पहले दिल के दौरे से पूर्व होने वाले बदलाव का पता चला, सतर्कता बरत कर टाला जा सकता है

दिल का दौरा पड़ना विश्व में मौत का सबसे आम कारण है। हाल के दिनों में इसमें बढ़ोतरी देखी गई है। विज्ञानियों का कहना है कि अगर हार्ट अटैक आने से पहले इसका अनुमान लगाया जा सके, तो सतर्कता बरतकर इसे टाला जा सकता है। इसे लेकर किए गए शोध के दौरान विज्ञानियों को पहला दिल का दौरा पड़ने से पूर्व खून में मौजूद 90 नए अणुओं की पहचान करने में सफलता मिली है।
यूनिवर्सिटी आफ स्वीडन के विज्ञानियों का कहना है कि छह महीने में होने वाले हार्ट अटैक का पता खून की जांच से चल सकता है और इसे लेकर निवारक उपचार शुरू किया जा सकता है। उप्साला विश्वविद्यालय में हृदय रोग विशेषज्ञ प्रोफेसर जोहान सुंडस्ट्राम ने कहा कि हम जानते हैं कि दिल का दौरा पड़ने से ठीक पहले का समय बहुत अलग सा होता है।

उदाहरण के लिए, तलाक के महीने के दौरान दिल का दौरा पड़ने का जोखिम दोगुना और कैंसर का पता चलने के बाद सप्ताह के दौरान दिल का दौरा पड़ने का खतरा पांच गुना अधिक होता है। नेचर कार्डियोवास्कुलर रिसर्च जर्नल में प्रकाशित शोध में कहा गया है कि शोधकर्ता ऐसे तरीके विकसित करना चाहते थे, जो स्वास्थ्य सेवाओं को ऐसे लोगों की पहचान करने में सक्षम बनाए जो जल्द ही पहले दिल के दौरे से पीड़ित होने वाले हों। इसके लिए अनुसंधानकर्ताओं के पास 169,053 व्यक्तियों के खून के नमूने मौजूद थे। उन्हें पहले से कोई हृदय रोग नहीं था। छह महीने के भीतर इनमें से 420 को पहला दिल का दौरा पड़ा। उनके खून की तुलना समूह के स्वस्थ सदस्यों के ब्लड से की गई, जिसमें इन नए अणुओं की पहचान की गई।                    (आइएएनएस)

 

 

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