china pneumonia outbreak 2023: चीन में सर्दी-जुकाम के बढ़ते मामलों को लेकर भारत सतर्क, आप भी रहें अलर्ट
नई दिल्ली, एजेंसी: चीन के अस्पतालों में इस समय बड़े पैमाने पर सांस संबंधी दिक्कतों का सामना करने वाले लोग पहुंच रहे हैं। बीजिंग ने शुक्रवार को स्कूलों और अस्पतालों में सांस की बीमारियों के बढ़ने (china pneumonia outbreak) के कारण सतर्कता बरतने का आह्वान किया। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वहां की सरकार से मरीजों का डेटा मांगा था, जिसका अध्ययन करने के बाद उसने कहा कि कोई असामान्य या नए वायरस का पता नहीं चला है। चीन के दक्षिणी और उत्तरी प्रांतों में सर्दी-जुकाम के बढ़ते ताजा मामलों को लेकर भारत सतर्क (India alert about pneumonia in China)हो गया है। वैसे तो चीन किसी नए वायरस और नए पैथोजेन के नहीं पाये जाने का दावा करते हुए इसके संक्रामक और घातक होने से इन्कार कर रहा है। लेकिन भारत ने साफ कर दिया है कि वह चीन की स्थिति पर पूरी तरह से नजर रखे हुए है और इस मामले में विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ भी संपर्क में है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चीन में सर्दी-जुकाम के कारण बड़ी संख्या में बच्चों के अस्पताल में भर्ती कराने की खबर आ रही है और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसको लेकर चिंता भी जताई है। उन्होंने कहा कि अभी तक इस मामले में असामान्य मौतों की खबर नहीं आई है और न ही इसके बहुत ज्यादा संक्रामक की ठोस जानकारी मिली है। चीन के दावे पर भरोसा किया जाए, तो यह इन्फ्लुएंजा, एडिनोवायरस, माइक्रोप्लाज्मा जैसे सर्दी जुकाम फैलाने वाले सभी कारकों का मिला-जुला असर है और इसी कारण मरीजों की संख्या कुछ ज्यादा दिख रही है। लेकिन यह अस्पतालों से क्षमता से ज्यादा नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और समय आने पर उचित कदम उठाएंगे।
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कोविड महामारी बीमारी के शुरूआत में चीन ने जिस तरह से आंकड़ों को छुपाया और पूरी दुनिया को अंधेरे में रखा उससे उसके दावों पर पूरी तरह भरोसा करना संभव नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन भी इसी कारण चीन से बार-बार रिपोर्ट तलब कर रहा है। ध्यान देने की बात है कि कोरोना वायरस के संक्रामक और घातक होने की जानकारी चीन को नवंबर 2019 में ही हो गई थी, लेकिन जनवरी तक दुनिया से छुपाए रखा।
डाक्टरों ने दी निगरानी और स्वच्छता बढ़ाने की सलाह
चीन में न्यूमोनिया के बढ़ते मामलों के बीच भारतीय डाक्टरों ने देश में ऐसी स्थिति उत्पन्न होने पर निगरानी बढ़ाने के साथ-साथ स्वच्छता उपाय बढ़ाने का आह्वान किया है। इसमें तेज बुखार जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं। चीन में फैल रहा यह न्यूमोनिया बच्चों को निशाना बना रहा है। डाक्टरों का कहना है कि उपलब्ध सीमित जानकारी को देखते हुए हाथों की स्वच्छता, इन्फ्लूएंजा टीकाकरण, प्रभावित बच्चों को अलग करना और चेहरे को ढकने जैसे निवारक उपायों को प्राथमिकता देना आवश्यक होगा।
डब्ल्यूएचओ ने चीन से मांगी जानकारी
इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि चीन में माइकोप्लाज्मा निमोनिया और इन्फ्लूएंजा फ्लू के केस बढ़ते जा रहे हैं। कई संक्रामक श्वसन संबंधी बीमारियों का प्रकोप है। इस संबंध में चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि इस वृद्धि के पीछे कोई असामान्य या नए रोगजनकों का पता नहीं चला है।
चीन ने सतर्कता बरतने को कहा
चीन ने स्कूलों और अस्पतालों में श्वसन संबंधी बीमारियों के मामले बढ़ने के कारण शुक्रवार को सतर्कता बरतने की अपील की है। चीन के स्वास्थ्य अधिकारी ने कोविड संक्रमण के दोबारा बढ़ने के जोखिम के बारे में भी चेतावनी दी है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से कहा गया है कि समय पर सटीक तरीके से सूचना सुनिश्चित करने के लिए सभी इलाकों को संक्रामक रोगों पर सूचना रिपोर्टिंग को मजबूत करना चाहिए। परिषद की ओर से कहा गया कि सर्दी और वसंत में इन्फ्लूएंजा चरम पर होगा और भविष्य में कुछ क्षेत्रों में माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया का संक्रमण अधिक रहेगा।