अयोध्या की मुहम्मद बिन अब्दुल्ला मस्जिद में होंगी 5 मीनारें, जानें क्या होंगी और खूबियां
मुंबई, बीएनएम न्यूज। Ayodhya Mosque: अयोध्या के धन्नीपुर गांव में बनने जा रही मुहम्मद बिन अब्दुल्ला मस्जिद इस्लाम के पांच सिद्धांतों पर आधारित होगी। यह जानकारी इस प्रस्तावित मस्जिद के नवनियुक्त अध्यक्ष हाजी अराफात शेख ने दी। शेख महाराष्ट्र अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
हाल ही में उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जफर फारुकी द्वारा प्रस्तावित मुहम्मद बिन अब्दुल्ला मस्जिद के अध्यक्ष नियुक्त किए गए हाजी अराफात शेख कहते हैं कि हैदराबाद में चार मीनार वाली मस्जिद है। कई जगह दो मीनारों वाली मस्जिदें हैं। लेकिन अयोध्या के धन्नीपुर में प्रस्तावित मस्जिद पांच मीनारों वाली होगी। इसकी पांचों मीनारें इस्लाम के पांच सिद्धांतों कलमा, नमाज, रोजा, जकात और हज की प्रतीक होंगी। मस्जिद में इन सभी सिद्धांतों का पालन किया जाएगा और यह मस्जिद दुआ और दवा का एक केंद्र बनकर दुनिया में याद की जाएगी।
मस्जिद में दुनिया की सबसे बड़ी पवित्र कुरान मौजूद होगी
शेख ने कहा कि यह मेरे लिए गर्व की बात है कि लंबे समय से रुकी हुई समस्या का समाधान हुआ है। हम अपने देश भारतवर्ष को भारत माता कहकर सम्मान देते हैं। भारत का नक्शा सामने रखकर देखिए तो प्रस्तावित मस्जिद का स्थान उसमें भारत माता के दिल के स्थान पर नजर आता है। वह आगे कहते हैं कि मस्जिद की पांच मीनारें 11 किलोमीटर दूर से दिखाई देंगी। इस मस्जिद में दुनिया की सबसे बड़ी पवित्र कुरान मौजूद होगी। केसरिया रंग की यह कुरान 21 फीट लंबी होगी और जब यह खोली जाएगी तो वह 18.18 फीट की होगी। वहां पानी के फव्वारे इस तरह बनाए जा रहे हैं कि शाम की अजान के समय फव्वारों से अजान के स्वर सुनाई देंगे। अजान के समय लाइटें अपने आप चालू हो जाएंगी और भोर की नमाज के बाद लाइटें अपने आप बंद हो जाएंगी।
मस्जिद में कैंसर रोगियों के लिए अस्पताल भी बनाया जाएगा
वुजू हाल के अंदर दुबई से भी बड़ा फिश एक्वेरियम बनाया जा रहा है। सरयू नदी से सिर्फ कुछ सौ मीटर की दूरी पर प्रस्तावित इस मस्जिद में कैंसर रोगियों के लिए अस्पताल भी बनाया जाएगा। वहां सभी धर्मों के रोगियों का इलाज बिल्कुल मुफ्त होगा। विशेष रूप से यहां शाकाहारी सामुदायिक रसोई का निर्माण किया जाएगा। जिस दिन मस्जिद का निर्माण कार्य शुरू होगा, उस दिन से रोजाना तीन से पांच हजार लोग इस रसोई में शुद्ध शाकाहारी भोजन कर सकेंगे। रसोई में सप्ताह के सातों दिन बदल-बदलकर शाकाहारी भोजन तैयार किया जाएगा।