हाई कोर्ट ने हरियाणा व पंजाब सरकार को एक हफ्ते में शंभू बार्डर खोलने का दिया आदेश, किसानों को कही यह बात
नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़ : Haryana And Punjab News: हरियाणा और पंजाब के आम लोगों के लिए खुशखबरी है। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा व पंजाब सरकार को एक सप्ताह के भीतर सभी बैरिकेड हटाकर शंभू बार्डर पूरी तरह खोलने के आदेश दिए हैं। जस्टिस गुरमीत सिंह संधावालिया व जस्टिस विकास बहल की पीठ ने कहा कि शंभू बार्डर पर हाईवे पिछले छह महीने से बंद है। इसे ज्यादा समय तक बंद नहीं रखा जा सकता। अब वहां महज 500 प्रदर्शनकारी हैं, इसलिए हाईवे खोला जा सकता है। शंभू बार्डर के बंद होने से आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। धरने पर बैठे किसानों ने हाई कोर्ट के फैसले को स्वागत करते हुए कहा कि वे 16 जुलाई को बैठक कर अगला फैसला लेंगे। दूसरी तरफ, हरियाणा सरकार का कहना है कि वह हाई कोर्ट के आदेश का अध्ययन कराएगी। इसके बाद पंजाब सरकार से समन्यव स्थापित किया जाएगा। बुधवार को देर शाम शंभू बार्डर पर हलचल तेज हो गई और किसान इकट्ठा होने लगे। हरियाणा की तरफ से की गई बैरिकेडिंग पर तैनात पुलिसकर्मी और अद्धसैनिक बल के जवान भी सक्रिय हो गए।
जनहित याचिका पर हुई सुनवाई
पंचकूला के अधिवक्ता उदय प्रताप सिंह ने इस संबंध में हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। इस पर सुनवाई करते हुए पीठ हरियाणा व पंजाब की सरकारों को वहां कानून व्यवस्था बनाए रखने को कहा है। किसानों को नसीहत दी कि कानून व्यवस्था का ध्यान रखें। जानकार बताते हैं कि पंजाब और हरियाणा सरकारें चाहती हैं कि शंभू बार्डर को जल्द से जल्द खोल दिया जाए। इस कारण हाई कोर्ट के आदेश का अनुपालन करने में ज्यादा परेशानी नहीं आने वाली है। किसानों ने एमएसपी व दूसरी मांगों को लेकर बीते 13 फरवरी से दिल्ली कूच का एलान किया था, लेकिन हरियाणा सरकार ने उन्हें पंजाब सीमा पर ही रोक दिया। हरियाणा की तरफ से 12 फरवरी को शंभू बार्डर पर बैरिकेडिंग कराई गई थी। तभी से किसान सीमा पर धरना लगाकर बैठे हुए हैं। शंभू बार्डर पर हाईवे बंद होने से दोनों तरफ के लोगों को भारी परेशानी हो रही है। उन्हें दूसरे रास्तों से होकर जाना पड़ता है। दिल्ली-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर वाहनों का लोड बढ़ गया है। सुबह-शाम हजारों वाहन कई घंटे तक जाम में फंसे रहते हैं।
झज्जर के पुलिस कमिश्नर करेंगे शुभकरण मामले की जांच
बार्डर पर हरियाणा पुलिस की गोली से मारे गए पंजाब के किसान शुभकरण सिंह की मौत की जांच झज्जर के पुलिस आयुक्त बी सतीश बालन को सौंप दी गई है। अगली सुनवाई सात अगस्त को होगी। गत 21 फरवरी को पंजाब व हरियाणा सीमा पर प्रदर्शन के दौरान शुभकरण सिंह की मौत हो गई थी। आरोप है कि हरियाणा पुलिस की ओर से चलाई गई गोली लगने से शुभकरण की मौत हुई।
जांच के लिए 3 पुलिस अधिकारियों के नाम प्रस्तावित
पिछली सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार से जांच के लिए तीन पुलिस अधिकारियों के नाम प्रस्तावित करने का आदेश दिया था। बुधवार को सरकार की ओर से प्रस्तावित नामों से में हाई कोर्ट ने झज्जर के पुलिस कमिश्नर बी सतीश बालन को मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल का प्रमुख बनाने का आदेश दिया। सुनवाई के दौरान कोर्ट में सील बंद फोरेंसिक रिपोर्ट पेश की गई। रिपोर्ट के अनुसार शुभकरण के सिर पर शाटगन की गोली का जख्म लगता है। सरकार की तरफ से बताया गया कि हरियाणा पुलिस शाटगन का प्रयोग नहीं करती। कोर्ट ने फोरेंसिक रिपोर्ट को दोबारा सील करने का आदेश दिया।
किसान नेता बोले, हम पहले से कह रहे थे कि नेशनल हाईवे हमने नहीं किया बंद
शंभू बार्डर पर जुटे किसान नेता सरवण सिंह पंधेर, जगजीत सिंह डल्लेवाल, मंजीत सिंह घुमाणा, दिलबाग सिंह गिल, मंजीत सिंह राय, सतनाम सिंह, तेजवीर सिंह पंजोखरा आदि ने हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। पंधेर ने कहा कि हम तो पहले से कह रहे हैं कि शंभू बार्डर पर रास्ता किसानों ने नहीं, हरियाणा सरकार ने रोका है। हाई कोर्ट ने एक अच्छा आदेश दिया है। पंधेर ने कहा कि पुलिस के साथ किसानों का टकराव न हो इसलिए हमने धरना दिया हुआ है। भाकियू आजाद के प्रधान अमरजीत सिंह ने कहा कि हरियाणा सरकार धरना स्थल के आसपास के किसानों को हमारे खिलाफ भड़का रही है। उधर, एसोसिएशन आफ ट्रेड एंड इंडस्ट्रियल अंडरटेकिंग्स के अध्यक्ष पंकज शर्मा ने कहा कि शंभू बार्डर बंद होने से उद्योग व व्यापार को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। उन्मीद है, किसान संगठन कोर्ट के निर्णय का सम्मान करते हुए धरना खत्म कर देंगे।