभिक जांच और पुलिस रिकॉर्ड खंगालने पर यह बात भी सामने आ सकती है कि ये दोनों पहली बार अपराध की दुनिया में कदम नहीं रख रहे थे, बल्कि इनका पुराना आपराधिक इतिहास भी हो सकता है।

पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या ये दोनों किसी बड़े और अधिक संगठित अंतर-राज्यीय गिरोह का हिस्सा हैं। तथ्य यह है कि इस मामले में पहले ही चार आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, और अब इन दो की गिरफ्तारी हुई है, यह स्पष्ट करता है कि यह कोई अकेला या छोटा-मोटा चोर गिरोह नहीं था, बल्कि एक सुनियोजित तरीके से काम करने वाला समूह था जिसके सदस्य आपस में मिलकर विभिन्न प्रकार की चोरियों को अंजाम देते थे। पुलिस उनके अन्य साथियों, जो अभी भी फरार हो सकते हैं, के बारे में भी जानकारी जुटाने का प्रयास कर रही है। इन गिरफ्तारियों से यह भी उम्मीद है कि कैथल और आसपास के क्षेत्रों में हुई कुछ अन्य अनसुलझी चोरियों के मामलों में भी सुराग मिल सकेंगे। साहिल और कमलदीप की गिरफ्तारी इस गिरोह की कमर तोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

पूछताछ में हुए चौंकाने वाले खुलासे

एंटी व्हीकल थेफ्ट स्टाफ द्वारा गिरफ्तार किए गए साहिल उर्फ हेडली और कमलदीप उर्फ कालिया ने जब पुलिसिया पूछताछ का सामना किया, तो वे ज्यादा देर तक अपने अपराधों पर पर्दा नहीं डाल सके। एक के बाद एक, उन्होंने कई संगीन वारदातों को अंजाम देने की बात कबूल कर ली, जिससे उनके आपराधिक कारनामों की व्यापकता का पता चला।

सबसे पहले उन्होंने 23 अप्रैल की रात ट्रांसपोर्ट नगर से 70 बोरी गेहूं चोरी करने की मुख्य वारदात में अपनी संलिप्तता स्वीकार की। इसके अतिरिक्त, उन्होंने खुलासा किया कि 12 और 13 अप्रैल, 2025 की दरम्यानी रात को उन्होंने अपने कुछ अन्य साथियों के साथ मिलकर कैलरम स्थित एक चावल शैलर (चावल मिल) को भी निशाना बनाया था। वहां से उन्होंने चावल की कई बोरियां चोरी की थीं। यह वारदात दर्शाती है कि गिरोह केवल खुले में रखे माल को ही नहीं, बल्कि सुरक्षित माने जाने वाले व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में सेंधमारी करने में भी माहिर था। शैलर से चावल चोरी करने के लिए उन्होंने पूरी योजना बनाई होगी, जिसमें रेकी करना, सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेना और फिर रात के अंधेरे में धावा बोलना शामिल हो सकता है। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि शैलर से कुल कितनी चावल की बोरियां चोरी हुई थीं और इस वारदात में इनके कौन-कौन से अन्य साथी शामिल थे।

यही नहीं इन दोनों ने कुरुक्षेत्र जिले से एक स्कूटी चोरी करने की वारदात को भी कबूल किया। यह खुलासा इनके अपराध के अंतर-जिला नेटवर्क को भी उजागर करता है। पुलिस यह जांच कर रही है कि कुरुक्षेत्र में यह स्कूटी कब और किस स्थान से चोरी की गई थी और क्या इस स्कूटी का इस्तेमाल कैथल में गेहूं चोरी या अन्य आपराधिक वारदातों को अंजाम देने के लिए किया गया था। अक्सर चोर गिरोह एक जिले से वाहन चोरी कर दूसरे जिले में अपराध करते हैं ताकि पकड़े जाने से बचा जा सके। इन दोनों के पास से “वारदात में प्रयुक्त बाइक” की बरामदगी भी एक अहम सबूत है। यह बाइक संभवतः रेकी करने या चोरी के माल को ठिकाने लगाने में सहायक के तौर पर इस्तेमाल की जाती होगी। इन सभी कबूलनामों से यह स्पष्ट हो गया है कि यह गिरोह न केवल कैथल बल्कि आसपास के जिलों में भी सक्रिय था और विभिन्न प्रकार की चोरियों में लिप्त था।

30 बोरी गेहूं, 9 बोरी चावल और स्कूटी जब्त

 

आरोपियों साहिल उर्फ हेडली और कमलदीप उर्फ कालिया की निशानदेही पर पुलिस ने चोरी किए गए माल की एक महत्वपूर्ण खेप बरामद करने में सफलता हासिल की है। पुलिस प्रवक्ता ने इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि आरोपियों के कब्जे से श्री लोकेश गोयल के प्लॉट से चोरी हुई 70 बोरियों में से 30 बोरी गेहूं बरामद कर लिया गया है। इसके अतिरिक्त, कैलरम स्थित चावल शैलर से चोरी किए गए चावल के कट्टों में से 9 कट्टे चावल भी पुलिस ने जब्त किए हैं। कुरुक्षेत्र से चोरी की गई स्कूटी भी इन आरोपियों के पास से बरामद हो गई है, जो अंतर-जिला वाहन चोरी के एक मामले को सुलझाने में महत्वपूर्ण कड़ी है। साथ ही, वह मोटरसाइकिल भी बरामद की गई है जिसका इस्तेमाल ये आरोपी विभिन्न आपराधिक वारदातों को अंजाम देने के लिए करते थे।

