अरशद मदनी ने कहा, मंदिर तोड़कर जो मस्जिद बनाई जाए वह इस्लाम में स्वीकार नहीं
लखनऊ, बीएनएम न्यूज। जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने गुरुवार को कहा कि मंदिर तोड़कर जो मस्जिद बनाई जाए वह इस्लाम में स्वीकार नहीं है। जहां तक अयोध्या की बात है तो सुप्रीम कोर्ट ने यह नहीं माना है कि राम मंदिर तोड़कर बाबरी मस्जिद बनी थी। आस्था की बुनियाद पर यह जमीन दूसरे पक्ष को दी गई है। हम तो 70 वर्षों से केवल इस बात की लड़ाई न्यायालय में लड़ रहे थे कि यह बाबरी मस्जिद है, इसे मंदिर तोड़कर नहीं बनाया गया है। जो इल्जाम बाबर पर लगे थे कि उसने राम मंदिर तोड़कर बाबरी मस्जिद बना ली, आज वही इल्जाम मौजूद लोगों पर लग गए हैं। सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद बाबर तो इस इल्जाम से बरी हो गया।
सरकारी पैसों से संचालित मदरसों की हो रही जांच
जमीयत उलमा यूपी की कार्यकारिणी की बैठक के बाद अरशद मदनी ने हलाल उत्पादों पर प्रतिबंध के प्रश्न पर कहा कि यूपी में तो एक भी हलाल प्रमाणित करने का केंद्र नहीं है। मदरसों की जांच के मुद्दे पर कहा कि यह जांच उन्हीं की हो रही है जो सरकारी पैसों से संचालित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम न तो चुनाव लड़ते हैं और न ही लड़ाते हैं। राजनीतिक दलों को चाहिए कि वे अपना प्रचार इस तरह से करें कि देश में प्यार-मोहब्बत, अमन-भाईचारा बढ़े। उन्हें ऐसा प्रचार नहीं करना चाहिए जिससे नफरत व सांप्रदायिकता बढ़े।
लड़कियों के लिए अलग स्कूल बनाने की अपील की
उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक शक्तियां जिस तरह से नफरत के नारे दे रही हैं वह देश का विरोध है। पहले ही सांप्रदायिकता की वजह से हमारा देश विभाजित हो चुका है, अगर यह बढ़ेगी तो देश को नुकसान होगा। उन्होंने लड़कियों के लिए अलग स्कूल बनाने की अपील की। इस दौरान उन्होंने कहा कि लड़कियों को मतांतरण का शिकार बनाया जाता है, जिसे रोकना समय की जरूरत है। उन्होंने मतदाता बनने के अभियान में भी सभी को बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की। कार्यकारिणी की बैठक के लिए 37 जिलों के पदाधिकारी आए थे। इसकी अध्यक्षता प्रांतीय अध्यक्ष मौलाना सैयद अशहद रशीदी ने की।