यह बरामदगी पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता है क्योंकि यह न केवल मामले में आरोपियों के खिलाफ ठोस सबूत प्रस्तुत करती है, बल्कि पीड़ितों को उनकी चोरी हुई संपत्ति का कुछ हिस्सा वापस दिलाने में भी मदद करती है। पुलिस अब शेष 40 बोरी गेहूं और चावल शैलर से चोरी हुए अन्य चावल के कट्टों की बरामदगी के लिए भी प्रयास कर रही है। इसके लिए गिरफ्तार आरोपियों से और गहन पूछताछ की जा सकती है तथा उनके अन्य ठिकानों पर भी दबिश दी जा सकती है।

पुलिस प्रवक्ता ने यह भी बताया कि उपरोक्त मामले में, यानी गेहूं चोरी और इससे जुड़े अन्य अपराधों में, चार आरोपी पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके थे। अब साहिल और कमलदीप की गिरफ्तारी के बाद इस गिरोह के कुल छह सदस्य सलाखों के पीछे पहुंच चुके हैं। यह दर्शाता है कि पुलिस इस संगठित गिरोह की तह तक पहुंचने में काफी हद तक कामयाब रही है। हालांकि, जांच अभी भी जारी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि गिरोह का कोई भी सदस्य कानून की पकड़ से बाहर न रह पाए।

न्यायिक प्रक्रिया और आगे की कार्रवाई

 

गिरफ्तारी और प्रारंभिक पूछताछ के बाद, दोनों आरोपियों साहिल उर्फ हेडली और कमलदीप उर्फ कालिया को स्थानीय अदालत में पेश किया गया। अदालत ने मामले की गंभीरता और पुलिस जांच की आवश्यकता को देखते हुए दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। न्यायिक हिरासत का अर्थ है कि आरोपी अब जेल में रहेंगे और पुलिस आवश्यकतानुसार अदालत की अनुमति से उनसे पूछताछ कर सकेगी या जांच संबंधी अन्य प्रक्रियाएं पूरी कर सकेगी।

पुलिस की जांच अभी समाप्त नहीं हुई है। अब उनका मुख्य ध्यान निम्नलिखित बिंदुओं पर केंद्रित होगा:

शेष माल की बरामदगी: ट्रांसपोर्ट नगर से चोरी हुई शेष 40 बोरी गेहूं और कैलरम शैलर से चोरी हुए अन्य चावल के कट्टों को बरामद करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।
फरार साथियों की गिरफ्तारी: यदि पूछताछ में गिरोह के किसी अन्य सदस्य का नाम सामने आता है जो अभी भी फरार है, तो उसकी गिरफ्तारी के लिए विशेष टीमें गठित की जा सकती हैं।
सबूतों को मजबूत करना: आरोपियों के खिलाफ अदालत में एक मजबूत और अकाट्य मामला पेश करने के लिए सभी आवश्यक फॉरेंसिक और परिस्थितिजन्य साक्ष्य जुटाए जाएंगे।
अन्य मामलों की जांच: पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश करेगी कि क्या यह गिरोह कैथल या पड़ोसी जिलों में हुई किसी अन्य अनसुलझी चोरी की वारदातों में भी शामिल था। इसके लिए उनके अपराध करने के तरीके का मिलान अन्य मामलों से किया जाएगा।

पुलिस प्रवक्ता के अनुसार, विभाग इस मामले को अत्यंत गंभीरता से ले रहा है और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि सभी दोषियों को उनके किए की सजा मिले। इस प्रकार की संगठित आपराधिक गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए पुलिस द्वारा निरंतर अभियान चलाए जा रहे हैं।

अपराध नियंत्रण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम

 

कैथल पुलिस द्वारा गेहूं, चावल और स्कूटी चोरी के मामलों में साहिल उर्फ हेडली और कमलदीप उर्फ कालिया सहित गिरोह के कुल छह सदस्यों की गिरफ्तारी, जिले में अपराध नियंत्रण की दिशा में एक महत्वपूर्ण और सराहनीय कदम है। एंटी व्हीकल थेफ्ट स्टाफ की कुशलता और त्वरित कार्रवाई ने न केवल पीड़ितों को आंशिक राहत पहुंचाई है, बल्कि अन्य आपराधिक तत्वों के लिए भी एक कड़ा संदेश दिया है।

हालांकि, यह सफलता एक सतत संघर्ष का हिस्सा है। चोरी और संगठित अपराध समाज के लिए एक निरंतर चुनौती बने रहते हैं, जिनसे निपटने के लिए पुलिस की सक्रियता के साथ-साथ नागरिकों के सहयोग की भी महती आवश्यकता होती है। नागरिक अपनी संपत्ति की सुरक्षा के प्रति सचेत रहकर, संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत पुलिस को देकर, और अपने प्रतिष्ठानों व घरों में सीसीटीवी जैसे सुरक्षा उपकरण लगाकर अपराध की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। जब पुलिस और नागरिक मिलकर काम करते हैं, तभी एक सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण संभव हो पाता है। कैथल पुलिस की यह कार्रवाई निश्चित रूप से कानून व्यवस्था बनाए रखने और नागरिकों में सुरक्षा की भावना को मजबूत करने में सहायक सिद्ध होगी।

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